प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

तमिलनाडु के शिवगंगा में दर्दनाक बस हादसा: प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक,मृतकों के परिजनों को राहत राशि का ऐलान

नई दिल्ली,1 दिसंबर (युआईटीवी)- तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में रविवार शाम हुए भीषण सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को शोक और स्तब्धता में डाल दिया। कुंद्राकुडी के पास कुम्मनगुडी इलाके में राज्य परिवहन विभाग की दो बसें आमने-सामने टकरा गईं,जिसमें कम-से-कम 12 लोगों की मौत हो गई और लगभग 40 लोग घायल हो गए। हादसा इतना भयानक था कि कई यात्रियों की मौत मौके पर ही हो गई,जबकि दर्जनों यात्री बसों के टूटे हुए हिस्सों में फँस गए। इस हादसे की दर्दनाक तस्वीरों और घटनाक्रम ने पूरे राज्य में चिंता की लहर पैदा कर दी है।

सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि शिवगंगा में हुई जानलेवा दुर्घटना अत्यंत दुखद है और वह उन परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। प्रधानमंत्री ने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हुए आश्वासन दिया कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से आर्थिक मदद का ऐलान भी किया। मृतकों के आश्रितों को 2 लाख रुपये और गंभीर व सामान्य घायलों को 50 हजार रुपये की राहत राशि दिए जाने की घोषणा की गई है।

हादसा रविवार शाम उस वक्त हुआ,जब दोनों बसें अपने-अपने गंतव्य की ओर जा रही थीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार,दोनों बसों की रफ्तार तेज थी और टक्कर के साथ ही जोरदार धमाका हुआ। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों बसों का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और कई यात्री अंदर ही फँस गए। गाँव के लोगों ने घटनास्थल पर पहुँचकर तुरंत बचाव कार्य शुरू किया और पुलिस को सूचित किया। स्थानीय लोगों की मदद से कई यात्रियों को बसों के टूटे हिस्सों से बाहर निकाला गया,जिसके बाद सभी घायलों को शिवगंगा और कराईकुडी के अस्पतालों में भर्ती कराया गया।

रविवार रात को शुरू हुआ राहत और बचाव अभियान देर रात तक चलता रहा। अँधेरा और क्षतिग्रस्त बसों के अंदर फँसे लोगों की स्थिति ने बचावकर्मियों का काम कई गुना कठिन कर दिया। पुलिस,फायर ब्रिगेड और आपदा राहत दल ने मिलकर घंटों मेहनत की और सभी घायलों तथा शवों को बाहर निकाला। अस्पतालों में भर्ती घायलों में कई की हालत गंभीर बनी हुई है,जिनमें सिर और रीढ़ की हड्डी में चोट के मामले भी शामिल हैं। डॉक्टरों की टीम लगातार मरीजों की निगरानी कर रही है और कई को आईसीयू में रखा गया है।

इस बीच अधिकारियों ने सोमवार सुबह दुर्घटना स्थल का दोबारा निरीक्षण किया। सड़क की स्थिति,वाहनों की स्पीड,ड्राइवरों की शिफ्ट और मौसम की परिस्थितियों की जाँच की जा रही है। शुरुआती जाँच में यह संकेत मिले हैं कि तेज रफ्तार,कम दृश्यता और संभवतः चालक की थकान इस दुर्घटना की बड़ी वजह हो सकती है। अधिकारी फिलहाल फोरेंसिक टीम से विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं,ताकि दुर्घटना के सटीक कारण का पता लगाया जा सके। परिवहन विभाग ने दोनों बसों की तकनीकी स्थिति की भी जाँच शुरू कर दी है,ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं वाहन में किसी तरह की तकनीकी खराबी तो नहीं थी।

घटना के बाद इलाके में मातम का माहौल है। कई परिवारों ने अपने परिजनों को खो दिया,जबकि कुछ के सदस्यों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। कराईकुडी और शिवगंगा के अस्पतालों में बड़ी संख्या में परिजन अपने घायल रिश्तेदारों की जानकारी लेने पहुँचे हुए हैं। अस्पताल प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करते हुए सभी को मदद और जानकारी उपलब्ध कराने के लिए विशेष काउंटर बनाए हैं।

राज्य सरकार ने भी इस दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया है और मृतकों के परिवारों को राज्य स्तर पर भी सहायता उपलब्ध कराने का संकेत दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि घायलों के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही न हो और अस्पतालों में उचित चिकित्सा सुविधाएँ सुनिश्चित की जाएँ।

शिवगंगा के इस हादसे ने एक बार फिर राज्य में सड़क सुरक्षा,बसों की गति और ड्राइवरों की कार्य स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल के वर्षों में तमिलनाडु में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि देखी गई है,जिसके चलते सुरक्षा मानकों की समीक्षा की माँग बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि परिवहन विभाग को बसों की नियमित जाँच,ड्राइवरों के आराम के समय और सड़कों की स्थिति पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

इस दुखद दुर्घटना के बाद अब पूरा राज्य शोक में डूबा है और प्रधानमंत्री की आर्थिक सहायता से पीड़ित परिवारों को कुछ राहत जरूर मिलेगी,लेकिन इससे बड़ा सवाल यह है कि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो,इसके लिए क्या कदम उठाए जाएँगे। फिलहाल पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त जाँच रिपोर्ट का इंतजार है,जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि इस भयावह हादसे का असली कारण क्या था।