नई दिल्ली,20 दिसंबर (युआईटीवी)- भारतीय बैडमिंटन के लिए बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल्स 2025 एक ऐतिहासिक पड़ाव बन गया है। देश की स्टार पुरुष डबल्स जोड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में ऐसा कारनामा कर दिखाया है,जो अब तक कोई भारतीय पुरुष डबल्स जोड़ी नहीं कर सकी थी। उन्होंने वर्ल्ड टूर फाइनल्स के सेमीफाइनल में प्रवेश कर इतिहास रच दिया और इस सीजन के सबसे बड़े इवेंट में खुद को विश्व की शीर्ष जोड़ियों में स्थापित कर दिया।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि की राह आसान नहीं थी। शुक्रवार को खेले गए अहम मुकाबले में सात्विक और चिराग का सामना वर्ल्ड नंबर 2 और पेरिस 2024 ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मलेशिया की मजबूत जोड़ी आरोन चिया और सोह वूई यिक से हुआ। यह वही जोड़ी थी,जिससे भारतीय खिलाड़ियों को पेरिस ओलंपिक में कड़वी हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में यह मुकाबला सिर्फ सेमीफाइनल में जगह बनाने का नहीं,बल्कि उस हार का बदला लेने का भी था। भारतीय जोड़ी ने शानदार जज्बा दिखाते हुए तीन गेम तक चले रोमांचक मुकाबले में मलेशियाई खिलाड़ियों को 17-21, 21-18, 21-15 से शिकस्त दी और इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया।
मैच की शुरुआत भारतीय जोड़ी के लिए चुनौतीपूर्ण रही। पहले गेम में मलेशियाई खिलाड़ियों ने अपने अनुभव और तेज रफ्तार खेल का पूरा फायदा उठाया। आरोन चिया और सोह वूई यिक ने आक्रामक स्मैश और सटीक नेट प्ले के दम पर बढ़त बनाई और पहला गेम 21-17 से अपने नाम कर लिया। ऐसा लग रहा था कि दबाव एक बार फिर भारतीय जोड़ी पर हावी हो सकता है,लेकिन यहीं से सात्विक और चिराग की असली परीक्षा शुरू हुई।
दूसरे गेम में भारतीय जोड़ी पूरी तरह बदली हुई रणनीति के साथ उतरी। उन्होंने खेल की गति को तेज किया,मिड-कोर्ट में पकड़ मजबूत की और रैलियों में धैर्य बनाए रखा। सात्विक की ताकतवर स्मैश और चिराग की बेहतरीन नेट कवरेज ने मलेशियाई जोड़ी को लगातार दबाव में रखा। दोनों टीमों के बीच स्कोर बराबरी पर चलता रहा,लेकिन निर्णायक पलों में भारतीय खिलाड़ियों ने शांत रहकर अंक बटोरे और 21-18 से दूसरा गेम जीतकर मुकाबले को बराबरी पर ला खड़ा किया।
निर्णायक तीसरे गेम में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी का आत्मविश्वास साफ नजर आ रहा था। उन्होंने शुरुआत से ही बढ़त बना ली और मलेशियाई जोड़ी को लय में आने का मौका नहीं दिया। लगातार आक्रामक खेल और बेहतर तालमेल के दम पर भारतीय जोड़ी ने स्कोर 21-15 तक पहुँचाया और मुकाबला अपने नाम कर लिया। जैसे ही आखिरी अंक आया,भारतीय कैंप में जश्न की लहर दौड़ गई,क्योंकि यह जीत सिर्फ एक मैच नहीं,बल्कि भारतीय पुरुष डबल्स बैडमिंटन के लिए एक मील का पत्थर थी।
इस जीत के साथ सात्विक और चिराग ने न सिर्फ पेरिस ओलंपिक की हार का बदला लिया,बल्कि ग्रुप बी में शीर्ष स्थान भी हासिल किया। पूरे ग्रुप चरण में उनकी निरंतरता और आत्मविश्वास ने यह साबित कर दिया कि वे अब केवल चुनौती देने वाली जोड़ी नहीं,बल्कि खिताब के प्रबल दावेदार हैं। वर्ल्ड नंबर 3 की रैंकिंग के अनुरूप उन्होंने दबाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया और दिखाया कि बड़े मंच पर कैसे खेला जाता है।
भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में वर्ल्ड टूर फाइनल्स हमेशा एक कठिन चुनौती रहे हैं। दुनिया की शीर्ष आठ जोड़ियाँ इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेती हैं और यहाँ हर मैच फाइनल जैसा होता है। ऐसे में सात्विक और चिराग का सेमीफाइनल में पहुँचना इस बात का संकेत है कि भारतीय पुरुष डबल्स अब वैश्विक स्तर पर लगातार मजबूती से अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है। यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा बनेगी।
अब सेमीफाइनल में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी का सामना इंडोनेशिया की जोड़ी साबर कार्यमान गुटामा और मुहम्मद रजा पहलवी इस्फहानी से होगा। इंडोनेशियाई जोड़ी भी तेज और आक्रामक खेल के लिए जानी जाती है,ऐसे में मुकाबला बेहद दिलचस्प होने की उम्मीद है। हालाँकि,मौजूदा फॉर्म और आत्मविश्वास को देखते हुए भारतीय जोड़ी अपने पहले वर्ल्ड टूर फाइनल्स खिताब की ओर मजबूती से कदम बढ़ा चुकी है।
बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल्स 2025 में सात्विक और चिराग की यह ऐतिहासिक सफलता भारतीय बैडमिंटन के सुनहरे अध्यायों में शामिल हो गई है। सेमीफाइनल में पहुँचकर उन्होंने यह साफ कर दिया है कि भारत की पुरुष डबल्स जोड़ी अब दुनिया की किसी भी टीम को चुनौती देने में सक्षम है और खिताब का सपना अब पहले से कहीं ज्यादा करीब नजर आ रहा है।
