पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान

अदियाला जेल में इमरान खान को दी जा रही मानसिक यातना? बहन उज्मा का दावा,सेना प्रमुख पर गंभीर आरोप

रावलपिंडी,3 दिसंबर (युआईटीवी)- पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान की जेल से जुड़ी खबरों ने देश की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज कर दी है। मंगलवार को उनकी बहन उज्मा खान ने अदियाला जेल में उनसे मुलाकात की और बाहर आकर मीडिया से बातचीत में कई गंभीर आरोप लगाए। उज्मा ने कहा कि इमरान खान शारीरिक रूप से ठीक हैं,लेकिन उन्हें गहरे स्तर पर मानसिक यातना दी जा रही है। इसके पीछे उन्होंने सीधे तौर पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का नाम लिया।

मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए उज्मा ने बताया कि जेल प्रशासन इमरान खान को न लोगों से मिलने दे रहा है और न ही किसी प्रकार का संवाद स्थापित करने की अनुमति दे रहा है। उनका कहना था कि इमरान का गुस्सा उनके साथ हुए व्यवहार और लगातार बढ़ते प्रतिबंधों को लेकर साफ झलक रहा था। उन्होंने दावा किया कि इमरान खान ने उनसे कहा कि उन्हें पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया गया है और किसी भी तरह के संपर्क से वंचित रखा जा रहा है,जो मानसिक प्रताड़ना का ही एक रूप है। उज्मा की यह टिप्पणी सामने आते ही पाकिस्तान की सियासत में हलचल तेज हो गई है,क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब पीटीआई नेतृत्व ने अपने चेयरमैन को लेकर चिंताएँ जताई हैं।

पीटीआई ने पिछले कई हफ्तों से बार-बार आरोप लगाया है कि जेल प्रशासन और सरकार,दोनों मिलकर इमरान खान को उनके परिवार और पार्टी नेतृत्व से मिलने नहीं दे रहे। कोर्ट के आदेश होने के बावजूद मुलाकात की अनुमति नहीं दिए जाने पर पार्टी नेतृत्व ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर विरोध प्रदर्शन करने और फिर जेल मार्च की चेतावनी दी थी। यही कारण था कि मंगलवार के लिए एक बड़े विरोध प्रदर्शन की तैयारी की जा रही थी। हालाँकि,इससे पहले ही इस्लामाबाद और रावलपिंडी प्रशासन ने हालात बिगड़ने की आशंका में धारा 144 लागू कर दी,जिससे किसी भी प्रकार की सभा और प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई।

दरअसल,मुलाकात की अनुमति न दिए जाने के मामले ने पिछले कुछ दिनों में तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी थी। खासतौर पर तब जब खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी को लगातार आठवीं बार इमरान खान से मिलने से रोक दिया गया। अफरीदी ने इस मुद्दे पर 16 घंटे तक जेल के बाहर धरना भी दिया था,लेकिन उसके बाद भी मुलाकात नहीं कराई गई। इस घटनाक्रम को लेकर पीटीआई ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया था और सरकार व सेना पर लक्षित आरोप लगाए थे।

इन सभी घटनाओं की श्रृंखला के बीच मंगलवार की मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी गई क्योंकि इमरान की बहनों—उज्मा,अलीमा और नुरीन ने पिछले कुछ हफ्तों में उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर लगातार चिंता व्यक्त की थी। उज्मा ने जेल से बाहर आने के बाद कहा कि वे अपनी बहनों से सलाह-मशविरा करने के बाद विस्तृत जानकारी साझा करेंगी,लेकिन इमरान खान द्वारा मानसिक यातना का आरोप लगाना अपने आप में एक बड़ा दावा है,जिससे पूरे राजनीतिक परिदृश्य में एक नई बहस शुरू हो चुकी है।

उधर,पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट्स ने यह भी बताया कि सोमवार और मंगलवार को जेल प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियाँ अचानक बढ़ गई थीं,जिससे यह संकेत मिलता है कि किसी बड़े फैसले या घोषणा की तैयारी हो सकती थी। हलाँकि,जेल प्रशासन की ओर से उज्मा के दावों पर फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। सरकार भी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है,जबकि पीटीआई इसे ‘राजनीतिक दमन’ का स्पष्ट उदाहरण बता रही है।

इमरान खान पिछले कई महीनों से अदियाला जेल में बंद हैं और विभिन्न मामलों में सजा काट रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान की राजनीति में अस्थिरता बढ़ी है। पीटीआई लगातार यह आरोप लगाती रही है कि मौजूदा सत्ता प्रतिष्ठान, विशेष रूप से सेना,उन्हें राजनीति से पूरी तरह दूर करने की कोशिश कर रही है। उज्मा का यह बयान कि मानसिक यातना के पीछे असीम मुनीर का हाथ है,दोनों संस्थानों—सेना और राजनीतिक नेतृत्व के बीच पहले से मौजूद तनाव को और गहरा करता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस मुद्दे के चलते आने वाले दिनों में पाकिस्तान की राजनीति और अधिक गर्म होने की संभावना है। अगर मुलाकातों पर रोक जारी रही या इमरान खान की स्थिति को लेकर और गंभीर दावे सामने आए,तो पीटीआई समर्थकों की नाराज़गी सड़क पर भी दिखाई दे सकती है। फिलहाल,पीटीआई नेतृत्व का कहना है कि वे अदालतों का रुख करेंगे और इमरान खान को न्याय दिलाने के लिए हर कानूनी विकल्प अपनाएँगे।

स्थिति किस दिशा में जाएगी,यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा,लेकिन इतना तय है कि इमरान खान को लेकर बढ़ते विवाद से पाकिस्तान की सत्ता और विपक्ष के बीच टकराव एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है।