ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग (तस्वीर क्रेडिट@iamrkrajput)

भारत दौरे पर पहुँची ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग,द्विपक्षीय रिश्तों को नई ऊँचाई देने पर रहेगा फोकस

नई दिल्ली,19 नवंबर (युआईटीवी)- ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग बुधवार को भारत के साथ उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुँचेंगी। यह यात्रा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तेजी से मजबूत होते रणनीतिक,आर्थिक और क्षेत्रीय संबंधों को नई गति देने के उद्देश्य से हो रही है। पेनी वोंग अपने भारतीय समकक्ष विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ 16वीं ऑस्ट्रेलिया-भारत विदेश मंत्रियों के फ्रेमवर्क डायलॉग की सह-अध्यक्षता करेंगी। इस बैठक को दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को अगले चरण में ले जाने वाला अहम मोड़ माना जा रहा है।

भारत रवाना होने से पहले जारी अपने बयान में पेनी वोंग ने कहा कि वह विदेश मंत्री जयशंकर के साथ अपनी 26वीं द्विपक्षीय बैठक करने को उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया पहले कभी इतने करीब नहीं रहे और दोनों देशों की साझेदारी पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो चुकी है। यह बयान साफ संकेत देता है कि आने वाले वर्षों में दोनों देशों के रिश्ते और अधिक व्यापक,रणनीतिक और भविष्य-केंद्रित होने जा रहे हैं।

पेनी वोंग ने कहा कि यह यात्रा भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की तीव्र प्रगति को जारी रखने वाला कदम है और यह दर्शाती है कि ऑस्ट्रेलिया सरकार दोनों देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करने के लिए निरंतर और गंभीर प्रयास कर रही है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों की समान रणनीतिक दृष्टि और क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर साझा चिंताएँ इस रिश्ते को और अधिक मजबूत आधार प्रदान करती हैं। पेनी वोंग ने कहा कि व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत हमारा सहयोग एक शांतिपूर्ण,स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत के उद्देश्य को आगे बढ़ाता है।

दोनों देशों के बीच वार्ता में कई प्रमुख क्षेत्रों पर गहन चर्चा होने की संभावना है। इसमें साइबर सुरक्षा,रणनीतिक और उभरती तकनीकें,द्विपक्षीय व्यापार,समुद्री सुरक्षा,रक्षा सहयोग,खेल,शिक्षा और लोगों के बीच संबंध शामिल हैं। पेनी वोंग ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया इन क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग को और अधिक व्यापक और प्रभावी बनाना चाहता है। विशेष रूप से रक्षा और समुद्री सुरक्षा को लेकर दोनों देशों की साझेदारी क्वाड जैसी बहुपक्षीय संस्थाओं के माध्यम से और मजबूत होती जा रही है।

ऑस्ट्रेलिया ने औपचारिक घोषणा में कहा है कि दोनों देश सामूहिक सुरक्षा और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय रूप से,क्वाड के माध्यम से और अंतर्राष्ट्रीय मंचों के जरिए मिलकर काम कर रहे हैं। हिंद-प्रशांत में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत और ऑस्ट्रेलिया का यह रणनीतिक समन्वय बेहद अहम माना जा रहा है।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक संबंध भी लगातार मजबूत हो रहे हैं। वर्ष 2022 में लागू हुए आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) ने दोनों देशों के व्यापार को नई दिशा दी है। भारत से ऑस्ट्रेलिया को भेजे जाने वाले प्रमुख निर्यातों में पेट्रोलियम उत्पाद,इंजीनियरिंग सामान और दवाइयाँ शामिल हैं,जबकि ऑस्ट्रेलिया से भारत को मुख्यतः कोयला,सोना और तांबा निर्यात किया जाता है। दोनों देश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुँचाने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं।

इसके अलावा,शिक्षा के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध विकसित हो रहे हैं। हजारों भारतीय विद्यार्थी ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं,वहीं कई ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय भारत में सहयोग और निवेश को बढ़ाने में रुचि दिखा रहे हैं। भविष्य में टेक्नोलॉजी और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ने की उम्मीद है।

पेनी वोंग की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है,जब वैश्विक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियाँ बढ़ रही हैं। ऐसे माहौल में भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में संतुलन,सहयोग और स्थिरता स्थापित करने में अहम भूमिका निभा सकती है। इस दौरे से दोनों देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

पेनी वोंग की इस यात्रा को भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जा रहा है,जो न केवल द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करेगी,बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भी नए रास्ते खोलेगी।