प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@DrJitendraSingh)

शिवराज पाटिल का निधन: भारतीय राजनीति के संतुलित और मर्यादित नेतृत्व का अवसान,देशभर में शोक की लहर

नई दिल्ली,12 दिसंबर (युआईटीवी)- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री, पूर्व लोकसभा स्पीकर और अनुभवी राजनेता शिवराज पाटिल का शुक्रवार सुबह महाराष्ट्र के लातूर में निधन हो गया। 91 वर्षीय पाटिल ने सुबह लगभग 6:30 बजे अपने आवास “देववर” में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से अस्वस्थ थे और पिछले कई महीनों से घर पर ही चिकित्सकीय देखभाल में थे। उनके निधन की खबर सामने आते ही राष्ट्रीय राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई, और सभी दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट साझा करते हुए गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि शिवराज पाटिल का निधन एक युग का अंत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पाटिल न केवल एक अनुभवी और मर्यादित नेता थे,बल्कि उन्होंने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में विधायक,सांसद,केंद्रीय मंत्री,महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर और लोकसभा स्पीकर के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पीएम मोदी ने अपनी एक व्यक्तिगत याद का भी उल्लेख किया और बताया कि कुछ महीने पहले ही पाटिल उनके आवास पर मिलने आए थे। प्रधानमंत्री ने उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि समाजिक कल्याण के प्रति पाटिल की प्रतिबद्धता उन्हें सदैव अलग पहचान देती है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उनके निधन पर दुख जताया। शाह ने लिखा कि पाटिल की दशकों लंबी राजनीतिक यात्रा उनकी गहरी समझ,समर्पण और संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान का प्रमाण है। अमित शाह ने उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा सार्वजनिक जीवन जिसमें गरिमा और अनुशासन का आदर्श कायम रखा जाए,बहुत कम देखने को मिलता है और पाटिल ने यह साबित किया कि राजनीति में नैतिकता हमेशा सर्वोपरि हो सकती है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि शिवराज पाटिल विभिन्न प्रमुख पदों पर रहते हुए सदैव देश की प्रगति और लोकतंत्र की मजबूती के लिए कार्य करते रहे। उन्होंने शोक संदेश में लिखा कि पाटिल का जाना भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है, क्योंकि वे एक अनुभवी,संयमी और विद्वान नेता थे जिनकी विचारधारा में सदैव देशहित सर्वोपरि रहा।

आंध्र प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पीवीएन माधव ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश ने एक प्रतिष्ठित सांसद,गरिमापूर्ण राजनेता और निष्पक्ष प्रशासक को खो दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि शिवराज पाटिल की दशकों लंबी सार्वजनिक सेवा गरिमा,अनुशासन और लोकतांत्रिक मूल्यों की मिसाल थी,जिसे राजनीतिक सीमाओं से परे लोग याद करेंगे। माधव ने यह भी उल्लेख किया कि पाटिल भगवान सत्य साईं बाबा के प्रति गहरी भक्ति रखते थे और पुट्टपर्थी से उनका विशेष आध्यात्मिक संबंध था। उन्होंने दिवंगत नेता के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से शक्ति और साहस की कामना की।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि देश ने एक सभ्य,सुसंस्कृत और विद्वान व्यक्तित्व खो दिया है। उन्होंने कहा कि शिवराज पाटिल चाकुरकर ने राजनीति में सादगी और नैतिकता का आदर्श प्रस्तुत किया और अपने लंबे करियर में उन्होंने लोकसभा स्पीकर,केंद्रीय मंत्री,महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर और पंजाब के राज्यपाल जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए राजनीति में शुचिता बनाए रखी। अजीत पवार ने यह भी याद दिलाया कि लोकसभा स्पीकर के रूप में पाटिल ने सदन के आधुनिकीकरण पर महत्वपूर्ण काम किया था। कंप्यूटरीकरण,कार्यवाही का लाइव प्रसारण और संसद की लाइब्रेरी के लिए नई बिल्डिंग की शुरुआत जैसे कदम उनके नाम दर्ज हैं। उनके कार्यकाल में ही उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार की शुरुआत हुई थी,जिसे आज भी संसद में सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में गिना जाता है।

शिवराज पाटिल का राजनीतिक करियर अत्यंत व्यापक और प्रभावशाली रहा। 1970 के दशक में राजनीति की शुरुआत करने वाले पाटिल 1973 में पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य बने। बाद में वे डिप्टी स्पीकर और स्पीकर बने और अपने शांत,संतुलित और निष्पक्ष व्यवहार के लिए पहचाने गए। 1980 में वे पहली बार लोकसभा पहुँचे और उसके बाद लगातार छह बार चुनकर जनता के प्रतिनिधि बने। लोकसभा में उनकी पकड़,संसदीय प्रथाओं की समझ और संविधान के प्रति उनकी गहरी निष्ठा ने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में विशेष स्थान दिलाया।

कांग्रेस पार्टी ने उन्हें एक विश्वसनीय और संतुलित नेता के रूप में स्थापित किया। 2004 में जब उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री बनाया गया,तब उन्होंने दायित्वों को अत्यंत गंभीरता से निभाया। हालाँकि,2008 में मुंबई हमलों के बाद उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस कदम को भारतीय राजनीति में उत्तरदायित्व की मिसाल माना गया।

पाटिल न केवल एक कुशल प्रशासनिक नेता थे,बल्कि एक सादगीपूर्ण और विचारशील व्यक्तित्व भी थे। वे उस्मानिया विश्वविद्यालय से साइंस ग्रेजुएट थे और मुंबई विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की थी,जिसने उन्हें तार्किक और संतुलित सोच का आधार प्रदान किया।

लंबी बीमारी के चलते पिछले कुछ महीनों से उनका स्वास्थ्य कमजोर हो रहा था। डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें घर पर ही मेडिकल निगरानी में रखा गया था। परिवार के सदस्यों,शुभचिंतकों और राजनीतिक सहयोगियों की प्रार्थनाओं और उम्मीदों के बावजूद शुक्रवार सुबह उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।