एशेज 2025-26 पर्थ टेस्ट में गेंदबाजों का दबदबा (तस्वीर क्रेडिट@CricCrazyJohns)

एशेज 2025-26: पर्थ टेस्ट में गेंदबाजों का दबदबा,दो दिनों में ढेर हुईं दोनों टीमें,दोनों टीमें पहली पारी में कुल 78.1 ओवर ही खेल सकी

पर्थ,22 नवंबर (युआईटीवी)- एशेज सीरीज 2025-26 के पहले टेस्ट मैच में पर्थ स्टेडियम की पिच ने शुरू से ही गेंदबाजों को भरपूर मदद दी है। मुकाबले के दूसरे दिन पहले सत्र तक ही दोनों टीमों की पहली पारियाँ सिमट चुकी थीं। जहाँ इंग्लैंड की टीम 32.5 ओवर में 172 रन पर ढेर हुई,वहीं ऑस्ट्रेलिया की टीम 45.2 ओवर में केवल 132 रन ही बना सकी। मैच का यह चरण इतिहास के उन दुर्लभ एशेज मुकाबलों में शामिल हो गया,जिसमें दोनों टीमों ने अपनी-अपनी पहली पारी में इतने कम ओवर खेले हों। यह एशेज इतिहास में ओवरों के लिहाज से दूसरा सबसे कम संयुक्त ओवर वाला मैच बन गया है।

मैच के शुरुआती दिन से ही स्पष्ट हो गया था कि पर्थ की तेज और उछालभरी पिच बल्लेबाजों की परीक्षा लेने वाली है। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए संतुलित शुरुआत की कोशिश की,लेकिन ऑस्ट्रेलिया के बाएँ हाथ के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क की तूफानी गेंदबाजी के सामने इंग्लिश बल्लेबाज टिक नहीं सके। स्टार्क ने 12.5 ओवर में 58 रन देकर सात विकेट चटकाए और इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम में उत्पात मचा दिया। फिर भी इंग्लैंड के युवा बल्लेबाज ओली पोप ने 46 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली,जबकि हैरी ब्रूक ने 52 रन बनाकर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया। बाकी बल्लेबाज समय का सामना करते रहे और क्रमवार पवेलियन लौटते गए।

स्टार्क की धारदार गेंदबाजी के आगे इंग्लैंड के बल्लेबाजों को बार-बार परेशानी होती दिखी। उनकी स्विंग और उछाल भरी गेंदों ने इंग्लिश बल्लेबाजों को झुकने पर मजबूर किया। ब्रेंडन डोगेट ने भी दो विकेट लेकर इंग्लैंड को 172 रन पर रोकने में सहयोग दिया। अगर पोप और ब्रूक की साझेदारी न होती तो स्कोर 150 रन तक भी पहुंचना मुश्किल दिखाई दे रहा था।

इंग्लैंड की पहली पारी के बाद जब ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाजी करने उतरी,तो हालात उनसे भी ज्यादा खराब दिखे। तेज गति और सीम मूवमेंट ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का कोई मौका नहीं दिया। एलेक्स कैरी ने 26 रन और कैमरून ग्रीन ने 24 रन बनाकर संघर्ष में योगदान तो दिया,लेकिन कोई भी बल्लेबाज पिच की अनिश्चितता और इंग्लैंड के गेंदबाजों की योजना के सामने लंबे समय तक टिक नहीं पाया। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने गेंदबाजी में शानदार प्रदर्शन करते हुए 6 ओवर में 23 रन देकर पाँच विकेट झटके। उनकी गेंदबाजी में लाइन-लेंथ और विविधता का शानदार मिश्रण दिखाई दिया। छोटे स्पेल में विकेट लेने की उनकी क्षमता ने ऑस्ट्रेलिया की पारी को पूरी तरह चरमरा दिया।

स्टोक्स के अलावा ब्रायडेन कार्स ने तीन विकेट लिये और बाकी गेंदबाजों ने दबाव बनाकर ऑस्ट्रेलिया को 132 रन पर रोक दिया। इस तरह इंग्लैंड को पहली पारी के आधार पर 40 रन की महत्वपूर्ण बढ़त मिल गई। पर्थ की इस पिच पर,जहाँ हर रन कीमती साबित हो रहा है,40 रनों की यह लीड बेहद अहम मानी जा रही है।

ऐतिहासिक दृष्टि से यह मैच कई मायनों में खास बनता जा रहा है। एशेज इतिहास में यह केवल दूसरी बार हुआ है,जब दोनों टीमें अपनी पहली पारी में इतने कम ओवर खेल सकीं। इस रिकॉर्ड की सूची में सबसे ऊपर जनवरी 1902 में मेलबर्न में खेला गया एशेज टेस्ट आता है,जिसमें दोनों देशों ने मिलकर मात्र 47.5 ओवर ही बल्लेबाजी की थी। उस मैच में ऑस्ट्रेलिया 32.1 ओवर में 112 रन पर आउट हुई थी,जबकि इंग्लैंड ने सिर्फ 15.4 ओवर खेलकर 61 रन बनाए थे। अंततः ऑस्ट्रेलिया ने वह मैच 229 रन से जीता था। तीसरा स्थान 2019 के लीड्स टेस्ट को मिला है,जिसमें दोनों टीमों ने मिलकर अपनी-अपनी पहली पारियों में केवल 80 ओवर खेले थे।

पर्थ टेस्ट अब उसी सूची के दूसरे स्थान पर जा पहुँचा है,जो मैच की पिच की चुनौतीपूर्ण प्रकृति को साफ दर्शाता है। गेंदबाजों का दबदबा,तेज उछाल और सीम मूवमेंट ने दोनों टीमों के बल्लेबाजों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पिच पर होने वाली अप्रत्याशित हरकतें गेंदबाजों को हर समय मौके दे रही हैं,जबकि बल्लेबाजों को क्रीज पर टिकना भी बड़ी चुनौती बन गया है।

अब आगे इंग्लैंड की दूसरी पारी पर सबकी नजर है। पहली पारी में मिली 40 रनों की बढ़त उन्हें मनोवैज्ञानिक बढ़त देती है,लेकिन पर्थ की पिच पर मामला किसी एक मजबूत साझेदारी या एक शानदार स्पेल से पूरी तरह बदल सकता है। दोनों टीमों के गेंदबाजों ने साफ संदेश दे दिया है कि यह मैच बल्लेबाजों के लिए कठिन परीक्षा साबित होने वाला है। ऐसे में इंग्लैंड चाहेगा कि उसकी शीर्ष क्रम की बल्लेबाजी इस बार गलती न करे और अपनी बढ़त को एक बड़े स्कोर में तब्दील करे। दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया की कोशिश होगी कि शुरुआती विकेट झटककर इंग्लैंड को नियंत्रित स्कोर पर रोका जाए।

एशेज सीरीज हमेशा रोमांच,तनाव और संघर्ष का प्रतीक रही है और पर्थ में जारी यह मुकाबला उसी परंपरा को सार्थक करता दिख रहा है। गेंदबाजों की असाधारण प्रदर्शन ने पहले ही दो दिनों में मैच को रोमांचक मोड़ दे दिया है। आगे के खेल में कौनसी टीम पिच की कठिनाइयों को बेहतर ढंग से समझकर आगे निकलती है,इसी पर इस टेस्ट का परिणाम निर्भर करेगा।