मुंबई,22 दिसंबर (युआईटीवी)- महाराष्ट्र की राजनीति में स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी को मजबूती के साथ केंद्र में ला खड़ा किया है। नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों के नतीजों के बाद सत्तारूढ़ भाजपा ने दावा किया है कि वह इन चुनावों में सभी दलों से आगे रही और सबसे ज्यादा अध्यक्ष पदों के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण पदों पर जीत दर्ज करने में सफल हुई। पार्टी का कहना है कि मतदाताओं ने विपक्ष के तथाकथित ‘फेक नैरेटिव’ को सिरे से नकारते हुए विकास,स्थिरता और सुशासन के एजेंडे के पक्ष में अपना समर्थन दिया है। 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के लिए 2 और 20 दिसंबर को दो चरणों में मतदान हुआ था,जबकि मतगणना रविवार को संपन्न हुई।
चुनाव परिणाम सामने आने के बाद महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इसे भाजपा और महायुति गठबंधन के लिए ऐतिहासिक जीत बताया। उन्होंने कहा कि हालिया स्थानीय निकाय चुनावों में मिली सफलता के बाद पार्टी का अगला बड़ा लक्ष्य मुंबई है। चव्हाण के अनुसार,इन नतीजों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मतदाता अब नकारात्मक राजनीति और भ्रम फैलाने वाले प्रचार से ऊपर उठकर ठोस विकास कार्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान हर तरह के आरोप लगाए गए,लेकिन जनता ने सच्चाई को पहचाना और उसी के अनुसार मतदान किया।
रवींद्र चव्हाण ने शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि खुद उद्धव ठाकरे ने स्वीकार किया था कि उनके पास जनता को देने के लिए कोई ठोस एजेंडा नहीं है। चव्हाण के मुताबिक,यही वजह रही कि उनकी पार्टी को मतदाताओं ने खारिज कर दिया और वह काउंसिल चेयरपर्सन जैसे अहम पदों पर भी दो अंकों में जीत हासिल नहीं कर सकी। उन्होंने दावा किया कि जिस तरह राज्य के अन्य हिस्सों में जनता ने विपक्ष को नकारा है,उसी तरह आने वाले समय में मुंबईकर भी ऐसा ही रुख अपनाएँगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि बिना किराया बढ़ाए सभी मौजूदा लोकल ट्रेनों को नई ट्रेनों से बदलने का निर्णय आम लोगों के हित में लिया गया है और इसका असर आने वाले चुनावों में साफ दिखाई देगा। चव्हाण ने कहा कि विधानसभा चुनावों के बाद अब नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में भी जनता ने भाजपा पर भरोसा जताया है,जिससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी राज्य की सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत बनकर उभरी है।
उन्होंने इस जीत को जनता के अटूट भरोसे की जीत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी शहरी विकास एजेंडे,मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मजबूत नेतृत्व और भाजपा के कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम बताया। चव्हाण ने उन सभी मतदाताओं का धन्यवाद किया,जिन्होंने भाजपा की साफ-सुथरी,जनता-केंद्रित और विकासोन्मुख राजनीति पर भरोसा जताया। साथ ही,उन्होंने सभी विजयी उम्मीदवारों को बधाई देते हुए कहा कि जहाँ भाजपा का कमल खिलता है, वहाँ विकास सुनिश्चित होता है।
भाजपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि ये नतीजे इस बात का प्रमाण हैं कि केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार होने से किस तरह तालमेल और तेजी से विकास कार्य संभव होते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जमकर सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने राज्यभर में लगातार दौरे किए,रैलियाँ कीं और ऑनलाइन बैठकों के जरिए कार्यकर्ताओं से संवाद बनाए रखा। चव्हाण के अनुसार,मुख्यमंत्री के इस समर्पण और मेहनत ने पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूती दी है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनावों में भी मुंबईकर विपक्ष के दावों को खारिज कर भाजपा और महायुति को समर्थन देंगे।
