नई दिल्ली,19 दिसंबर (युआईटीवी)- भारत और ओमान के द्विपक्षीय संबंधों में एक ऐतिहासिक अध्याय उस समय जुड़ गया,जब ओमान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ ओमान (फर्स्ट क्लास)’ से सम्मानित किया। राजधानी मस्कट में आयोजित भव्य समारोह में ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक अल सईद ने स्वयं प्रधानमंत्री मोदी को यह विशेष सम्मान प्रदान किया। यह सम्मान दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्तों,आपसी विश्वास और सदियों पुराने सांस्कृतिक व व्यापारिक संबंधों की औपचारिक मान्यता के रूप में देखा जा रहा है।
सम्मान मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरी भावनात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ओमान की सरकार और वहाँ के लोगों के प्रति आभार जताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि ‘ऑर्डर ऑफ ओमान (फर्स्ट क्लास)’ पाकर वह स्वयं को अत्यंत सम्मानित महसूस कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यह सम्मान केवल उनके लिए नहीं,बल्कि भारत और ओमान के लोगों के बीच स्नेह और विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने इसे दोनों देशों के रिश्तों की गहराई और मजबूती का प्रमाण बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में इतिहास की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि सदियों पहले भारत और ओमान के पूर्वज एक-दूसरे से जुड़े हुए थे और समुद्री व्यापार के माध्यम से दोनों सभ्यताओं के बीच गहरे संबंध बने। अरब सागर ने इन रिश्तों को मजबूत पुल का काम किया,जिसने न सिर्फ व्यापार बल्कि संस्कृति,परंपराओं और जीवनशैली के आदान-प्रदान को भी संभव बनाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह यह सम्मान भारत के लोगों को समर्पित करते हैं और साथ ही उन पूर्वजों को भी,जिन्होंने मांडवी से मस्कट तक की यात्राओं के जरिए इस रिश्ते की नींव रखी। उन्होंने उन नाविकों को भी श्रद्धांजलि दी,जिन्होंने सदियों तक चले आदान-प्रदान से दोनों देशों की प्रगति में योगदान दिया।
यह सम्मान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए वैश्विक स्तर पर एक और बड़ी उपलब्धि है। ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ उनके राजनीतिक और कूटनीतिक करियर का 29वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मान है। वह भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें इतने अधिक देशों द्वारा उनके सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से नवाजा गया है। यह तथ्य न केवल उनके व्यक्तिगत कद को दर्शाता है,बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा और प्रभाव को भी रेखांकित करता है।
Honoured to receive the Order of Oman (First Class). My gratitude to His Majesty Sultan Haitham bin Tarik, the Government and people of Oman for this honour. This is a symbol of affection and trust between the people of India and Oman.
For centuries, our ancestors have been… pic.twitter.com/PCtUccPqg5
— Narendra Modi (@narendramodi) December 18, 2025
प्रधानमंत्री मोदी को मिले इस सम्मान पर भारत में भी राजनीतिक और सामाजिक हलकों में व्यापक प्रतिक्रिया देखने को मिली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि ओमान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलना उनके कुशल नेतृत्व और वैश्विक नेता के रूप में उनकी स्वीकार्यता का बड़ा प्रमाण है। अमित शाह ने अपने संदेश में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को लगातार मिल रहे अंतर्राष्ट्रीय सम्मान 140 करोड़ भारतीयों की सामूहिक ताकत और उनके नेतृत्व में एक बदले हुए,आत्मविश्वासी और उभरते भारत की तस्वीर पेश करते हैं।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी प्रधानमंत्री मोदी को इस सम्मान के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को ‘द फर्स्ट क्लास ऑफ द ऑर्डर ऑफ ओमान’ दिया जाना हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। शेखावत ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की उस सांस्कृतिक सोच की सराहना की,जिसे ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना के रूप में दुनिया के सामने प्रस्तुत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यही दृष्टि विश्व में भारत और भारतीयों की सकारात्मक छवि को मजबूत कर रही है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्वीकार्यता को बढ़ा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सम्मान केवल एक औपचारिक कूटनीतिक पहल नहीं है,बल्कि भारत-ओमान संबंधों की रणनीतिक गहराई को भी दर्शाता है। दोनों देशों के बीच ऊर्जा,व्यापार,निवेश,समुद्री सुरक्षा,रक्षा सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में लगातार सहयोग बढ़ रहा है। ओमान खाड़ी क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार है और अरब सागर के जरिए दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संपर्क आज भी आधुनिक रणनीतिक साझेदारी में तब्दील हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की ओमान यात्रा को भी इसी संदर्भ में देखा जा रहा है। यह दौरा ऐसे समय हुआ है,जब भारत और ओमान के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के कई दशक पूरे हो चुके हैं और दोनों देश भविष्य की साझेदारी को नई दिशा देने की कोशिश में हैं। ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ से सम्मानित किया जाना इस बात का संकेत है कि ओमान भारत को न केवल एक आर्थिक और रणनीतिक साझेदार के रूप में देखता है,बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मित्र के रूप में भी सम्मान देता है।
प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों में यह सम्मान अतीत,वर्तमान और भविष्य को जोड़ने वाला प्रतीक बन गया है। जहाँ एक ओर यह उन ऐतिहासिक समुद्री यात्राओं और व्यापारिक संबंधों की याद दिलाता है,वहीं दूसरी ओर यह आने वाले वर्षों में भारत-ओमान रिश्तों को और ऊँचाइयों तक ले जाने की उम्मीद भी जगाता है। दोनों देशों के बीच बढ़ता विश्वास और सहयोग यह दर्शाता है कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की भूमिका लगातार मजबूत हो रही है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक साझेदारियों को नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा रहा है।
इस सम्मान के साथ ही यह संदेश भी स्पष्ट है कि भारत और ओमान के रिश्ते केवल कूटनीतिक दस्तावेजों तक सीमित नहीं हैं,बल्कि वे लोगों से लोगों के बीच जुड़े भावनात्मक और ऐतिहासिक संबंधों पर आधारित हैं। ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ उसी गहरे रिश्ते की आधिकारिक मुहर बनकर सामने आया है,जिसने भारत और ओमान को सदियों से एक-दूसरे के करीब रखा है और भविष्य में भी साथ चलने का रास्ता दिखाया है।
