नई दिल्ली,5 दिसंबर (युआईटीवी)- रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम भारत पहुँचे, जहाँ उनका स्वागत बेहद गर्मजोशी और पारंपरिक आतिथ्य के साथ किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद एयरपोर्ट पर पहुँचकर रूस के राष्ट्रपति का स्वागत करने पहुँचे। दोनों नेताओं के बीच मुलाकात का पहला ही दृश्य भारत-रूस दोस्ती की गहराई को दर्शा रहा था। पीएम मोदी ने पुतिन को गले लगाकर स्वागत किया और उन्हें रूसी भाषा में अनुवादित भगवद्गीता की प्रति भेंट की। यह उपहार न केवल सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संदेश को दर्शाता है,बल्कि दोनों देशों के बीच लंबे और भरोसेमंद संबंधों का प्रतीक भी है।
पीएम मोदी ने इस उपहार की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा, “राष्ट्रपति पुतिन को रूसी भाषा में गीता की एक कॉपी भेंट की। गीता की शिक्षाएं दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरणा देती हैं।” मोदी की इस पोस्ट ने भारत-रूस संबंधों में आध्यात्मिक जुड़ाव का एक नया आयाम जोड़ दिया।
एयरपोर्ट पर पुतिन का स्वागत बेहद भव्य रहा। वहाँ आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भारत की विविध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित किया गया। रूस के राष्ट्रपति ने इस प्रस्तुती की प्रशंसा करते हुए भारतीय कला और संस्कृति के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया। स्वागत समारोह के बाद दोनों नेता एक ही गाड़ी में बैठकर एयरपोर्ट से रवाना हुए,जो इस बात का स्पष्ट संकेत था कि दोनों देशों के बीच विश्वास और मित्रता मजबूत आधार पर खड़ी है।
Welcomed my friend, President Putin to 7, Lok Kalyan Marg.@KremlinRussia_E pic.twitter.com/2L7AZ1WIph
— Narendra Modi (@narendramodi) December 4, 2025
नई दिल्ली में पुतिन के सम्मान में जगह-जगह होर्डिंग्स और बैनर लगाए गए हैं,जिन पर भारत-रूस की अनूठी कूटनीतिक साझेदारी को दर्शाने वाले संदेश लिखे गए हैं। रूस के राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 7,लोक कल्याण मार्ग ले जाया गया,जहाँ गुरुवार शाम आवास को विशेष रोशनी और भारत-रूस के झंडों से सजाया गया था। यह दृश्य दोनों देशों के संबंधों की सदियों पुरानी मित्रता को एक नए उत्साह के साथ प्रस्तुत कर रहा था।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर पुतिन के साथ अपनी तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा, “अपने दोस्त, राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत करते हुए बहुत खुशी हो रही है। आज शाम और कल हमारी बातचीत का इंतजार रहेगा। भारत-रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है,जिससे हमारे लोगों को बहुत फायदा हुआ है।” मोदी के इस संदेश ने दोनों देशों के बीच स्थायी,भरोसेमंद और समय-परीक्षित संबंधों की एक बार फिर पुष्टि कर दी।
Presented a copy of the Gita in Russian to President Putin. The teachings of the Gita give inspiration to millions across the world.@KremlinRussia_E pic.twitter.com/D2zczJXkU2
— Narendra Modi (@narendramodi) December 4, 2025
रूसी राष्ट्रपति का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है,जब दुनिया कई भू-राजनीतिक चुनौतियों के दौर से गुजर रही है। ऐसे माहौल में भारत और रूस के शीर्ष नेताओं की आमने-सामने बातचीत का इतना महत्वपूर्ण होना स्वाभाविक है। यह दौरा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम देगा,बल्कि विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करेगा। रक्षा सहयोग,ऊर्जा भागीदारी,व्यापार विस्तार,अंतरिक्ष कार्यक्रम,परमाणु ऊर्जा और वैश्विक रणनीतिक संतुलन जैसे विषय इस मुलाकात में प्रमुख रूप से चर्चा में रहने की उम्मीद है।
पुतिन का भारत आगमन दोनों देशों की लंबे समय से चली आ रही रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। भारत रूस को न केवल अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण साझेदार मानता है,बल्कि रक्षा उत्पादन और तकनीक हस्तांतरण के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच गहरा संबंध है। वहीं रूस,भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक स्थिर,विश्वसनीय और प्रभावशाली शक्ति के रूप में देखता है।
पुतिन के इस दौरे से पहले भी कई उच्च-स्तरीय बैठकों ने भारत-रूस सहयोग को मजबूती दी है,लेकिन इस यात्रा की खासियत यह है कि यह ऐसे समय हो रही है,जब विश्व की राजनीति कई मोर्चों पर अस्थिर होती दिख रही है। ऐसे परिदृश्य में भारत और रूस का एक साथ खड़ा होना वैश्विक शक्ति संतुलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच शुक्रवार को होने वाली विस्तृत बातचीत से उम्मीद है कि कई नए द्विपक्षीय समझौते सामने आएँगे। भारत-रूस के बीच व्यापार को बढ़ावा देने,ऊर्जा कॉरिडोर बनाने,पारंपरिक रक्षा सहयोग को आधुनिक तकनीक की दिशा में आगे बढ़ाने और वैश्विक कूटनीतिक चुनौतियों पर समन्वय के लिए इस मुलाकात को निर्णायक माना जा रहा है।
रूसी राष्ट्रपति का यह भारत दौरा दोनों देशों के संबंधों को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाएगा। पीएम मोदी द्वारा पुतिन को दी गई गीता की प्रति न केवल दोस्ती का प्रतीक है,बल्कि यह उस सांस्कृतिक और नैतिक जुड़ाव की याद भी दिलाती है जिसने दशकों से भारत-रूस संबंधों को मजबूत बनाए रखा है।

