वाशिंगटन,12 दिसंबर (युआईटीवी)- अमेरिका में अप्रवासन नीति को लेकर बढ़ती राजनीतिक खींचतान एक बार फिर उभरकर सामने आई है। व्हाइट हाउस ने न्यूयॉर्क शहर के नए मेयर जोहऱान ममदानी के हालिया वीडियो की कड़ी आलोचना की है,जिसमें उन्होंने अप्रवासियों को कथित तौर पर आईसीई (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट) के खिलाफ खड़े होने का आह्वान किया था। इस विवादास्पद संदेश ने न केवल स्थानीय समुदायों में बहस छेड़ दी है,बल्कि संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने इस वीडियो की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे बयान खतरनाक माहौल को जन्म दे रहे हैं और फेडरल अप्रवासन अधिकारियों के खिलाफ हिंसा में बढ़ोतरी का कारण बन रहे हैं। लेविट ने बताया कि पिछले महीनों में आईसीई एजेंटों और उनके परिवारों पर हिंसक हमलों में एक हजार प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है,जो बेहद चिंताजनक है। उनके अनुसार,कई मामलों में एजेंटों की निजी जानकारी तक सार्वजनिक कर दी गई, जिससे उन्हें उत्पीड़न,धमकियों और शारीरिक हमलों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि आईसीई अधिकारी केवल कानून के तहत अपने कर्तव्य निभा रहे हैं और उनके खिलाफ इस प्रकार के आह्वान कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन सकते हैं।
यह मामला तब और गंभीर हो गया जब यह सवाल उठाया गया कि क्या न्यूयॉर्क के मेयर का संदेश स्थानीय निवासियों को संघीय एन्फोर्समेंट ऑपरेशन्स का विरोध करने के लिए प्रेरित कर सकता है। इस पर व्हाइट हाउस ने साफ कहा कि किसी भी रूप में कानून के विरोध को बढ़ावा देना स्वीकार्य नहीं है और संघीय प्रशासन अपने मिशन पर कायम रहेगा। लेविट ने स्पष्ट किया कि प्रशासन का उद्देश्य अवैध विदेशियों और सार्वजनिक सुरक्षा के खतरों को हटाना है और वह किसी भी राज्य या शहर के राजनीतिक माहौल के बावजूद इस मिशन से पीछे नहीं हटेगा।
प्रेस सेक्रेटरी की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है,जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया कि वर्तमान सीमा स्थिति अमेरिकी इतिहास की सबसे सुरक्षित स्थिति है। उन्होंने रिकॉर्ड-कम एनकाउंटर नंबरों का हवाला देते हुए कहा कि लगातार सात महीनों में यूएस बॉर्डर पेट्रोल ने जीरो अवैध विदेशियों को देश में प्रवेश की अनुमति दी है। ट्रंप प्रशासन इसे अपनी कड़ी और सफल अप्रवासन नीति का परिणाम बता रहा है।
लेविट ने बाइडेन प्रशासन की तुलना में ट्रंप के कार्यकाल को अधिक प्रभावी बताया। उन्होंने कहा कि “राष्ट्रपति ट्रंप के दस महीनों में हमने कुल मिलाकर कम डर,कम अवैध प्रवेश और अधिक सुरक्षा देखी है,जो बाइडेन के एक महीने में भी नहीं मिल सकी।” उन्होंने कहा कि सीमा पर ट्रंप प्रशासन द्वारा लागू की गई नीतियों ने न केवल अवैध प्रवेश को कम किया है,बल्कि संप्रभुता भी बहाल की है।
इन बयानों ने देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएँ पैदा की हैं। दक्षिण और मध्य अमेरिकी राज्यों में ट्रंप की यह नीति लोकप्रिय हो रही है,जबकि न्यूयॉर्क,लॉस एंजिल्स और शिकागो जैसे महानगरों में यह तनाव को बढ़ावा दे रही है। न्यूयॉर्क विशेष रूप से चर्चा में है क्योंकि यहाँ हजारों भारतीय नागरिकों सहित बड़ी संख्या में अप्रवासी रहते हैं और ऐसे संदेश उनके दैनिक जीवन और सुरक्षा पर सीधा असर डाल सकते हैं।
मेयर ममदानी के समर्थन में कुछ संगठनों का कहना है कि उनका बयान प्रशासनिक अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का हिस्सा है। इन समूहों का तर्क है कि आईसीई की कई कार्रवाईयों ने परिवारों को अलग किया है,कार्यस्थलों पर छापे मारे हैं और कई अमेरिकन-ड्रीमर समुदायों में भय का माहौल पैदा किया है। उनके अनुसार,ऐसे में नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान के लिए स्थानीय नेताओं को मजबूती से उनके साथ खड़े होने की जरूरत है।
वहीं दूसरी ओर,ट्रंप प्रशासन के समर्थक और फेडरल एजेंसियाँ इसे कानून व्यवस्था के खिलाफ सीधा हमला मान रही हैं। उनके अनुसार,एक मेयर द्वारा ऐसा सार्वजनिक संदेश देना संघीय प्रणाली के लिए चुनौती है और गिरते हुए कानून के प्रति सम्मान को और कमजोर करता है।
मेयर ममदानी के संदेश पर उठे सवालों के बीच यह राजनीतिक टकराव आने वाले समय में और गहरा सकता है। न्यूयॉर्क जैसे शहरों में जहाँ बड़ी अप्रवासी आबादी बसती है,ऐसे बयानों का प्रभाव सामाजिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर पड़ता है। इसके अलावा,आगामी महीनों में अप्रवासन नीति अमेरिकी राजनीति का महत्वपूर्ण मुद्दा बनने वाली है और इस विवाद ने उसकी दिशा और तीव्रता दोनों को बढ़ा दिया है।
व्हाइट हाउस ने दोहराया कि प्रशासन कानून के अनुसार अपने दायित्व निभाता रहेगा और किसी राजनीतिक विवाद के दबाव में नहीं आएगा। लेविट ने कहा कि “अवैध क्रॉसिंग में निरंतर गिरावट ट्रंप प्रशासन की प्रभावी नीति का परिणाम है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा की बड़ी उपलब्धि है।”
यह विवाद केवल एक वीडियो या बयान तक सीमित नहीं है,बल्कि यह अमेरिका की बदलती राजनीतिक प्राथमिकताओं,सामाजिक तनाव और अप्रवासी समुदायों की सुरक्षा की जटिलताओं को भी उजागर करता है। आने वाले दिनों में अदालतों,शहर प्रशासन और संघीय एजेंसियों के बीच इस मुद्दे को लेकर और भी टकराव देखने की संभावना है।

