गोवा नाइट क्लब अग्निकांड के आरोपी सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा थाईलैंड में हिरासत में (तस्वीर क्रेडिट@suryakantvsnl)

गोवा नाइट क्लब अग्निकांड के आरोपी सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा थाईलैंड में हिरासत में,भारत जल्द करेगा प्रत्यर्पण का अनुरोध

नई दिल्ली,11 दिसंबर (युआईटीवी)- गोवा के अरपोरा स्थित नाइट क्लब ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ में हुए भीषण अग्निकांड के बाद फरार चल रहे मुख्य आरोपी कारोबारी सौरभ और गौरव लूथरा को थाईलैंड में हिरासत में ले लिया गया है। इस हादसे में 25 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी,जिसके बाद दोनों भाई घटना स्थल से चुपचाप निकलकर फुकेट रवाना हो गए थे। लंबे समय से फरार होने के बाद थाईलैंड में उनकी गिरफ्तारी को भारतीय एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। अब भारत जल्द ही दोनों के प्रत्यर्पण की औपचारिक प्रक्रिया शुरू करेगा,ताकि उन्हें गोवा में मुकदमे का सामना कराया जा सके।

लूथरा बंधु भारत ही नहीं,बल्कि कई देशों में रेस्टोरेंट और हॉस्पिटैलिटी चेन ‘रोमियो लेन’ के लिए जाने जाते हैं। चार देशों के कई प्रमुख शहरों में इनकी रेस्टोरेंट चेन फैली हुई है। हालाँकि,गोवा में हुए इस दुखद हादसे ने उनकी पूरी प्रतिष्ठा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गोवा पुलिस के अनुसार,घटना वाले दिन क्लब में म्यूजिक इवेंट आयोजित किया गया था और करीब 100 लोग मौजूद थे,जिनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। रात करीब उस समय आग लगी,जब कलाकार बॉलीवुड गानों पर परफॉर्म कर रहे थे और मंच पर इलेक्ट्रिक पटाखों का इस्तेमाल किया जा रहा था। शुरुआती जाँच में यही माना जा रहा है कि चिंगारी ने पूरे क्लब में आग फैलाने का काम किया।

सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि क्लब में सुरक्षा से जुड़े बुनियादी इंतजाम तक मौजूद नहीं थे। अधिकारियों का कहना है कि मौके पर कोई काम करने वाला अग्निशमन यंत्र नहीं मिला और न ही कोई अलार्म सिस्टम मौजूद था। आग लगने की स्थिति में लोगों को बाहर निकलने के लिए उचित निकास द्वार भी पर्याप्त नहीं थे। इन गंभीर लापरवाहियों ने इस दुर्घटना को और भयावह बना दिया। कई लोग धुएँ में घुटने से मरे और कुछ बाहर निकलने की कोशिश में दम तोड़ बैठे।

हादसे के तुरंत बाद जैसे ही आग पर काबू पाया गया,आरोपियों ने बिना देर किए गोवा छोड़ दिया। एयरपोर्ट पर उनकी मूवमेंट सामने आने के बाद पुलिस ने तत्काल उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या और गंभीर लापरवाही के तहत मामला दर्ज किया। साथ ही विदेश मंत्रालय ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों के पासपोर्ट निलंबित कर दिए। पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 10ए के तहत ऐसे मामलों में पासपोर्ट निलंबित करना सरकार का अधिकार है। निलंबित पासपोर्ट के साथ किसी भी व्यक्ति को देश से बाहर यात्रा करने की अनुमति नहीं होती,लेकिन लूथरा भाइयों ने इससे पहले ही देश छोड़ दिया था,जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई और भी तेज कर दी गई।

सूत्रों के अनुसार,भारत सरकार पासपोर्ट रद्द करने के विकल्प पर भी विचार कर रही है,ताकि आरोपी किसी भी अन्य देश में शरण लेने का प्रयास न कर सकें। थाईलैंड में हिरासत की खबर सामने आने के बाद भारतीय अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। अब प्रक्रियानुसार भारत को औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध भेजना होगा,जिसके बाद दोनों को वापस भारत लाया जा सकेगा।

उधर गोवा में इस घटना ने पीक टूरिस्ट सीजन में भारी असर डाला है। हर साल क्रिसमस और न्यू ईयर के बीच गोवा में लाखों पर्यटक पहुँचते हैं,लेकिन हादसे के बाद कई पर्यटकों ने अपनी यात्रा योजनाएँ रद्द कर दीं। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि इस घटना ने गोवा की सुरक्षा छवि को गहरा आघात पहुँचाया है। यदि सरकार और प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता,तो आने वाले हफ्तों में पर्यटन से होने वाले राजस्व पर भारी असर पड़ सकता है।

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस घटना को गंभीर लापरवाही का परिणाम बताते हुए कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चाहे मालिक हों या कर्मचारी,किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल क्लब के चार कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है। मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सभी नाइट क्लब और पब की सुरक्षा जाँच कराई जाएगी।

हादसे की जाँच कर रही टीम ने बताया कि क्लब ने सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी कर बड़ी लापरवाही की,जिसमें फायर सेफ्टी उपकरणों की कमी,अनुमति से अधिक भीड़ और इलेक्ट्रिक पटाखों का इस्तेमाल मुख्य कारण रहे। सूत्रों का यह भी दावा है कि क्लब को स्थानीय स्तर पर कई चेतावनियाँ दी गई थीं,लेकिन मालिकों ने इनका पालन नहीं किया।

घटना ने भारत में नाइट क्लबों की सुरक्षा व्यवस्था को एक बार फिर कठघरे में खड़ा कर दिया है। जबकि बड़े शहरों में भी ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं,जहाँ सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता। गोवा घटना के बाद अब राज्य सरकार और केंद्र,दोनों पर जिम्मेदारी है कि इस दुर्घटना से सबक लेते हुए नाइटलाइफ़ इंडस्ट्री में कड़े नियम लागू किए जाएँ।

थाईलैंड में हिरासत में लिए गए सौरभ और गौरव लूथरा को भारत लाकर यदि दोषी पाया जाता है,तो उन्हें लंबी कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा। यह घटना न केवल गोवा,बल्कि पूरे देश के लिए चेतावनी है कि सुरक्षा नियमों की अनदेखी किस तरह भारी कीमत वसूल सकती है।