कोलकाता,14 नवंबर (युआईटीवी)- कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डन्स में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच बहुप्रतीक्षित टेस्ट सीरीज का आगाज़ हो चुका है। पहले टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया है। यह निर्णय मेहमान टीम की उस रणनीति को दर्शाता है,जिसमें वे शुरूआती घंटे की पिच का पूरा फायदा उठाकर बड़ा स्कोर खड़ा करना चाहेंगे। टेस्ट मैच की शुरुआत से पहले ही दोनों टीमों की प्लेइंग इलेवन को लेकर खासा रोमांच देखने को मिला,जिसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं।
सबसे बड़ा आकर्षण रहा भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत की टीम में वापसी। पंत,जिन्हें इंग्लैंड दौरे के दौरान पैर में गंभीर चोट लग गई थी,लंबे समय तक मैदान से दूर रहे। इंग्लैंड सीरीज बीच में छोड़नी पड़ी और उसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज से भी उन्हें बाहर बैठना पड़ा,लेकिन अब पूरी तरह फिट होकर पंत की वापसी ने न सिर्फ टीम इंडिया की बल्लेबाजी को मजबूती दी है,बल्कि मध्यक्रम को स्थिरता भी प्रदान की है। उनकी विकेटकीपिंग क्षमता और आक्रामक बल्लेबाजी भारतीय टीम के लिए इस मुकाबले में अहम साबित हो सकती है।
भारत की ओर से एक और बड़ी उम्मीद ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा से है,जो इस टेस्ट में इतिहास रचने के बेहद करीब हैं। जडेजा केवल 10 रन दूर हैं उस एलिट क्लब में शामिल होने से,जहाँ टेस्ट क्रिकेट में 4,000 रन और 300 विकेट का शानदार संयोजन होता है। अब तक केवल तीन खिलाड़ी ही यह उपलब्धि हासिल कर पाए हैं और जडेजा का नाम इस सूची में शामिल होना भारतीय क्रिकेट के लिए एक और गर्व का क्षण होगा। उनकी गेंदबाजी इस पिच पर निर्णायक साबित हो सकती है,क्योंकि ईडन की पिच स्पिनरों को मध्य ओवरों में काफी मदद करती है।
भारतीय टीम इस मुकाबले में आत्मविश्वास से भरी हुई है। अक्टूबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज में भारत ने 2-0 से क्लीन स्वीप दर्ज किया था। उस श्रृंखला में बल्लेबाज़ों और गेंदबाज़ों का प्रभावशाली संतुलन देखने को मिला। कप्तान शुभमन गिल,जो इस समय बेहतरीन फॉर्म में हैं,इस मैच में एक और रिकॉर्ड की ओर बढ़ रहे हैं। इस कैलेंडर ईयर में वह सबसे अधिक टेस्ट शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज बनने की कगार पर हैं। फिलहाल यह रिकॉर्ड महान सचिन तेंदुलकर के नाम है,जिन्होंने वर्ष 2010 में 7 शतक लगाए थे। गिल की निरंतरता और तकनीक उन्हें टेस्ट क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में शामिल कर चुकी है।
साउथ अफ्रीका की बात करें तो उनकी प्लेइंग इलेवन में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। टीम के तेज़ गेंदबाज़ और अनुभवी खिलाड़ी कगिसो रबाडा को इस मैच में जगह नहीं मिल सकी है। क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह किसी चौंकाने वाले निर्णय से कम नहीं था क्योंकि रबाडा साउथ अफ्रीकी गेंदबाजी की रीढ़ माने जाते हैं। हालाँकि,टीम मैनेजमेंट ने कॉर्बिन बॉश को शामिल किया है,जो हाल के समय में काफी प्रभावशाली रहे हैं। माना जा रहा है कि रबाडा को आराम देने की रणनीति आगामी टेस्ट मैचों को ध्यान में रखते हुए अपनाई गई है। हालाँकि,रबाडा इस सीरीज में यदि 10 विकेट हासिल कर लेते हैं,तो टेस्ट क्रिकेट में उनके 350 विकेट पूरे हो जाएँगे। इस पड़ाव तक पहुँचना किसी भी तेज गेंदबाज के लिए बड़ी उपलब्धि होती है।
टेस्ट मैच के इतिहास पर नज़र डालें तो भारत और साउथ अफ्रीका के बीच अब तक कुल 44 टेस्ट खेले गए हैं। इनमें साउथ अफ्रीका ने 18 मैच जीते हैं,जबकि भारत ने 16 मुकाबले अपने नाम किए हैं। इसके अलावा 10 मैच ड्रॉ रहे हैं। यह आँकड़े इस बात की ओर संकेत करते हैं कि दोनों टीमों के बीच मुकाबला हमेशा बराबरी का रहा है और किसी भी टीम को हल्के में नहीं लिया जा सकता। खास बात यह है कि साउथ अफ्रीका टेस्ट फॉर्मेट की मौजूदा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन टीम है,इसलिए उनके खिलाफ किसी भी सीरीज में भारत को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना होगा।
ईडन गार्डन्स का मैदान अपने वातावरण और रोमांच के लिए दुनिया भर में मशहूर है। यहाँ की भीड़ खिलाड़ियों को अतिरिक्त ऊर्जा देती है और ऐसे में पहला टेस्ट मैच दर्शकों के लिए शानदार अनुभव साबित होने वाला है। क्रिकेट प्रेमी इस मुकाबले में कई रोचक माइलस्टोन,रिकॉर्ड और खिलाड़ियों की वापसी को लेकर खासा उत्साहित हैं। जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ेगा,यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत घरेलू लाभ का पूरा फायदा उठाते हुए बढ़त हासिल कर पाएगा या साउथ अफ्रीका अपनी मजबूत टेस्ट रणनीति के दम पर भारत को चुनौती देगा।
भारत-साउथ अफ्रीका की यह टेस्ट भिड़ंत रोमांच,कौशल और रिकॉर्ड्स के नए पन्नों को लिखने का वादा करती है।
भारतीय टीम : शुभमन गिल (कप्तान),यशस्वी जायसवाल,केएल राहुल,ऋषभ पंत (विकेटकीपर),वॉशिंगटन सुंदर,रवींद्र जड़ेजा,अक्षर पटेल,ध्रुव जुरेल,कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज।
साउथ अफ्रीका टीम : टेंबा बावुमा (कप्तान),एडेन मार्करम, रयान रिकेल्टन,वियान मुल्डर,टोनी डी जोरजी,काइल वेरिन (विकेटकीपर),ट्रिस्टन स्टब्स,साइमन हार्मर, मार्को जानसेन,कॉर्बिन बॉश और केशव महाराज।

