प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@DrJitendraSingh)

जॉर्डन,इथियोपिया और ओमान की महत्वपूर्ण यात्रा पर निकलेंगे पीएम मोदी,तीन देशों के साथ संबंध मजबूत करने पर रहेगा फोकस

नई दिल्ली,12 दिसंबर (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते तीन महत्वपूर्ण देशों—जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की यात्रा पर रवाना होंगे। यह विदेश दौरा न केवल भारत की सक्रिय और संतुलित विदेश नीति का प्रतीक माना जा रहा है,बल्कि बदलते वैश्विक समीकरणों के बीच भारत की भूमिका को और मजबूत करने का अवसर भी प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा 15 दिसंबर से 18 दिसंबर के बीच तीन चरणों में पूरी होगी,जिसमें प्रत्येक देश के साथ द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा,रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श को प्राथमिकता दी जाएगी।

यात्रा का पहला चरण प्रधानमंत्री मोदी को 15 और 16 दिसंबर को जॉर्डन ले जाएगा। यह दौरा भारत और जॉर्डन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर हो रहा है,जो इसे और अधिक महत्व प्रदान करता है। प्रधानमंत्री मोदी अपनी इस यात्रा के दौरान हाशमाइट साम्राज्य का दौरा करेंगे और जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन से मुलाकात करेंगे। दोनों नेता भारत-जॉर्डन संबंधों की व्यापक समीक्षा करेंगे और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

जॉर्डन पश्चिम एशिया में स्थिरता और सुरक्षा के लिहाज से एक अहम देश माना जाता है। भारत और जॉर्डन के बीच रक्षा,शिक्षा,स्वास्थ्य,सूचना प्रौद्योगिकी,व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में लंबे समय से सहयोग चलता आ रहा है। इस यात्रा को नए अवसरों की खोज और मौजूदा साझेदारी को और मजबूत करने का जरिया माना जा रहा है। जॉर्डन में बड़ी संख्या में भारतीय कामगार रहते हैं,जो दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों के संबंधों को मजबूत करते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी दूसरे चरण में 16 से 17 दिसंबर को इथियोपिया की राजकीय यात्रा पर जाएँगे। यह उनकी इथियोपिया की पहली यात्रा होगी और इसलिए इसकी कूटनीतिक अहमियत और भी बढ़ जाती है। इथियोपिया के प्रधानमंत्री डॉ. अबी अहमद अली ने प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया है। इस दौरे में दोनों नेता भारत-इथियोपिया संबंधों के सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

इथियोपिया अफ्रीका का एक प्रमुख और तेजी से विकसित हो रहा देश है,जो अफ्रीकी राजनीति और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत और इथियोपिया के संबंध दशकों पुराने हैं और भारत अफ्रीकी देशों के साथ अपने संबंधों को ग्लोबल साउथ की साझा आकांक्षाओं के रूप में देखता है। इस यात्रा के दौरान कृषि,शिक्षा,आईटी,स्वास्थ्य सेवा,विनिर्माण और क्षमता-विकास के क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा किए जाने की उम्मीद है। इथियोपिया में भारतीय कंपनियों की बड़ी उपस्थिति और वहाँ काम कर रहे हजारों भारतीयों की भूमिका द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूती देती है। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा ग्लोबल साउथ में भारत के नेतृत्व और दूसरे देशों के साथ सामरिक एवं आर्थिक सहयोग बढ़ाने की उसकी मंशा का स्पष्ट संकेत है।

यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री मोदी 17 से 18 दिसंबर तक ओमान की यात्रा करेंगे। ओमान के सुप्रीम प्रमुख सुल्तान हैथम बिन तारिक के निमंत्रण पर हो रही यह यात्रा भारत-ओमान संबंधों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह प्रधानमंत्री मोदी की ओमान की दूसरी यात्रा होगी और 70 वर्षों से चले आ रहे राजनयिक संबंधों के ऐतिहासिक अवसर पर आयोजित की जा रही है।

ओमान और भारत के बीच सदियों पुराने समुद्री एवं सांस्कृतिक संबंध हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार,ऊर्जा,सुरक्षा,रक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मजबूत रणनीतिक साझेदारी है। ओमान खाड़ी क्षेत्र में भारत का एक विश्वसनीय सहयोगी माना जाता है और बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी वहाँ रहते हैं,जो दोनों देशों के बीच मानवीय और आर्थिक रिश्तों को गहराई प्रदान करते हैं। इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की जाएगी और व्यापार,निवेश,ऊर्जा,रक्षा सहयोग,समुद्री सुरक्षा,खाद्य सुरक्षा,कृषि तकनीक,डिजिटल नवाचार और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में नए अवसरों पर चर्चा होने की संभावना है। यह दौरा ओमान के सुल्तान की दिसंबर 2023 में भारत यात्रा के बाद हो रहा है,जिससे दोनों देशों के बीच लगातार उच्च-स्तरीय संवाद को बल मिला है।

प्रधानमंत्री मोदी की यह तीन देशों की यात्रा ऐसे समय हो रही है जब वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका लगातार बढ़ रही है। भारत न केवल वैश्विक दक्षिण की आवाज बनकर उभर रहा है,बल्कि पश्चिम एशिया,अफ्रीका और हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता का एक भरोसेमंद साझेदार भी माना जाता है। यह दौरा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा,बल्कि भारत की विदेश नीति को और अधिक संतुलित,प्रभावी और बहुआयामी बनाएगा।

जॉर्डन,इथियोपिया और ओमान की यह यात्रा भारत की रणनीतिक प्राथमिकताओं,वैश्विक सहयोग की दिशा और बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य के बीच उसकी सक्रिय कूटनीति का एक महत्वपूर्ण अध्याय साबित होगी।