नई दिल्ली,17 दिसंबर (युआईटीवी)- भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के विदेश दौरे के अंतिम चरण में प्रवेश कर चुके हैं। इस कूटनीतिक यात्रा का आखिरी पड़ाव ओमान है,लेकिन उससे पहले इथियोपिया में प्रधानमंत्री मोदी को वहाँ के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया। मंगलवार को उन्हें इथियोपिया का सबसे बड़ा सम्मान ‘ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया’ प्रदान किया गया,जिसे देश की सरकार और जनता की ओर से भारत के साथ मजबूत और भरोसेमंद संबंधों की मान्यता के रूप में देखा जा रहा है।
इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए इथियोपिया की सरकार,वहाँ की जनता और प्रधानमंत्री अबी अहमद अली का आभार जताया। प्रधानमंत्री ने लिखा कि दुनिया की सबसे पुरानी और समृद्ध सभ्यताओं में से एक से सम्मानित होना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने इसे व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं,बल्कि उन अनगिनत भारतीयों के सम्मान के रूप में बताया,जिन्होंने वर्षों के दौरान भारत और इथियोपिया के रिश्तों को आकार दिया और मजबूत बनाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में यह भी स्पष्ट किया कि भारत बदलती वैश्विक चुनौतियों और नए अवसरों के बीच इथियोपिया के साथ सहयोग को और सुदृढ़ करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी केवल सरकारों तक सीमित नहीं है,बल्कि लोगों से लोगों के बीच संबंधों,साझा मूल्यों और विकास की साझी सोच पर आधारित है।
पीएम मोदी ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के एक पोस्ट को भी रीशेयर किया,जिसमें इथियोपिया दौरे के प्रमुख नतीजों और अनुभवों को रेखांकित किया गया था। इस पोस्ट में बताया गया कि भारत और इथियोपिया के बीच लंबे समय से चले आ रहे रिश्तों को अब एक नई दिशा दी गई है। दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया है,जो भविष्य में राजनीतिक,आर्थिक और तकनीकी सहयोग के लिए मजबूत आधार प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस संदर्भ में कहा कि यह कदम दोनों देशों की भरोसेमंद साझेदारी में एक अहम मील का पत्थर है। उन्होंने शासन व्यवस्था,शांति स्थापना,डिजिटल क्षमता निर्माण और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को खास तौर पर महत्वपूर्ण बताया। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि ज्ञान,कौशल और नवाचार पर दिया गया ध्यान इस बात को दर्शाता है कि भारत और इथियोपिया दोनों ही अपने युवाओं को भविष्य की सबसे बड़ी ताकत मानते हैं।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग को लेकर भी प्रधानमंत्री ने गहरी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं और चिकित्सा सहयोग का उद्देश्य केवल ढाँचागत विकास नहीं,बल्कि मानवीय गरिमा की रक्षा और समाज के सबसे कमजोर वर्गों की देखभाल सुनिश्चित करना है। उनके अनुसार,यह दृष्टिकोण भारत-इथियोपिया साझेदारी को केवल आर्थिक विकास तक सीमित नहीं रखता,बल्कि इसे लोगों पर केंद्रित विकास मॉडल की ओर ले जाता है।
इससे पहले मंगलवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के फेडरल डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ इथियोपिया दौरे के ठोस नतीजों की विस्तृत जानकारी साझा की थी। उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने कस्टम मामलों में सहयोग और आपसी प्रशासनिक सहयोग को लेकर एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा,इथियोपिया के विदेश मंत्रालय में एक डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए भी एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर सहमति बनी है,जिससे डिजिटल क्षमता और सूचना प्रबंधन को मजबूत किया जा सकेगा।
इन समझौतों को दोनों देशों के बीच डिजिटल सहयोग और सुशासन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। भारत,जो डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है,अब अपने अनुभव और तकनीकी विशेषज्ञता को इथियोपिया के साथ साझा करेगा। इससे इथियोपिया को अपनी प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और नागरिक सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है,जब वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों से गुजर रही है। अफ्रीका महाद्वीप में भारत की बढ़ती कूटनीतिक और आर्थिक मौजूदगी को इस यात्रा के जरिए और मजबूती मिली है। इथियोपिया जैसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश के साथ साझेदारी को नए स्तर पर ले जाना भारत की दीर्घकालिक विदेश नीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
अब प्रधानमंत्री मोदी अपने तीन देशों के दौरे के अंतिम चरण में ओमान पहुँचने वाले हैं। ओमान के साथ भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं और उम्मीद की जा रही है कि इस यात्रा के दौरान ऊर्जा,व्यापार,निवेश और प्रवासी भारतीयों से जुड़े मुद्दों पर अहम बातचीत होगी। इथियोपिया में मिले सम्मान और वहाँ हुए समझौतों ने पहले ही इस विदेश दौरे को खास बना दिया है और ओमान यात्रा से भारत की पश्चिम एशिया नीति को भी नई गति मिलने की संभावना है।
प्रधानमंत्री मोदी का इथियोपिया दौरा और वहाँ मिला सर्वोच्च सम्मान भारत की वैश्विक छवि,दक्षिण-दक्षिण सहयोग और विकास आधारित कूटनीति का मजबूत संदेश देता है। यह यात्रा इस बात का संकेत है कि भारत न केवल आर्थिक साझेदार के रूप में,बल्कि विश्वास और साझा भविष्य के सहयोगी के तौर पर भी दुनिया में अपनी भूमिका को लगातार विस्तार दे रहा है।
