हांगकांग के ताइपो स्थित वांग फुक कोर्ट में भयानक आग (तस्वीर क्रेडिट@askshivanisahu)

हांगकांग में भीषण अग्निकांड: मौत का आँकड़ा 146 पहुँचा,सैकड़ों लापता,दशकों की सबसे भयावह त्रासदी

नई दिल्ली,1 दिसंबर (युआईटीवी)- हांगकांग के ताइपो जिले में लगी भीषण आग ने पूरे शहर को हिला दिया है। रिहायशी इमारतों के एक बड़े कॉम्प्लेक्स में लगी इस विनाशकारी आग में मरने वालों की संख्या बढ़कर 146 हो गई है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यह आँकड़ा और बढ़ सकता है क्योंकि राहत व बचाव दल को अभी भी इमारतों के अंदर और शवों के मिलने की संभावना है। यह हादसा हांगकांग में पिछले कई दशकों के सबसे भयावह अग्निकांड के रूप में दर्ज किया जा रहा है।

घटना के पाँचवें दिन भी बचाव अभियान जारी है,जबकि अब भी 100 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। पुलिस की डिजास्टर विक्टिम आइडेंटिफिकेशन यूनिट ने वांग फुक कोर्ट नामक विशाल आवासीय कॉम्प्लेक्स के तीन और टावरों की तलाशी तेज कर दी है। यह आठ ब्लॉकों वाला एक बड़ा रेजिडेंशियल सेटअप है,जिसमें से सात इमारतें आग की चपेट में आ गई थीं। चीफ सुपरिटेंडेंट त्सांग शुक-यिन के अनुसार,तलाशी अभियान के दौरान और शव बरामद हुए हैं। शाम तक मौत का आधिकारिक आँकड़ा 146 पहुँच गया था और आशंका है कि यह संख्या और भी बढ़ सकती है।

अग्निकांड के बाद हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र की सरकार ने 29 नवंबर को पूरे क्षेत्र में राष्ट्रीय झंडे को आधा झुकाकर मृतकों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया। इस शोक समारोह में हांगकांग के चीफ एग्जीक्यूटिव ली का चिउ,सीपीसी की केंद्रीय समिति के हांगकांग और मकाओ मामलों से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी श्यू छिफांग समेत कई शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर इस भयावह दुर्घटना में जान गंवाने वाले नागरिकों और कर्तव्य निभाते हुए शहीद हुए अग्निशमन कर्मियों को श्रद्धांजलि दी। हांगकांग में केंद्रीय सरकार के संपर्क कार्यालय ने भी अपने परिसर में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाकर दिवंगतों को नमन किया।

यह अग्निकांड 26 नवंबर की दोपहर बाद उस समय शुरू हुआ,जब वांग फुक कोर्ट की एक इमारत में अचानक आग भड़क उठी। दोपहर 2:51 बजे स्थानीय फायर सर्विस को आग लगने की सूचना मिली। आग इतनी तेजी से फैल रही थी कि चार घंटे के भीतर फायर विभाग को अलर्ट स्तर बढ़ाकर ‘नंबर 5 अलार्म फायर’ करना पड़ा,जो कि सबसे उच्च चेतावनी श्रेणियों में से एक है। इमारतें एक-दूसरे से सटी हुई थीं,जिस वजह से आग ने सात ब्लॉकों को अपनी चपेट में ले लिया। घनी आबादी वाले इस रिहायशी इलाके में बड़ी संख्या में लोग फँसे रह गए।

घटना की भयावहता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि कई लोग इमारतों के अंदर ही धुएँ और लपटों में घिर गए,जबकि कुछ लोग मंजिलों के भीतर फँस गए थे। बचाव दल ने दिन-रात अभियान चलाकर कई लोगों को बाहर निकाला,लेकिन कुछ लोग तब तक दम तोड़ चुके थे। अभी भी कई परिवार अपने लापता सदस्यों का पता लगाने के लिए इंतजार कर रहे हैं और अस्थायी आश्रय स्थलों पर मौजूद सूची में उनके नाम ढूँढ रहे हैं।

हांगकांग हॉस्पिटल अथॉरिटी ने घटना के तुरंत बाद ‘मेजर इंसिडेंट कंट्रोल सेंटर’ को सक्रिय कर दिया,ताकि घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता मिल सके। अस्पतालों में सैकड़ों घायलों का इलाज चल रहा है,जिनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि अधिकतर घायलों को जलने,दम घुटने और ऊँचाई से गिरने जैसी चोटें आई हैं।

घटना ने बच्चों और स्कूली छात्रों को भी प्रभावित किया है। कई ऐसे परिवार हैं,जिनके बच्चे आग लगने के समय घर पर मौजूद थे। प्रभावित छात्रों को मानसिक और भावनात्मक सहारा देने के लिए शिक्षा ब्यूरो ने स्कूल मनोवैज्ञानिकों और परामर्शदाताओं को अस्थायी आश्रय स्थलों पर भेजा है। उनका उद्देश्य है कि बच्चों को सदमे से बाहर निकालने में मदद की जाए और उन्हें सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराया जाए।

अग्निकांड के कारणों की जाँच अभी जारी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार,आग अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री या किसी इलेक्ट्रिकल फॉल्ट की वजह से लगी हो सकती है,लेकिन अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जाँच टीमें इमारतों के ढाँचे,सुरक्षा उपायों और अलार्म सिस्टम की भी जाँच कर रही हैं।

वांग फुक कोर्ट हांगकांग के उन पुराने रिहायशी कॉम्प्लेक्सों में से एक है,जहाँ बड़ी आबादी रहती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के पुरानी संरचनाओं में सुरक्षा मानकों को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। आग ने इन चिंताओं को और गहरा कर दिया है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि आग इतनी तेजी से फैली कि लोगों को सँभलने का भी समय नहीं मिला। कई लोगों ने खिड़कियों और बालकनियों से मदद के लिए पुकारा,लेकिन दमकल कर्मियों के पहुँचने तक आग ने विकराल रूप ले लिया था।

हांगकांग सरकार ने मृतकों के परिवारों को आर्थिक और कानूनी सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही,इस दुर्घटना के बाद सुरक्षा मानकों की समीक्षा,पुराने भवनों की जाँच और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूत करने का फैसला किया गया है। सरकार की यह भी योजना है कि प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी आवास और राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाए।

यह त्रासदी न केवल हांगकांग के इतिहास में एक काला अध्याय बन गई है,बल्कि इसने शहर में सुरक्षा व्यवस्था,भवन मानकों और आपदा प्रबंधन पर बड़े सवाल खड़े किए हैं। राहत कार्य लगातार जारी है और पूरे शहर में शोक का माहौल है। अब सभी की निगाहें सरकार की आगे की कार्रवाई और अंतिम जाँच रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं,जिससे इस भयावह हादसे के सही कारणों का पता चले और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।