भूकंप

जापान में 7.5 तीव्रता के भूकंप से हड़कंप,30 लोग घायल; सुनामी चेतावनी जारी,दोबारा बड़े झटकों का अलर्ट जारी

टोक्यो,9 दिसंबर (युआईटीवी)- जापान एक बार फिर शक्तिशाली भूकंप के झटकों से दहल उठा। सोमवार देर रात 7.5 तीव्रता के भूकंप ने आओमोरी प्रीफेक्चर के पूर्वी तट को जोरदार तरीके से झकझोर दिया,जिसमें अब तक कम-से-कम 30 लोगों के घायल होने की सूचना है। स्थानीय मीडिया ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की। भूकंप रात 11:15 बजे तब आया जब ज्यादातर लोग अपने घरों में थे,जिससे कई क्षेत्रों में दहशत का माहौल पैदा हो गया और लोगों ने सुरक्षित स्थानों की ओर भागना शुरू कर दिया।

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) के मुताबिक,भूकंप का केंद्र समुद्र के भीतर लगभग 54 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। पहले इसकी तीव्रता 7.6 बताई गई थी,लेकिन बाद में संशोधित आँकड़े जारी करते हुए एजेंसी ने इसे 7.5 घोषित किया। भूकंप के तुरंत बाद समुद्र में असामान्य गतिविधियां दर्ज की गईं,जिनके चलते एजेंसी ने 3 मीटर तक ऊँची सुनामी लहरों की चेतावनी जारी की। इवाते प्रीफेक्चर में सबसे ऊँची लहर 70 सेंटीमीटर रिकॉर्ड की गई,हालाँकि यह अनुमानित स्तर से काफी कम थी। इसके बावजूद तटीय क्षेत्रों में सतर्कता बरकरार रखी गई।

सुनामी चेतावनी लगभग साढ़े तीन घंटे तक प्रभावी रही और इसे मंगलवार सुबह 6:20 बजे वापस ले लिया गया। राहत की बात यह रही कि किसी भी इलाके से सुनामी के बड़े नुकसान की खबर नहीं आई। फिर भी,प्रशासन ने लोगों को तटीय इलाकों से दूर रहने और समुद्र में न जाने की सलाह जारी रखी है।

भूकंप की तीव्रता जापान के कई हिस्सों में महसूस की गई। आओमोरी के कुछ इलाकों में जापान के भूकंपीय तीव्रता स्केल (शिन्दो स्केल) पर 6 से अधिक की तीव्रता दर्ज की गई,जो काफी खतरनाक मानी जाती है। उत्तरी जापान और होक्काइडो में भी तेज झटके महसूस किए गए। ये क्षेत्र उस खाई के करीब हैं,जहाँ पैसिफिक प्लेट होंशू द्वीप के नीचे धँसती है। यह भूवैज्ञानिक प्रक्रिया अक्सर बड़े भूकंपों का कारण बनती है और इस इलाके को जापान के सबसे संवेदनशील भूकंपीय ज़ोन में शामिल करती है।

झटकों के बाद मौसम विज्ञान एजेंसी ने एक विशेष अलर्ट भी जारी किया,जिसे “ऑफ द कोस्ट ऑफ होक्काइडो एंड सैनरिकु सबसीक्वेंट अर्थक्वेक एडवाइजरी” कहा जाता है। यह अलर्ट उस स्थिति में जारी किया जाता है,जब 7.0 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आने के बाद उसी क्षेत्र में दोबारा बड़े झटकों की आशंका बनी रहती है। एजेंसी ने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में इसी इलाके में समान या उससे अधिक तीव्रता वाले झटके महसूस हो सकते हैं। हालाँकि,अगले सात दिनों में 8.0 या अधिक तीव्रता के भूकंप की संभावना “बेहद कम” बताई गई है।

जापान के प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने भी घटना पर चिंता व्यक्त की और जनता से सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों के लोग अगले एक से दो सप्ताह तक अलर्ट रहें और स्थानीय प्रशासन तथा मौसम एजेंसी की सलाह का पालन करें। प्रधानमंत्री ने यह भी सलाह दी कि लोग अपने घरों में खाद्यान्न,पीने का पानी,दवाइयाँ और अन्य जरूरी सामग्री पर्याप्त मात्रा में रखें,ताकि आवश्यकता पड़ने पर वे सुरक्षित रह सकें।

सरकार और स्थानीय प्रशासन ने भूकंप के तुरंत बाद राहत एवं बचाव टीमों को सक्रिय कर दिया। फायर डिपार्टमेंट,पुलिस और सेल्फ-डिफेंस फोर्सेस (एसडीएफ) को संभावित क्षति वाले क्षेत्रों में भेजा गया ताकि जरूरतमंदों की मदद की जा सके। कई घरों और इमारतों में दरारों की खबरें हैं,लेकिन बड़े पैमाने पर संरचनात्मक नुकसान का अभी तक कोई आधिकारिक अनुमान जारी नहीं किया गया है। बिजली आपूर्ति कुछ क्षेत्रों में प्रभावित हुई थी,जिसे धीरे-धीरे बहाल किया जा रहा है।

जापान अपनी उन्नत भूकंप-पूर्व चेतावनी प्रणाली और मजबूत निर्माण मानकों के लिए जाना जाता है। यही कारण है कि इतने शक्तिशाली भूकंप के बावजूद जनहानि अपेक्षाकृत कम रही। फिर भी विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के भूकंप आगामी दिनों में और मजबूत झटकों की संभावना का संकेत हो सकते हैं। मौसम एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि आफ्टरशॉक्स का सिलसिला कुछ दिनों तक जारी रह सकता है।

स्थानीय निवासियों के लिए यह रात बेहद डरावनी साबित हुई। कई लोगों ने बताया कि कंपन इतने तेज थे कि घरों में सामान गिरने लगे और दीवारें हिलती रहीं। कई लोग भूकंप के बाद घरों से बाहर सड़क पर उतर आए और कुछ घंटों तक खुले स्थानों पर ही रुके रहे। तटीय इलाकों में लोगों को ऊँचे स्थानों पर जाने के लिए कहा गया,जिससे कई जगह अस्थायी भीड़ की स्थिति बन गई।

राहत एजेंसियाँ लगातार भूकंप के प्रभाव का आकलन कर रही हैं और अस्पतालों में घायलों के उपचार की व्यवस्था की गई है। अभी नुकसान का विस्तृत आंकलन जारी है,लेकिन शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार अधिकांश घायलों को हल्की चोटें आई हैं,जो गिरने या घरों में सामान टूटने की वजह से हुई हैं।

जापान ऐसे भूकंपों का सामना करने का व्यापक अनुभव रखता है, फिर भी हर बड़ा झटका लोगों को 2011 की विनाशकारी तोहोकू त्रासदी की याद दिला जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र की भूगर्भीय संरचना ऐसे बड़े भूकंपों को पूरी तरह से रोकने नहीं देती,लेकिन सही तैयारी और मजबूत चेतावनी प्रणाली से नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

भूकंप के बाद से सरकार और मौसम एजेंसी लगातार लोगों को आश्वस्त कर रही है कि स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए टीमें तैनात हैं। आने वाले दिनों में भूकंप की गतिविधियों पर विशेष नज़र रखी जाएगी,जबकि नागरिकों से सतर्क रहने की अपील जारी है।