वॉशिंगटन,9 दिसंबर (युआईटीवी)- वॉशिंगटन में गोलीकांड की ताज़ा घटना और बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के बीच अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने इस साल कई कैटेगरी में कुल 85,000 वीज़ा रद्द कर दिए हैं। एक वरिष्ठ स्टेट डिपार्टमेंट अधिकारी के अनुसार,यह निर्णय अमेरिकी समुदायों की सुरक्षा और जन सुरक्षा मानकों को और कड़ा करने के प्रयासों के तहत लिया गया है। विदेश विभाग के अधिकारी ने बताया कि रद्द किए गए वीज़ाओं में से 8,000 से अधिक छात्र वीज़ा हैं,जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुने से अधिक हैं।
अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि हाल के महीनों में विभिन्न अपराधों—जैसे हमले,चोरी और हिंसा में बाहरी नागरिकों की संलिप्तता देखने के बाद यह कदम आवश्यक हो गया था। उन्होंने कहा कि यह ऐसे लोग हैं,जिन्हें अमेरिका अपने समुदायों के बीच नहीं देखना चाहता,क्योंकि वे सुरक्षा के लिए प्रत्यक्ष खतरा उत्पन्न कर सकते हैं। प्रशासन का कहना है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य उन सभी संभावित खतरों को रोकना है,जो विदेशी नागरिकों के माध्यम से अमेरिकी समाज में प्रवेश कर सकते हैं।
अधिकारी ने आगे बताया कि ट्रंप प्रशासन विशेष रूप से उन देशों से आने वाले वीज़ा आवेदकों की जाँच में सख्ती बरत रहा है,जिन्हें सुरक्षा जोखिम की दृष्टि से अधिक संवेदनशील माना जाता है। अफगानिस्तान का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि 2021 में अमेरिकी सैन्य वापसी के बाद से अफगानिस्तान से आने वाले आवेदकों को लेकर सुरक्षा चिंताएँ बनी रही हैं। उनका कहना था कि प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि वीज़ा प्राप्त करने वाला कोई भी व्यक्ति देश की सुरक्षा के लिए खतरा न बने।
स्टेट डिपार्टमेंट के अधिकारी ने कहा कि वीज़ा जाँच प्रक्रिया में कोई जल्दबाजी नहीं की जाएगी और आवेदनों का मूल्यांकन व्यापक और विस्तृत सुरक्षा मानकों के आधार पर ही होगा। उन्होंने बताया कि जब तक अधिकारियों को यह पूर्ण विश्वास न हो जाए कि कोई आवेदक पूरी तरह सुरक्षित है,तब तक वीज़ा जारी नहीं किया जाएगा,भले ही प्रक्रिया में कितना भी समय क्यों न लग जाए।
उनसे पूछा गया कि वीज़ा रद्द करने का आधार क्या है,तो अधिकारी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा हाल में बनाई गई नीतियों के तहत वीज़ा अस्वीकृत करने के कई आधार हो सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी एक मानदंड के आधार पर निर्णय नहीं लिया जाता,बल्कि आवेदक के पूरे बैकग्राउंड और उनके संभावित प्रभाव का आकलन किया जाता है।
अधिकारी ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अमेरिका का मौलिक मूल्य है,लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि देश उन विदेशियों को अंदर आने दे जो अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुँचाने की मंशा रखते हों। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन “अमेरिकियों को सुरक्षित रखने” के अपने संकल्प के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
अधिकारी के अनुसार,वीज़ा योग्यताओं का निर्धारण करते समय अधिकारी केवल एक या दो पहलुओं पर ध्यान नहीं देते,बल्कि आवेदक के संपूर्ण चरित्र,यात्रा इतिहास,सामाजिक जुड़ाव,संभावित जोखिम और सुरक्षा से संबंधित सूचनाओं की विस्तृत तरीके से जाँच करते हैं। उन्होंने कहा कि हर आवेदक के मामले की स्वतंत्र रूप से समीक्षा की जाती है और निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं पर विचार किया जाता है।
अमेरिका की यह सख्त वीज़ा नीति ऐसे समय में लागू की जा रही है,जब अफगानिस्तान से 2021 में अमेरिकी सेना की वापसी के बाद देश अपनी इमिग्रेशन प्रक्रियाओं और सुरक्षा जाँच प्रणाली को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। हजारों अफगान नागरिक विभिन्न अमेरिकी पुनर्वास कार्यक्रमों और विशेष वीज़ा योजनाओं के तहत आवेदन कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों के आवेदकों को कई स्तरों की सुरक्षा जाँच से गुजरना पड़ रहा है, जिसमें उनके दस्तावेजों की प्रामाणिकता,व्यक्तिगत रिकॉर्ड,आतंकवाद से किसी भी प्रकार का संबंध और अमेरिकी हितों पर संभावित खतरे सहित अन्य पहलुओं की गहन जाँच शामिल होती है।
हालाँकि,ट्रंप प्रशासन की इस नीति को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। समर्थकों का कहना है कि यह कदम अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा और विदेशी अपराधियों के प्रवेश को रोकेगा। उनका मानना है कि वीज़ा प्रणाली लंबे समय से कमजोर रही है और इसे कठोर बनाने की आवश्यकता थी,ताकि देश की सीमाओं की सुरक्षा और जन सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके।
दूसरी ओर,आलोचकों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में वीज़ा रद्द करना कई निर्दोष लोगों को भी प्रभावित कर सकता है,विशेषकर वे छात्र और कर्मचारी जो कानूनी उद्देश्यों से अमेरिका आना चाहते हैं। उनका तर्क है कि सख्त जाँच प्रक्रियाओं के नाम पर प्रशासन वैध आवेदकों को भी अनिश्चितता में डाल रहा है,जिससे अमेरिका की वैश्विक छवि और शैक्षणिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँच सकता है।
फिर भी,ट्रंप प्रशासन यह स्पष्ट कर चुका है कि सुरक्षा किसी भी अन्य प्राथमिकता से ऊपर है। एक अधिकारी के शब्दों में, “हम किसी भी कीमत पर यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी ऐसा व्यक्ति हमारे देश में प्रवेश न करे जो हमारे नागरिकों के लिए खतरा पैदा कर सकता है।”
अमेरिका में यह व्यापक वीज़ा समीक्षा और रद्दीकरण अभियान यह दिखाता है कि ट्रंप प्रशासन आने वाले समय में और कठोर कदम उठाने के लिए तैयार है। जैसे-जैसे वैश्विक परिस्थितियाँ और प्रवासन से जुड़े मुद्दे बदलते जा रहे हैं,यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे चलकर वीज़ा नीतियों पर यह रुख कितना सख्त और प्रभावी साबित होता है।
