पणजी,20 नवंबर (युआईटीवी)- फिडे शतरंज विश्व कप 2025 में भारतीय सफर बुधवार को समाप्त हो गया,जब देश की आख़िरी उम्मीद ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगैसी क्वार्टर फाइनल टाईब्रेक में चीन के शीर्ष खिलाड़ी ग्रैंडमास्टर वेई यी से हार गए। यह मुकाबला न केवल रोमांच से भरपूर था,बल्कि भारतीय प्रशंसकों के लिए निराशाजनक भी,क्योंकि अर्जुन की हार के साथ ही विश्व कप में भारत की 24 सदस्यीय चुनौती का अंत हो गया।
अर्जुन एरिगैसी टूर्नामेंट की शुरुआत से ही शानदार फॉर्म में थे। शुरुआती दौरों में उन्होंने बेहतरीन रणनीति दिखाई और लगातार जीत दर्ज करते हुए अंतिम आठ में पहुँचे। क्वार्टर फाइनल में उनका सामना दुनिया के सबसे खतरनाक युवा खिलाड़ियों में से एक वेई यी से था। वेई अपनी आक्रामक शैली और सटीक गणना के लिए मशहूर हैं। दोनों खिलाड़ियों के बीच क्लासिकल प्रारूप के दो गेम ड्रॉ रहे,जिसके बाद परिणाम टाईब्रेक पर निर्भर हो गया। यहाँ से मैच की असली परीक्षा शुरू हुई।
पहले टाईब्रेक गेम में अर्जुन ने काले मोहरों के साथ फ्रेंच डिफेंस अपनाया। शुरुआती चालों में ऐसा लग रहा था कि वेई यी स्थिति पर नियंत्रण बना रहे हैं,लेकिन 27वीं चाल पर चीनी खिलाड़ी की एक सुरक्षित लेकिन कमजोर चाल ने अर्जुन को सांस लेने का मौका दिया। इस मौके का फायदा उठाते हुए भारतीय खिलाड़ी ने मध्य और अंतिम चरण में संतुलन बनाया और मुकाबला 66 चालों तक खिंचने के बाद ड्रॉ पर समाप्त हुआ। इस परिणाम से उम्मीद जगी कि अर्जुन सफेद मोहरों से खेले जाने वाले दूसरे गेम में आक्रामक खेल दिखाते हुए बढ़त हासिल कर सकते हैं।
लेकिन दूसरा टाईब्रेक गेम पूरी तरह वेई यी के नाम रहा। चीनी खिलाड़ी ने पेत्रोव डिफेंस अपनाया,जो अपनी मजबूती और संतुलन के लिए जाना जाता है। सफेद मोहरों से खेलते हुए अर्जुन को जीत का रास्ता खोजना था,क्योंकि ड्रॉ का मतलब वे बाहर हो जाते। इस दबाव की वजह से भारतीय खिलाड़ी ने कुछ जोखिम भरे फैसले लिए। वेई यी ने इन गलतियों का फायदा उठाया और धीरे-धीरे बढ़त बनाते हुए 79 चालों में मैच अपने नाम कर लिया। यह जीत वेई यी के अनुभव और धैर्य का सूचक थी। मैच के बाद उन्होंने कहा, “मैं खुश और उत्साहित हूँ कि मैं इतने मजबूत खिलाड़ी को हरा सका। पहले गेम में मेरे पास कई मौके थे,लेकिन मैं उसे फिनिश नहीं कर पाया। दूसरे गेम में,अर्जुन जीतने की कोशिश कर रहा था और इसी दबाव में उसने कुछ गलतियाँ कीं जिनका मुझे फायदा मिला।”
उधर,अन्य टाईब्रेक मुकाबलों में भी कई रोमांचक परिणाम देखने को मिले। ग्रैंडमास्टर आंद्रे एसिपेंको ने अमेरिकी खिलाड़ी सैम शैंकलैंड को टाईब्रेक के दूसरे सेट में हराकर सेमीफाइनल में जगह बनायी। पहले सेट में दोनों खिलाड़ियों ने एक-एक जीत हासिल की थी,लेकिन दूसरे सेट में एसिपेंको ने पहले काले मोहरों से धमाकेदार जीत दर्ज की और फिर सफेद मोहरों से भी मुकाबला जीतकर अंतिम चार में जगह बना ली। अब सेमीफाइनल में उनका सामना वेई यी से होगा,जो टूर्नामेंट का सबसे हाई-वोल्टेज मुकाबला माना जा रहा है।
इसके अलावा,उज़्बेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर जावोखिर सिंडारोव ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह पक्की कर ली। उन्होंने टाईब्रेक के दूसरे सेट में पेरू के मार्टिनेज अलकांतारा और जोस एडुआर्डो के खिलाफ लगातार जीत दर्ज की। सिंडारोव का प्रदर्शन इस साल लगातार निखरा है और वे इस समय दुनिया के सबसे तेज़ी से उभरते युवा खिलाड़ियों में गिने जाते हैं।
भारत की बात करें तो इस बार विश्व कप में कुल 24 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था,जिनमें कई युवा और अनुभवी नाम शामिल थे। हालाँकि,शुरुआती दौरों में कुछ खिलाड़ियों ने उम्मीद जगाई,लेकिन अंत में केवल अर्जुन ही क्वार्टर फाइनल तक पहुँच सके। उनका प्रदर्शन सराहनीय रहा,लेकिन टाईब्रेक के निर्णायक क्षणों में वेई यी का अनुभव भारी पड़ा। भारतीय शतरंज महासंघ के अनुसार,यह हार भले ही निराशाजनक है,लेकिन युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन बताता है कि भारत शतरंज के विश्व मंच पर लगातार मजबूत हो रहा है।
अर्जुन एरिगैसी की हार के साथ ही शतरंज विश्व कप 2025 में भारतीय चुनौती का सफर थम गया है। अगले साल होने वाले अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों और ओलंपियाड को देखते हुए यह अनुभव भारतीय खिलाड़ियों को और मजबूत बनाएगा। फिलहाल, विश्व कप अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है और अब पूरी दुनिया की निगाहें वेई यी, एसिपेंको और सिंडारोव जैसे खिलाड़ियों पर होंगी,जो खिताब के लिए मैदान में उतरेंगे।

