नई दिल्ली,12 दिसंबर (युआईटीवी)- आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में शुक्रवार सुबह हुए दर्दनाक बस हादसे ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। बेंगलुरु से हैदराबाद जा रही एक निजी वोल्वो बस अचानक आग की चपेट में आ गई,जिसमें अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इस भीषण दुर्घटना ने न सिर्फ पीड़ित परिवारों को गहरे दुख में डाल दिया है,बल्कि पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा कि कुरनूल में बस में आग लगने की घटना अत्यंत हृदयविदारक है। उन्होंने इस त्रासदी में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना प्रकट की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। उनके संदेश में इस घटना की गंभीरता और पीड़ितों के साथ भावनात्मक जुड़ाव साफ झलक रहा था।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने भी ‘एक्स’ पर पोस्ट के माध्यम से गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि बस आग दुर्घटना की खबर अत्यंत दुखद है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को सांत्वना देते हुए कहा कि वह घायलों की शीघ्र रिकवरी की प्रार्थना करते हैं। उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि ऐसी दुर्घटनाओं से बचाव के लिए राज्य सरकार और संबंधित एजेंसियों को और अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे पर गहरा दुख जताया और पीड़ित परिवारों के साथ अपनी संवेदनाएँ साझा कीं। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में उनके विचार और प्रार्थनाएँ प्रभावित परिवारों के साथ हैं। प्रधानमंत्री ने घायलों की शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और साथ ही प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मुआवजे की घोषणा की। उनके अनुसार,हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को 2 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा,जबकि घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
दुर्घटना कुरनूल जिले के कल्लूर मंडल के अंतर्गत चिन्नाटेकुर गाँव के पास हुई। सुबह करीब बस में अचानक आग लगने से यात्रियों में हड़कंप मच गया। बस में उस समय लगभग 40 यात्री सवार थे,जिनमें से 12 लोग आपातकालीन द्वार तोड़कर बाहर निकलने में सफल रहे। इनमें से कई को मामूली चोटें आई हैं,जिनका उपचार स्थानीय अस्पताल में कराया जा रहा है,लेकिन बस के भीतर मौजूद कई यात्री आग की लपटों में घिर गए और बाहर निकलने का कोई रास्ता न होने के कारण उनकी दर्दनाक मौत हो गई। बस कुछ ही मिनटों में आग का गोला बन गई और पूरी तरह से जलकर खाक हो गई।
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और दमकल कर्मी घटनास्थल पर पहुँचे, परंतु तब तक बस को काफी नुकसान हो चुका था। आग बुझाने के बाद रेस्क्यू टीमों ने क्षतिग्रस्त बस से शवों को बाहर निकालने का काम शुरू किया। अधिकारियों ने कहा कि कई शव बुरी तरह जल चुके हैं और उनकी पहचान करना भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। प्रारंभिक जाँच के अनुसार आग लगने का कारण तकनीकी खराबी हो सकता है,हालाँकि,विस्तृत जाँच के बाद ही स्पष्ट निष्कर्ष सामने आएगा।
आंध्र प्रदेश के परिवहन मंत्री मंडीपल्ली रामप्रसाद रेड्डी घटना की सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर पहुँचे। उन्होंने रेस्क्यू कार्यों का जायजा लिया और पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्थिति का मूल्यांकन किया। मंत्री ने कहा कि इतने लोगों की अचानक मृत्यु होना बेहद दुखद है और यह घटना राज्य के लिए एक बड़ी त्रासदी है। उन्होंने निर्देश दिया कि घायलों को तत्काल कुरनूल सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित किया जाए और उनके उपचार में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को मृतकों के शवों की पहचान प्रक्रिया तेजी से पूरी करने और उन्हें शीघ्रता से उनके परिजनों को सौंपने का भी निर्देश दिया।
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार दुर्घटना की विस्तृत जाँच करेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निजी बस ऑपरेटरों को सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य है और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि राज्य सरकार निजी बसों में सुरक्षा उपकरणों और आपातकालीन प्रोटोकॉल को और सख्ती से लागू करने पर विचार कर सकती है।
स्थानीय लोगों ने भी हादसे के बाद रेस्क्यू में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कई ग्रामीण मौके पर पहुँचे और यात्रियों की मदद करने की कोशिश की। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग इतनी तेजी से फैली कि बस यात्रियों को बाहर निकलने का समय ही नहीं मिला। कुछ लोगों ने खिड़कियाँ और दरवाजे तोड़कर यात्रियों को बाहर निकालने का प्रयास किया,लेकिन घना धुआँ और तेज लपटें उनके प्रयासों में बाधा बनती रहीं।
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर से देश में सड़क सुरक्षा और वाहन सुरक्षा मानकों पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबी दूरी की बसों में फायर सेफ्टी उपकरणों,नियमित तकनीकी जाँच और बेहतर आपातकालीन प्रबंधन की सख्त जरूरत है। हाल के वर्षों में ऐसी घटनाओं में वृद्धि हुई है,जो यह संकेत देती हैं कि परिवहन प्रणाली में सुधार और कठोर नियमों की आवश्यकता है।
कुरनूल बस हादसा न केवल एक प्रशासनिक चुनौती है,बल्कि असंख्य परिवारों के लिए अपूरणीय क्षति भी है। देश भर से मिल रही संवेदनाओं से यह साफ है कि हर कोई पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है। अब जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की है कि वह इस हादसे के कारणों की गहराई से जाँच करे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।

