मार्क कार्नी

कनाडा यूरोपीय संघ के ‘सेफ’ कार्यक्रम में शामिल होने के करीब,रक्षा सहयोग में खुले नए अवसर

ओटावा,2 दिसंबर (युआईटीवी)- कनाडा और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच लंबे समय से चल रही चर्चाओं का एक महत्वपूर्ण पड़ाव पूरा हो गया है। कनाडा ने ईयू के महत्वाकांक्षी सुरक्षा कार्यक्रम ‘सिक्योरिटी एक्शन ऑफ यूरोप’ (सेफ) में शामिल होने के लिए आवश्यक वार्ताओं को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। सोमवार को प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी एक बयान में इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि यह समझौता कनाडा की अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा भूमिका को न केवल मजबूत करेगा,बल्कि रक्षा तकनीक और उद्योग के क्षेत्र में उसे विशेष पहुँच देकर वैश्विक स्तर पर उसकी स्थिति को और प्रभावशाली बनाएगा।

प्रधानमंत्री कार्नी ने अपने बयान में कहा कि अब कनाडा और यूरोपीय संघ दोनों ही इस द्विपक्षीय ‘सेफ’ समझौते को जल्द-से-जल्द औपचारिक रूप से मंजूरी देने की प्रक्रिया में जुट रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले कुछ हफ्तों में कनाडा आधिकारिक तौर पर इस कार्यक्रम का हिस्सा बन जाएगा। यह कदम कनाडा को यूरोप के बाहर का एकमात्र ऐसा देश बना देगा,जिसे ईयू के इस विशेष सुरक्षा कार्यक्रम में भागीदारी का विशेषाधिकार प्राप्त होगा। इस “अधिमान्य पहुँच” को सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में कनाडा की सबसे बड़ी कूटनीतिक उपलब्धियों में से एक के रूप में माना जा रहा है।

कार्नी ने कहा कि ‘सेफ’ में शामिल होने से कनाडा के रक्षा उद्योग के लिए यूरोपीय बाजारों में बड़े अवसर खुलेंगे। इससे कनाडा के रक्षा उपकरण निर्माता उद्योगों को न केवल विस्तार मिलेगा,बल्कि वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला में देश की भागीदारी भी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि इससे न सिर्फ कनाडाई कंपनियों को नए निवेश और तकनीकी सहयोग प्राप्त होंगे,बल्कि अधिक भरोसेमंद और विविध आपूर्तिकर्ताओं तक पहुँच भी सुनिश्चित होगी। इससे कनाडाई सेना को अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीक की उपलब्धता आसान होगी,जो देश की रक्षा क्षमता को और अधिक सुदृढ़ बनाएगी।

सरकार द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि ‘सेफ’ कार्यक्रम में कनाडा की भागीदारी घरेलू उद्योगों को मजबूत करने के साथ-साथ बड़े स्तर पर निजी निवेश को आकर्षित करेगी। खासकर रक्षा क्षेत्र में उच्च वेतन वाली नौकरियों के सृजन की संभावना बढ़ेगी,जिससे कनाडा की आर्थिक संरचना पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह कदम न केवल कनाडा के औद्योगिक दशक को पुनर्परिभाषित करेगा,बल्कि अटलांटिक क्षेत्र की सामूहिक सुरक्षा और रक्षा व्यवस्था को भी मजबूती देगा।

कनाडा सरकार ने यह भी घोषणा की है कि वह एक नई रक्षा निवेश एजेंसी स्थापित करेगी। इस एजेंसी का मुख्य उद्देश्य रक्षा निवेश से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल बनाना और मंजूरी प्रणाली को केंद्रीकृत करना होगा। इससे रक्षा क्षेत्र में निर्णय लेने की गति बढ़ेगी,निवेश प्रक्रियाएँ सुगम होंगी और कनाडा की औद्योगिक क्षमता विस्तृत होगी। इस तरह की एजेंसी कनाडा की रक्षा अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता और दक्षता दोनों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

यूरोपीय संघ ने मई माह में अपने ‘सेफ’ कार्यक्रम को मंजूरी दी थी। यह कार्यक्रम कुल 150 अरब यूरो (लगभग 174 अरब डॉलर) के वित्तीय पैकेज के माध्यम से सदस्य देशों को दीर्घकालिक और कम ब्याज दर वाले ऋण प्रदान करता है। इन ऋणों का उपयोग देश रक्षा और सुरक्षा उपकरणों की खरीद के लिए करते हैं। इसका उद्देश्य यूरोप की सामूहिक रक्षा क्षमता को मजबूत करना और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर तैयारी सुनिश्चित करना है। इस कार्यक्रम की सहायता से ईयू अपने सुरक्षा ढाँचे में एकीकृत और उन्नत रणनीतियों को विकसित कर रहा है,जिससे वैश्विक मंच पर उसका प्रभाव और बढ़े।

कनाडा और यूरोपीय संघ ने जून में सुरक्षा और रक्षा साझेदारी पर हस्ताक्षर किए थे। यह साझेदारी दोनों पक्षों के बीच रक्षा सहयोग के लिए एक मजबूत ढाँचा प्रदान करती है। ‘सेफ’ समझौते के लागू होने के बाद इन संबंधों को और अधिक गति मिलने की संभावना है। इस समझौते से यह साफ हो गया है कि कनाडा और ईयू वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में संयुक्त रूप से बड़ी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता कनाडा के लिए बहुआयामी लाभ लेकर आएगा—आर्थिक,सामरिक और औद्योगिक तीनों स्तरों पर। रक्षा क्षेत्र में मजबूत साझेदारी,अत्याधुनिक तकनीक तक पहुँच,नए रोजगार अवसर और मजबूत औद्योगिक ढाँचा कनाडा को आने वाले वर्षों में वैश्विक सुरक्षा संरचना में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर सकते हैं।

जैसे ही यह समझौता औपचारिक रूप से लागू होगा,कनाडा की अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी का एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है,जो देश की सुरक्षा नीति और रक्षा उद्योग के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है।