इंडिगो

कुवैत–हैदराबाद इंडिगो फ्लाइट को बम धमकी के बाद मुंबई में इमरजेंसी लैंडिंग,228 यात्री सुरक्षित,सुरक्षा एजेंसियाँ सतर्क

मुंबई,2 दिसंबर (युआईटीवी)- कुवैत से हैदराबाद जा रही इंडिगो की उड़ान को मंगलवार को उस समय मुंबई में इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी,जब विमान को बम से उड़ाने की धमकी वाला ईमेल मिलने की सूचना एयर ट्रैफिक कंट्रोल तक पहुँची। फ्लाइट नंबर 6ई-1234, जिसमें 228 यात्री और 6 क्रू मेंबर सवार थे,कुवैत एयरपोर्ट से सामान्य उड़ान भरकर हैदराबाद की ओर बढ़ रही थी,तभी सुरक्षा एजेंसियों को एक धमकी भरे ईमेल के जरिए सूचित किया गया कि विमान के भीतर विस्फोटक होने की आशंका है। सूचना मिलते ही सभी सुरक्षा एजेंसियाँ तुरंत सक्रिय हो गईं और एहतियात के तौर पर विमान को हैदराबाद की बजाय मुंबई की ओर मोड़ दिया गया।

मुंबई एटीसी को हैदराबाद एयरपोर्ट से जानकारी मिली कि इंडिगो फ्लाइट को लेकर ईमेल के माध्यम से गंभीर धमकी भेजी गई है। ईमेल में दावा किया गया था कि विमान के भीतर बम छिपा हुआ हो सकता है,जिसके बाद एटीसी ने बिना समय गंवाए पायलट को मुंबई में लैंड कराने का निर्देश दिया। लैंडिंग प्रक्रिया को प्राथमिकता देते हुए रनवे पर विशेष सुरक्षा की व्यवस्था की गई और विमान को सीधे आइसोलेशन बे में ले जाया गया,जहाँ सीआईएसएफ,बम डिस्पोजल स्क्वाड और हवाई अड्डा सुरक्षा कर्मी पहले से तैनात थे।

विमान के आइसोलेशन बे में पहुँचते ही यात्रियों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया। सभी यात्रियों को एयरपोर्ट लाउंज में ले जाकर उनके सामान की एक-एक कर जाँच की गई। इसके बाद बम स्क्वाड ने विमान को पूरी तरह घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया,जिसमें सीटों,ओवरहेड बिन्स,कार्गो होल्ड और हर संभावित हिस्से की बारीकी से जाँच की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार अब तक विमान में कुछ संदिग्ध नहीं मिला है,लेकिन जाँच अभी जारी है।

इंडिगो एयरलाइंस ने बयान जारी करते हुए कहा कि यात्री और क्रू की सुरक्षा कंपनी की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसी के चलते आपातकालीन प्रोटोकॉल के तहत विमान को तुरंत मुंबई की ओर मोड़ा गया। यात्रियों को सुरक्षित निकालकर आगे की उड़ानों और व्यवस्थाओं के बारे में एयरलाइन की टीम लगातार समन्वय कर रही है।

गौरतलब है कि हाल के दिनों में भारत में बम धमकी वाले ईमेल और तकनीकी खराबियों के कारण आपातकालीन लैंडिंग की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इससे पहले 1 नवंबर को भी इंडिगो की जेद्दाह–हैदराबाद फ्लाइट को इसी तरह बम धमकी मिलने पर मुंबई में इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी। उस मामले में भेजे गए ईमेल में दावा किया गया था कि विमान में आईएसआई और एलटीटीई से जुड़े ऑपरेटिव्स मौजूद हैं,जो मद्रास एयरपोर्ट पर विस्फोट की साजिश रच सकते हैं। जाँच में हालाँकि कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला था और बाद में पता चला कि धमकी भरा ईमेल “पपिता रंजन” नामक ईमेल आईडी से भेजा गया था।

बम धमकी के अतिरिक्त पिछले कुछ दिनों में तकनीकी खराबी के कारण भी कई विमानों को आपातकालीन लैंडिंग का सामना करना पड़ा है। 27 नवंबर को दिल्ली से अहमदाबाद जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-2939 को उस समय वापस दिल्ली एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंड कराना पड़ा,जब कार्गो होल्ड में अचानक धुआँ दिखाई दिया। पायलट ने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचित किया और विमान को रात 10:20 बजे सुरक्षित उतार लिया गया। सौभाग्य से सभी यात्री और क्रू मेंबर सुरक्षित रहे।

इसके अलावा 10 नवंबर को स्पाइसजेट के एक विमान को इंजन में खराबी की सूचना मिलने के बाद कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी थी। इन घटनाओं ने एयरलाइंस और यात्रियों के बीच सुरक्षा को लेकर चर्चाएँ तेज कर दी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार मिल रहे धमकी भरे ईमेल न केवल एयरलाइंस को सतर्क कर रहे हैं,बल्कि सुरक्षा एजेंसियों की कार्यशैली और उनकी प्रतिक्रिया समय की भी परीक्षा ले रहे हैं।

विमानन सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों के अनुसार,हर धमकी को गंभीरता से लेना आवश्यक है। चाहे वह फर्जी हो या वास्तविक,जाँच प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही यात्रियों के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकती है। इसी वजह से हर ईमेल, कॉल और संदिग्ध परिस्थिति पर तुरंत कार्रवाई की जाती है और उड़ानों को सुरक्षित रखने के लिए अधिकतम सतर्कता बरतनी पड़ती है।

मुंबई में इमरजेंसी लैंडिंग की इस घटना के बाद एयरपोर्ट पर सुरक्षा और भी कड़ी कर दी गई है। सभी आने-जाने वाली उड़ानों पर निगरानी बढ़ाई गई है और सुरक्षा एजेंसियाँ धमकी भरे ईमेल के स्रोत की जाँच में जुट गई हैं। साइबर सेल भी सक्रिय होकर ईमेल की उत्पत्ति,आईपी एड्रेस और उससे जुड़े किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की पहचान करने की कोशिश कर रही है।

फिलहाल राहत की बात यह है कि इंडिगो फ्लाइट में मौजूद सभी यात्री और क्रू सुरक्षित हैं। विमान की विस्तृत जाँच के बाद ही आगे के संचालन पर निर्णय लिया जाएगा। हाल के घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साबित किया है कि हवाई सुरक्षा में किसी भी प्रकार की ढिलाई की गुंजाइश नहीं होती और सुरक्षा एजेंसियाँ ऐसे हालातों से निपटने के लिए हर पल तैयार रहती हैं।