नीदरलैंड के विदेशमंत्री डेविड वैन वील दिल्ली पहुँचे (तस्वीर क्रेडिट@MEAIndia)

भारत-नीदरलैंड संबंधों में नई गति: विदेश मंत्री डेविड वैन वील का नई दिल्ली दौरा,रणनीतिक साझेदारी पर गहन चर्चा

नई दिल्ली,19 दिसंबर (युआईटीवी)-भारत और नीदरलैंड के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम के तहत नीदरलैंड के विदेश मंत्री डेविड वैन वील गुरुवार को आधिकारिक दौरे पर नई दिल्ली पहुँचे। इस दौरे को दोनों देशों के बीच राजनीतिक,आर्थिक और रणनीतिक सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। भारत के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उनके आगमन की जानकारी साझा करते हुए कहा कि दिल्ली और मुंबई में होने वाले उनके कार्यक्रमों का फोकस द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने तथा उनमें विविधता लाने पर रहेगा।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक,यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है,जब भारत और नीदरलैंड के संबंध पारंपरिक क्षेत्रों से आगे बढ़कर अत्याधुनिक तकनीक,नवाचार और सतत विकास जैसे नए क्षेत्रों में प्रवेश कर चुके हैं। डेविड वैन वील के दौरे के दौरान भारतीय नेतृत्व के साथ उनकी बैठकें दोनों देशों के बीच सहयोग के नए रास्ते खोलने पर केंद्रित रहेंगी। माना जा रहा है कि इन मुलाकातों में व्यापार,निवेश,सुरक्षा,रक्षा,जलवायु परिवर्तन और तकनीकी साझेदारी जैसे मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श होगा।

इस महीने की शुरुआत में ही भारत और नीदरलैंड के बीच 13वीं विदेश कार्यालय परामर्श बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। इस बैठक में दोनों पक्षों ने सेमीकंडक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी,ग्रीन हाइड्रोजन और शिपिंग,रक्षा और सुरक्षा,महत्वपूर्ण उभरती तकनीकों तथा इनोवेशन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की थी। इसके साथ ही पानी,कृषि और स्वास्थ्य से जुड़े प्राथमिक क्षेत्रों,जिन्हें डब्ल्यूएएच एजेंडा के नाम से जाना जाता है,पर भी दोनों देशों ने अपने साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई थी।

विदेश मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार,दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि द्विपक्षीय संबंधों को अब एक रणनीतिक आयाम दिया जाना चाहिए। भारत और नीदरलैंड ने उच्चतम राजनीतिक स्तरों पर बढ़ती बातचीत और नियमित आदान-प्रदान का स्वागत किया और इसे आपसी विश्वास और साझेदारी का मजबूत संकेत बताया। माना जा रहा है कि विदेश मंत्री वैन वील का यह दौरा इसी रणनीतिक सोच को जमीन पर उतारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारत और नीदरलैंड के बीच सहयोग केवल कूटनीतिक स्तर तक सीमित नहीं है,बल्कि इसका दायरा आर्थिक और तकनीकी क्षेत्रों तक भी फैला हुआ है। नीदरलैंड लंबे समय से भारत के प्रमुख निवेशकों में शामिल रहा है और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। भारत में डच कंपनियों की मौजूदगी और निवेश बढ़ रहा है,जबकि भारतीय कंपनियां भी नीदरलैंड को यूरोप के लिए एक अहम प्रवेश द्वार के रूप में देखती हैं।

इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक शूफ के बीच 23 नवंबर 2025 को जोहान्सबर्ग में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई मुलाकात को भी काफी अहम माना जाता है। उस मुलाकात में दोनों नेताओं ने ऊर्जा, तकनीक,नवाचार और जल संसाधन जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही द्विपक्षीय साझेदारी पर संतोष जताया था। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर साझा अपने संदेश में कहा था कि भारत और नीदरलैंड के बीच सहयोग लगातार नई ऊँचाइयों को छू रहा है और आने वाले समय में व्यापार और निवेश को और गहरा करने के लिए दोनों देश मिलकर काम करते रहेंगे।

नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक शूफ ने भी उस बैठक के बाद अपने विचार साझा करते हुए कहा था कि नीदरलैंड और भारत व्यापार,सुरक्षा और नवाचार के क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया था कि नीदरलैंड दुनिया भर में भारत में चौथे सबसे बड़े निवेशकों में से एक है,जो दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक रिश्तों को दर्शाता है। पीएम शूफ ने रणनीतिक साझेदारी के जरिए आपसी निवेश बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा को सकारात्मक बताते हुए भविष्य में सहयोग को और विस्तार देने की बात कही थी।

डेविड वैन वील का भारत दौरा ऐसे समय में हो रहा है,जब वैश्विक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और देशों के बीच भरोसेमंद साझेदारियों की अहमियत बढ़ गई है। भारत और नीदरलैंड दोनों ही लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखते हैं और नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के समर्थक हैं। यही साझा सोच दोनों देशों को वैश्विक मंच पर एक-दूसरे के और करीब लाती है।

इस दौरे के दौरान दिल्ली के अलावा मुंबई में भी विदेश मंत्री वैन वील के कार्यक्रम प्रस्तावित हैं,जहाँ वे व्यापारिक नेताओं और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर सकते हैं। इन बैठकों में निवेश के नए अवसरों,स्टार्टअप इकोसिस्टम,डिजिटल तकनीक और सतत विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। विशेष रूप से सेमीकंडक्टर और एआई जैसे क्षेत्रों में सहयोग को लेकर दोनों देशों की रुचि काफी बढ़ी है,जिसे भविष्य की साझेदारी का आधार माना जा रहा है।

जल संसाधन प्रबंधन और कृषि जैसे क्षेत्रों में नीदरलैंड की विशेषज्ञता और भारत की जरूरतें एक-दूसरे के पूरक हैं। यही वजह है कि दोनों देश इन क्षेत्रों में मिलकर काम करने को लेकर गंभीर हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है,ताकि तकनीक और नवाचार के जरिए आम लोगों तक बेहतर सेवाएँ पहुँचाई जा सकें।

नीदरलैंड के विदेश मंत्री डेविड वैन वील का यह भारत दौरा केवल औपचारिक कूटनीतिक यात्रा नहीं,बल्कि दोनों देशों के बीच गहराते रिश्तों का प्रतीक है। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को और मजबूत कर रहा है और नीदरलैंड जैसे भरोसेमंद साझेदार उसके इस सफर में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आने वाले दिनों में इस दौरे से निकलने वाले फैसले और समझौते भारत-नीदरलैंड संबंधों को नई दिशा और नई ऊर्जा देने वाले साबित हो सकते हैं।