नई दिल्ली,16 दिसंबर (युआईटीवी)- भारतीय महिला क्रिकेट के लिए नवंबर 2025 यादगार महीना बन गया,जब टीम इंडिया की सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा को आईसीसी ने ‘महिला प्लेयर ऑफ द मंथ’ चुना। यह अवॉर्ड शेफाली के करियर का पहला ‘प्लेयर ऑफ द मंथ’ सम्मान है,जो उन्होंने थाईलैंड की थिपत्चा पुथावोंग और संयुक्त अरब अमीरात की ईशा ओझा को पीछे छोड़ते हुए हासिल किया। महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गई उनकी ऐतिहासिक पारी ने न सिर्फ भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई,बल्कि शेफाली के करियर को भी नई ऊँचाई दी।
शेफाली वर्मा का यह सफर आसान नहीं रहा। विश्व कप से पहले खराब फॉर्म के कारण वह भारतीय महिला टीम से बाहर चल रही थीं। चयनकर्ताओं की नजरों में उनकी जगह लगभग तय मानी जा रही थी कि वह टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं बनेंगी। लेकिन किस्मत ने तब करवट ली,जब चोटिल प्रतिका रावल के स्थान पर शेफाली को टीम में शामिल किया गया। यह मौका उनके लिए किसी परीक्षा से कम नहीं था,क्योंकि आलोचक पहले से ही उनके प्रदर्शन पर सवाल उठा रहे थे।
विश्व कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ शेफाली बड़ी पारी खेलने में असफल रहीं और केवल 10 रन बनाकर आउट हो गईं। उस समय कई लोगों को लगा कि शायद फाइनल में उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह भी न मिले,लेकिन टीम प्रबंधन ने उन पर भरोसा बनाए रखा और यही भरोसा फाइनल में भारत के लिए सबसे बड़ा हथियार साबित हुआ।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए खिताबी मुकाबले में शेफाली वर्मा पूरी तरह अलग अंदाज में नजर आईं। उन्होंने 78 गेंदों का सामना करते हुए 2 छक्कों और 7 चौकों की मदद से 87 रन की शानदार पारी खेली। यह वर्ल्ड कप फाइनल में किसी भारतीय महिला ओपनर द्वारा बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है। उनकी इस पारी ने भारतीय पारी को मजबूती दी और टीम को दबाव से बाहर निकालते हुए जीत की मजबूत नींव रखी। इसी शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया।
भारत की इस ऐतिहासिक जीत के बाद शेफाली की कहानी संघर्ष से सफलता की मिसाल बन गई। आईसीसी की ओर से जारी बयान में शेफाली ने कहा कि उनका पहला आईसीसी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप अनुभव वैसा नहीं रहा,जैसा उन्होंने सोचा था,लेकिन इसका अंत उनकी उम्मीदों और कल्पनाओं से कहीं बेहतर रहा। उन्होंने कहा कि वह शुक्रगुजार हैं कि फाइनल में टीम की सफलता में योगदान दे सकीं और घरेलू दर्शकों के सामने पहली बार वर्ल्ड कप जीतने का हिस्सा बन सकीं।
‘महिला प्लेयर ऑफ द मंथ’ अवॉर्ड पर प्रतिक्रिया देते हुए शेफाली ने इसे पूरी टीम की मेहनत का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें नवंबर के लिए यह सम्मान मिलने पर बहुत गर्व है और वह इस अवॉर्ड को अपने टीम के साथियों,कोच,परिवार और उन सभी लोगों को समर्पित करती हैं,जिन्होंने अब तक उनके सफर में साथ दिया। शेफाली ने यह भी कहा कि क्रिकेट एक टीम गेम है और जीत-हार की तरह यह अवॉर्ड भी टीम के प्रयासों का प्रतीक है।
शेफाली वर्मा का यह सम्मान केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है,बल्कि यह भारतीय महिला क्रिकेट के बढ़ते कद को भी दर्शाता है। एक समय आलोचनाओं का सामना कर रहीं शेफाली ने यह साबित कर दिया कि सही मौके और आत्मविश्वास के साथ कोई भी खिलाड़ी वापसी कर सकता है। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी शैली और बड़े मैचों में प्रदर्शन करने की क्षमता अब उन्हें भारतीय टीम की अहम खिलाड़ी बनाती है।
विश्व कप की इस सफलता के बाद शेफाली वर्मा अब आगे की चुनौतियों के लिए तैयार हैं। वह 21 दिसंबर से विशाखापत्तनम में शुरू होने वाली पाँच मैचों की टी20 सीरीज में श्रीलंका के खिलाफ भारतीय टीम का हिस्सा होंगी। इस सीरीज में उनकी नजरें एक बार फिर अपने प्रदर्शन से टीम को मजबूती देने और खुद को टी20 प्रारूप में भी स्थापित करने पर होंगी।
शेफाली वर्मा का नवंबर 2025 भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है। चोट के कारण मिले मौके को भुनाकर विश्व कप फाइनल में रिकॉर्ड पारी खेलना और फिर आईसीसी का प्रतिष्ठित सम्मान हासिल करना,यह सब उनकी मेहनत,धैर्य और आत्मविश्वास का परिणाम है। शेफाली ने न सिर्फ आलोचकों को जवाब दिया,बल्कि यह भी दिखाया कि मुश्किल दौर के बाद वापसी कितनी शानदार हो सकती है।
