नई दिल्ली,22 दिसंबर (युआईटीवी)- दिल्ली-एनसीआर में सर्दी के मौसम के साथ-साथ कोहरे और वायु प्रदूषण का तिहरा संकट लगातार गहराता जा रहा है। राजधानी दिल्ली समेत आसपास के इलाकों में ठंड बढ़ने के साथ घना कोहरा छाया हुआ है,वहीं वायु गुणवत्ता सूचकांक कई स्थानों पर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है। मौसम विभाग और प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियों के ताजा आँकड़े बताते हैं कि फिलहाल लोगों को इस दोहरी मार से जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार,22 दिसंबर की सुबह दिल्ली-एनसीआर में मध्यम से घना कोहरा छाए रहने की चेतावनी जारी की गई है। सुबह के समय दृश्यता में भारी कमी दर्ज की गई,जिससे सड़क और रेल यातायात पर असर पड़ा। दिन में अधिकतम तापमान करीब 21 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंडी हवाओं की कमी और वातावरण में नमी की अधिकता के कारण कोहरा लंबे समय तक बना रह सकता है।
23 दिसंबर को भी कोहरे का असर जारी रहने की संभावना जताई गई है,हालाँकि इसे मध्यम कोहरे की श्रेणी में रखा गया है। इस दिन अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। 24 दिसंबर को मौसम और ज्यादा सर्द हो सकता है,जब अधिकतम तापमान गिरकर 19 डिग्री और न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों तक पश्चिमी विक्षोभ या तेज हवाओं के संकेत नहीं हैं,जिससे कोहरे और ठंड से राहत मिलने की संभावना कम है।
कोहरे के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक कई इलाकों में 400 के पार पहुँच गया है,जिसे ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है। दिल्ली के आनंद विहार इलाके में एक्यूआई 404 दर्ज किया गया,जबकि बवाना में यह 408,नरेला में 418 और मुंडका में 401 तक पहुँच गया। डीटीयू क्षेत्र में एक्यूआई 400 और पंजाबी बाग में लगभग 380 के आसपास रिकॉर्ड किया गया।
दक्षिण और मध्य दिल्ली के इलाकों में भी हालात कुछ बेहतर नहीं हैं। ओखला फेज-2 में एक्यूआई 386,नेहरू नगर में 394,अशोक विहार में 392 और अलीपुर में 391 दर्ज किया गया। ये आँकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि दिल्ली का लगभग हर हिस्सा प्रदूषण की गंभीर चपेट में है। विशेषज्ञों के अनुसार,इस स्तर का प्रदूषण लंबे समय तक रहने पर सांस,आँखों और हृदय से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
एनसीआर के अन्य शहरों में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं। नोएडा के सेक्टर-1 में एक्यूआई 381 दर्ज किया गया,जबकि सेक्टर-62 में 335 और सेक्टर-116 में 344 रिकॉर्ड किया गया। गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में एक्यूआई 313 तक पहुँच गया,वहीं संजय नगर में 341 और वसुंधरा में 394 दर्ज किया गया। इन आँकड़ों से साफ है कि पूरा एनसीआर क्षेत्र प्रदूषण की चादर में लिपटा हुआ है।
बढ़ते प्रदूषण और खराब मौसम को देखते हुए प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाए हैं। दिल्ली सरकार ने सरकारी और निजी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दी है,ताकि सड़कों पर वाहनों की संख्या कम की जा सके। इसके साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कक्षा पाँचवीं तक के स्कूलों को पूरी तरह ऑनलाइन मोड में संचालित किया जा रहा है। छठी से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड अपनाया गया है,ताकि जरूरत पड़ने पर वे घर से पढ़ाई कर सकें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें,खासकर सुबह और देर शाम के समय जब प्रदूषण और कोहरा चरम पर होता है। बुजुर्गों,बच्चों और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत बताई गई है। मास्क पहनने,घर के अंदर एयर प्यूरीफायर के इस्तेमाल और पर्याप्त पानी पीने की सलाह भी दी जा रही है।
मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल मौसम में किसी बड़े बदलाव के संकेत नहीं हैं। हवा की गति कम रहने और वातावरण में नमी अधिक होने के कारण प्रदूषक कण हवा में ही फँसे रहेंगे,जिससे एक्यूआई में सुधार की उम्मीद कम है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक तेज हवाएँ नहीं चलतीं या बारिश नहीं होती,तब तक दिल्ली-एनसीआर के लोगों को सर्दी,कोहरा और प्रदूषण के इस तिहरे संकट से जूझना पड़ेगा।
राजधानी और आसपास के इलाकों में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। प्रशासनिक कदमों के बावजूद आम लोगों की दिनचर्या पर इसका गहरा असर पड़ रहा है। आने वाले दिनों में मौसम और प्रदूषण की स्थिति पर सबकी नजरें टिकी हैं,क्योंकि इससे ही यह तय होगा कि राहत कब और कितनी मिल पाएगी।
