पीएम नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय दक्षिण अफ्रीका दौरे पर रवाना (तस्वीर क्रेडिट@MEAIndia)

पीएम नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय दक्षिण अफ्रीका दौरे पर रवाना,जोहान्सबर्ग में होगा ‘जी-20 लीडर्स समिट’

नई दिल्ली,21 नवंबर (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह अपने महत्वपूर्ण तीन दिवसीय दक्षिण अफ्रीका दौरे पर रवाना हो गए। उन्होंने सुबह करीब साढ़े सात बजे जोहान्सबर्ग के लिए उड़ान भरी,जहाँ वह 21 से 23 नवंबर तक आयोजित होने वाले ‘जी-20 लीडर्स समिट’ में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह समिट दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में आयोजित हो रहा है और इसे वैश्विक कूटनीति के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी इस सम्मेलन में न केवल भारत की विदेश नीति और वैश्विक दृष्टिकोण को प्रस्तुत करेंगे,बल्कि कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों व प्रमुख नेताओं से द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे।

प्रधानमंत्री ने यात्रा से पहले जारी संदेश में कहा कि यह समिट कई मायनों में ऐतिहासिक होगा,क्योंकि पहली बार ‘जी-20’ का आयोजन अफ्रीकी महाद्वीप में हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने याद दिलाया कि भारत की अध्यक्षता वाले 2023 जी-20 समिट के दौरान अफ्रीकन यूनियन को समूह का स्थायी सदस्य बनाया गया था,जो वैश्विक निर्णय प्रक्रिया में अफ्रीका की भागीदारी को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम था। ऐसे में अफ्रीका में होने वाला यह पहला समिट न केवल प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण है,बल्कि विकास शील दुनिया के सहयोग और साझेदारी को नई दिशा देने वाला भी है।

इस वर्ष के ‘जी-20 लीडर्स समिट’ की थीम “एकजुटता,समानता और सस्टेनेबिलिटी” रखी गई है। दक्षिण अफ्रीका ने भारत और ब्राजील में हुए पिछले जी-20 आयोजनों के निष्कर्षों को आगे बढ़ाते हुए ऐसे एजेंडे को तैयार किया है,जिसका उद्देश्य विकासशील देशों की चुनौतियों,जलवायु परिवर्तन,वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिरता,डिजिटल सहयोग,वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को मजबूती देना है। भारत,ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज़ को लगातार मजबूत करने के पक्षधर रहे हैं और इसी दिशा में इस समिट से कई महत्वपूर्ण घोषणाओं की उम्मीद की जा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी सम्मेलन के तीनों प्रमुख सत्रों को संबोधित करेंगे,जिनमें वह भारत की नीतिगत प्राथमिकताओं को सामने रखेंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ तथा ‘एक धरती,एक परिवार और एक भविष्य’ के भारतीय विजन के अनुरूप दुनिया को स्थिर,समावेशी और टिकाऊ दिशा देने की आवश्यकता पर जोर देंगे। भारत बीते वर्षों में वैश्विक संकटों पर समाधान-उन्मुख भूमिका निभाता रहा है,चाहे वह कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीन मैत्री अभियान हो या डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्व के लिए मॉडल के रूप में प्रस्तुत करना। पीएम मोदी इस मंच से वैश्विक सहयोग की नई संरचना पर भी अपनी बात रखेंगे।

दक्षिण अफ्रीका में आयोजित होने वाले इस समिट के दौरान कई द्विपक्षीय मुलाकातों की भी संभावना है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के संबंध ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहे हैं और दोनों देश ब्रिक्स,आईबीएसए और ग्लोबल साउथ के बड़े साझेदार हैं। प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान आयोजित छठे ‘आईबीएसए लीडर्स समिट’ में भी हिस्सा लेंगे। इंडिया-ब्राजील-साउथ अफ्रीका (आईबीएसए) समूह लोकतांत्रिक और विकासशील देशों का महत्वपूर्ण मंच है,जहाँ सहयोग को सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में बढ़ाने के लिए नई रणनीतियाँ बनाई जाती हैं।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा है कि दक्षिण अफ्रीका प्रवास के दौरान वह वहाँ बसे भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के लोगों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक में से एक है और भारत-दक्षिण अफ्रीका संबंधों को मजबूत बनाने में डायस्पोरा की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। पीएम मोदी ने कहा कि वह भारतीय समुदाय के साथ अपने संवाद का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं,क्योंकि यह समुदाय सांस्कृतिक,आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में भारत की पहचान को मजबूती देता आया है।

समिट में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वर्तमान चुनौतियों,महँगाई,आपूर्ति श्रृंखला संकट,ऊर्जा सुरक्षा,खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होने की उम्मीद है। यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते उत्पन्न भू-राजनीतिक तनाव और इसके कारण बनी वैश्विक अनिश्चितता भी इस समिट की महत्वपूर्ण चर्चा का हिस्सा रहेगी। भारत लगातार शांति,संवाद और कूटनीति के माध्यम से समाधान खोजने की वकालत करता रहा है और उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी इसी दृष्टिकोण को प्रमुखता से रखेंगे।

अफ्रीकी देशों के विकास,उन्हें वैश्विक संस्थाओं में अधिक प्रतिनिधित्व देने और ग्लोबल गवर्नेंस में सुधार पर भी यह समिट केंद्रित रहेगा। भारत लगातार यह कहता रहा है कि विश्व की समस्याओं के समाधान में ग्लोबल साउथ की भूमिका अनिवार्य है और इस बार दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में आयोजित समिट में यह विषय और अधिक मजबूती से उठेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दक्षिण अफ्रीका दौरा भारत की वैश्विक भूमिका,कूटनीतिक सक्रियता और ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज़ को मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जोहान्सबर्ग में होने वाला यह ‘जी-20 लीडर्स समिट’ वैश्विक नीतियों के भविष्य की दिशा तय करने में अहम साबित हो सकता है और भारत इसमें अपनी निर्णायक भूमिका निभाने की तैयारी के साथ आगे बढ़ रहा है।