चव्हाण ने दावा किया कि महायुति गठबंधन ने 288 में से 250 से अधिक काउंसिल,नगर परिषद और नगर पंचायतों में जीत हासिल की है। उन्होंने बताया कि भाजपा उम्मीदवारों ने 236 में से 134 काउंसिल प्रमुख पदों पर कब्जा जमाया है और तीन हजार से ज्यादा पार्षद सीटें जीती हैं। पार्टी के अनुसार,यह परिणाम राज्य की राजनीति में भाजपा की मजबूत पकड़ और संगठनात्मक ताकत को दर्शाता है।
इस जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रशासनिक क्षमता का नतीजा बताया। उन्होंने रवींद्र चव्हाण के साथ-साथ महायुति के सहयोगी दलों शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को भी बधाई दी। बावनकुले ने कहा कि यह पहली बार है जब भाजपा को स्थानीय निकाय चुनावों में इतना बड़ा और स्पष्ट जनादेश मिला है,जो पार्टी के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
गठबंधन की स्थिति पर बात करते हुए बावनकुले ने स्पष्ट किया कि सभी छोटे नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में साथ मिलकर लड़ना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों का चयन आपसी बातचीत के जरिए किया गया था और गठबंधन में किसी तरह की कड़वाहट नहीं रही। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बावनकुले ने कहा कि वह भाजपा की पुरानी विरोधी पार्टी है,लेकिन लगातार कमजोर होती जा रही है और जनता का भरोसा खो रही है।
इस बीच,भाजपा नेता और सिंधुदुर्ग के प्रभारी मंत्री नितेश राणे ने चुनावी जीत के बाद विकास को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने मालवन,कंकावली,सावंतवाड़ी और वेंगुर्ला में जीतने वाले उम्मीदवारों को बधाई देते हुए कहा कि अब चुनाव समाप्त हो चुके हैं और राजनीति से ऊपर उठकर विकास कार्यों पर ध्यान देने की जरूरत है। राणे ने कहा कि जनता ने जो जनादेश दिया है,उसका सम्मान किया जाना चाहिए और उसी के अनुरूप काम किया जाएगा।
नितेश राणे ने मालवन और कंकावली में भाजपा कार्यकर्ताओं की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि प्रभारी मंत्री के रूप में वह बिना किसी भेदभाव के लोगों की माँगों और उम्मीदों को पूरा करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जनता को पूरा सहयोग मिलेगा और करदाताओं के पैसे का सही और पारदर्शी इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाएगा। राणे ने यह भी स्वीकार किया कि उनके बड़े भाई नीलेश राणे के प्रचार का असर चुनावों में देखने को मिला। उन्होंने कहा कि उनकी रैलियों का प्रभाव पड़ा और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
हालाँकि,नितेश राणे ने आत्ममंथन की बात भी कही और स्वीकार किया कि कुछ स्थानों पर पार्टी से गलतियाँ भी हुईं और कुछ अन्य कारणों ने भी परिणामों को प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि जनता समझदार है और उसके फैसले का सम्मान करना चाहिए। उनके अनुसार,यही लोकतंत्र की असली ताकत है।
महाराष्ट्र के नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों के नतीजे भाजपा और महायुति के लिए न सिर्फ राजनीतिक मजबूती का संकेत हैं,बल्कि आने वाले बड़े चुनावों के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाले भी हैं। पार्टी इन नतीजों को विकास और सुशासन की जीत के रूप में देख रही है और दावा कर रही है कि यह जनादेश उसे भविष्य में और तेजी से काम करने की प्रेरणा देगा। अब सभी की निगाहें मुंबई और अन्य प्रमुख शहरी निकायों पर टिकी हैं, जहाँ यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा इस लय को बरकरार रखते हुए अपनी राजनीतिक बढ़त को और मजबूत कर पाती है या नहीं।
