माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष और सीईओ सत्य नडेला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@satyanadella)

2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी डेवलपर कम्युनिटी बनेगा भारत: सत्य नडेला,माइक्रोसॉफ्ट ने घोषित किया 17.5 अरब डॉलर का निवेश

नई दिल्ली,10 दिसंबर (युआईटीवी)- माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्य नडेला ने बुधवार को भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल और एआई क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि देश 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी डेवलपर कम्युनिटी बनने की ओर अग्रसर है। ‘माइक्रोसॉफ्ट लीडरशिप कनेक्शन’ इवेंट के दौरान नडेला ने भारत की तकनीकी क्षमता,युवा टैलेंट और एआई आधारित नवाचारों में देश की बढ़ती पकड़ को वैश्विक स्तर पर गेम-चेंजर बताया। उनका कहना था कि भारत न केवल तकनीकी दृष्टि से आगे बढ़ रहा है,बल्कि आने वाले वर्षों में यह एआई-चालित समाधानों का वैश्विक केंद्र बनने की राह पर भी है।

नडेला ने कार्यक्रम में स्पष्ट किया कि भारत में मौजूद डेवलपर्स की संख्या जिस रफ्तार से बढ़ रही है,वह आने वाले समय में इसे दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर डेवलपर कम्युनिटी बना देगी। उन्होंने बताया कि 2030 तक भारत में लगभग 57.5 मिलियन डेवलपर्स होने का अनुमान है,जो किसी भी देश के लिए रिकॉर्ड संख्या होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के युवा डेवलपर्स न केवल तेजी से सीख रहे हैं,बल्कि माइक्रोसॉफ्ट के एआई टूल्स और प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर ऐसे प्रोजेक्ट तैयार कर रहे हैं,जो पहले केवल बड़े रिसर्च लैब्स में ही संभव होते थे।

उन्होंने यह भी बताया कि माइक्रोसॉफ्ट के नए एआई प्लेटफॉर्म और टूल्स—जैसे ऐपबिल्डर,कोपाइलेट स्टूडियो और फाउंड्राई—सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की प्रक्रिया को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखते हैं। नडेला ने समझाया कि आज के डेवलपर्स के सामने केवल एक एआई मॉडल को चुनने का विकल्प नहीं है,बल्कि अब वे एक बड़े इकोसिस्टम का हिस्सा बन गए हैं,जहाँ विभिन्न मॉडल्स उपलब्ध हैं। ये मॉडल न केवल मूल्यांकन किए जा सकते हैं,बल्कि इन्हें सुरक्षित तरीके से डिप्लॉय भी किया जा सकता है। उनका कहना था कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का भविष्य इससे कहीं बड़ा होने जा रहा है, जहाँ मल्टी-एजेंट एआई सिस्टम और इंटेलिजेंट एप्लीकेशन मुख्य भूमिका निभाएँगे।

नडेला ने कहा कि भारत के डेवलपर्स पहले से ही गिटहब,एज्योर और माइक्रोसॉफ्ट के नए एआई प्लेटफॉर्म का प्रयोग उन कार्यों के लिए कर रहे हैं,जो पहले बड़े वैज्ञानिक संस्थानों तक सीमित थे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आज भारतीय डेवलपर्स हेल्थकेयर,शिक्षा,फिनटेक और कृषि समेत कई क्षेत्रों में एआई आधारित समाधान तैयार कर रहे हैं,जो आने वाले वर्षों में भारत के सामाजिक ढाँचे में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में एआई का उपयोग केवल व्यावसायिक क्षेत्र तक सीमित नहीं है,बल्कि इसका इस्तेमाल सामाजिक-स्तर के समाधान विकसित करने के लिए भी किया जा रहा है,जो आने वाले दशकों में भारत की दिशा तय करेगा।

इवेंट के दौरान नडेला ने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के भविष्य पर विस्तार से चर्चा की। उनका कहना था कि पारंपरिक रूप से डेवलपर्स एकल एआई मॉडल के साथ काम करते थे,लेकिन अब समय बदल रहा है। आधुनिक सॉफ्टवेयर विकास में बहु-एजेंट सिस्टम का महत्व बढ़ गया है,जहाँ विभिन्न एआई मॉडल एक साथ मिलकर अधिक प्रभावी और स्मार्ट समाधान तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट इसी दिशा में भारी निवेश कर रहा है,ताकि डेवलपर्स—विशेषकर भारतीय डेवलपर्स को ऐसे टूल्स मिलें,जो उन्हें टेक्नोलॉजी के हर स्तर पर सक्षम बनाएँ।

नडेला ने यह भी बताया कि माइक्रोसॉफ्ट भारतीय डेवलपर इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए लगातार निवेश बढ़ा रहा है। उनका कहना था कि कंपनी का लक्ष्य ऐसे एआई-समर्थित एप्लीकेशन तैयार करने में डेवलपर्स की मदद करना है,जो पहले से मौजूद डेटा और सिस्टम्स के साथ आसानी से जुड़ सकें। इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट नए टूल्स,इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रेनिंग मॉड्यूल विकसित कर रहा है,ताकि भारत के डेवलपर्स दुनिया के हर हिस्से में प्रतिस्पर्धा कर सकें।

इसी बीच,माइक्रोसॉफ्ट ने मंगलवार को घोषणा की कि कंपनी अगले चार वर्षों में भारत में 17.5 अरब डॉलर यानी लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का बड़ा निवेश करेगी। यह निवेश एआई इंफ्रास्ट्रक्चर, डेटा सेंटर्स, स्किल डेवलपमेंट और क्लाउड सेवाओं के विस्तार पर खर्च किया जाएगा। यह घोषणा नडेला की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई मुलाकात के बाद की गई। इस बैठक में भारत की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन यात्रा,एआई आधारित समाधानों का प्रसार और वैश्विक टेक्नोलॉजी सहयोग जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।

माइक्रोसॉफ्ट का यह निवेश भारत को वैश्विक एआई हब बनने की दिशा में और मजबूत करेगा। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह निवेश न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा,बल्कि भारत के युवाओं को अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी सीखने का अवसर भी देगा। इसके साथ ही देश में एआई और क्लाउड सेवाओं की पहुँच और तेजी से बढ़ेगी,जिससे छोटे और मध्यम उद्यमों को भी प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा।

नडेला ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की ताकत उसका युवा टैलेंट,नवाचार की क्षमता और तेजी से बढ़ता डिजिटल इकोसिस्टम है। उन्होंने विश्वास जताया कि यदि भारत इसी गति से आगे बढ़ता रहा,तो आने वाले वर्षों में यह न केवल डेवलपर्स की सबसे बड़ी कम्युनिटी बनेगा,बल्कि एआई और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व भी करेगा।