कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति एवं बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा (तस्वीर क्रेडिट@garrywalia_)

रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई,अगली तारीख 24 जनवरी 2026 तय

नई दिल्ली,6 दिसंबर (युआईटीवी)- कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में शनिवार को अहम सुनवाई हुई। यह मामला लंदन में रह रहे भगोड़े हथियार व्यापारी संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से संबंधित है। सुनवाई के दौरान ईडी ने अदालत से अनुरोध किया कि चार्जशीट से जुड़े अतिरिक्त दस्तावेजों को अदालत में जमा करने के लिए उसे और समय दिया जाए। अदालत ने एजेंसी की इस माँग को स्वीकार कर लिया और मामले की अगली सुनवाई 24 जनवरी 2026 के लिए निर्धारित कर दी।

यह मामला वर्ष 2016 में उस समय शुरू हुआ था,जब आयकर विभाग ने संजय भंडारी के दिल्ली स्थित परिसरों पर छापेमारी की थी। इस रेड के दौरान ऐसे दस्तावेज और ईमेल सामने आए थे,जिनसे भंडारी के विदेशी लेन-देन और उससे जुड़े वित्तीय नेटवर्क पर संदेह गहरा गया था। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर बाद में यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों तक पहुँचा और जाँच का दायरा व्यापक होता गया। भंडारी,जो एक विवादित रक्षा सलाहकार माना जाता है,पर विभिन्न रक्षा सौदों में कमीशन लेकर विदेशी शेल कंपनियों के जरिये धन की अवैध हेराफेरी करने का आरोप है। ईडी का दावा है कि 2009 से 2016 के बीच भंडारी ने यूएई में रजिस्टर्ड कई शेल कंपनियों के माध्यम से अपनी कथित अवैध कमाई को यूके और दुबई में स्थित संपत्तियों में निवेश किया।

ईडी की जाँच के दौरान रॉबर्ट वाड्रा का नाम तब सामने आया,जब एजेंसी को भंडारी और वाड्रा के बीच विभिन्न विदेशी वित्तीय लेनदेन और संपत्तियों से जुड़े कथित संबंधों के सबूत मिले। अधिकारियों के अनुसार,इस वर्ष जुलाई में पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत वाड्रा का बयान दर्ज किया गया था। फेडरल एजेंसी ने वाड्रा पर आरोप लगाया है कि उनका संबंध भंडारी से जुड़े विदेशी निवेश और अघोषित संपत्तियों से है। रॉबर्ट वाड्रा पहले भी विदेश में संपत्ति छिपाने के आरोपों का सामना कर चुके हैं,हालाँकि उन्होंने समय-समय पर इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

संजय भंडारी 2016 में ही देश छोड़कर फरार हो गया था और तब से वापस नहीं लौटा है। दिल्ली की एक अदालत ने उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है। ईडी की जाँच भंडारी पर हुई इनकम टैक्स रेड के बाद तेजी से आगे बढ़ी और एजेंसी ने कथित रूप से ऐसे दस्तावेज हासिल किए,जिनमें वाड्रा और उनके सहयोगियों से जुड़े ईमेल शामिल थे। इन दस्तावेजों में कथित तौर पर विदेशी संपत्तियों के बारे में जानकारी थी,जिनके स्वामित्व को लेकर ईडी ने अपनी शंका जताई है।

ईडी ने अपनी पिछली कार्यवाही के दौरान भारत में स्थित कई संपत्तियों को अटैच किया है,जिनके बारे में एजेंसी का दावा है कि वे वाड्रा या उनसे जुड़ी कंपनियों से संबंधित हैं। ईडी का कहना है कि ये संपत्तियाँ संजय भंडारी द्वारा विदेशी शेल कंपनियों के माध्यम से की गई मनी लॉन्ड्रिंग से अर्जित अवैध धन से खरीदी गई थीं। एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया है कि इन संपत्तियों को खरीदने में जटिल कॉर्पोरेट ढाँचों और बिचौलियों का इस्तेमाल किया गया,ताकि असली मालिकाना हक छिपाया जा सके।

वाड्रा की ओर से कहा गया है कि यह पूरा मामला राजनीतिक प्रतिशोध और बदले की भावना से प्रेरित है। उन्होंने पहले भी कई बार कहा है कि उनके खिलाफ लगे आरोप निराधार हैं और उनके साथ राजनीतिक भेदभाव किया जा रहा है। वाड्रा ने अपनी जाँच में सहयोग करने का दावा भी किया है, हालाँकि ईडी का मानना है कि जाँच के दौरान कई अहम बिंदुओं पर स्पष्टता नहीं मिल सकी है।

इस बीच कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद राजनीतिक हलकों में एक बार फिर इस मामले पर चर्चा तेज हो गई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार वाड्रा के खिलाफ ईडी को एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। वहीं भाजपा का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और यदि वाड्रा निर्दोष हैं तो अदालत में यह तथ्य साबित हो जाएगा।

मामले की अगली सुनवाई 24 जनवरी 2026 को होगी। तब तक ईडी को अतिरिक्त दस्तावेज अदालत में दाखिल करने होंगे,जिसके आधार पर आगे की प्रक्रिया तय होगी। यह केस आने वाले महीनों में राजनीतिक और कानूनी हलकों में महत्वपूर्ण मुद्दा बना रह सकता है,क्योंकि इसमें न केवल मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप शामिल हैं,बल्कि यह सीधे एक बड़े राजनीतिक परिवार से भी जुड़ा हुआ है।