आधार

31 दिसंबर तक आधार से पैन लिंक नहीं तो होगी बड़ी परेशानी,आयकर विभाग ने दी आखिरी चेतावनी

नई दिल्ली,24 दिसंबर (युआईटीवी)- पैन को आधार से लिंक कराने की समय-सीमा अब अपने आखिरी चरण में पहुँच चुकी है। आयकर विभाग ने साफ कर दिया है कि जिन लोगों का पैन 31 दिसंबर तक आधार से लिंक नहीं होगा,उनका पैन कार्ड इस तारीख के बाद निष्क्रिय यानी डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा। ऐसे में देश के लाखों करदाताओं और वित्तीय लेन-देन करने वालों के लिए यह एक अहम चेतावनी है,क्योंकि निष्क्रिय पैन के चलते रोजमर्रा की कई जरूरी आर्थिक गतिविधियाँ ठप हो सकती हैं।

आयकर विभाग ने 3 अप्रैल 2025 को जारी एक अधिसूचना में यह स्पष्ट किया था कि जिन लोगों को 1 अक्टूबर 2024 के बाद पैन आवंटित किया गया है,उनके लिए पैन को आधार से लिंक करना अनिवार्य है और इसकी अंतिम तारीख 31 दिसंबर तय की गई है। विभाग के अनुसार,इस श्रेणी में आने वाले करदाताओं को हर हाल में इस साल के अंत तक यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी, अन्यथा उनका पैन स्वतः निष्क्रिय हो जाएगा। वहीं,अन्य सभी लोगों के लिए पैन-आधार लिंक करने की आखिरी तारीख पहले ही 31 मई 2024 तय की जा चुकी थी।

हालाँकि,अगर कोई व्यक्ति 31 दिसंबर को या उसके बाद पैन को आधार से लिंक कराता है,तो उसे 1,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। यह जुर्माना इसलिए लगाया जा रहा है क्योंकि तय समय-सीमा पहले ही समाप्त हो चुकी है। आयकर विभाग का कहना है कि यह शुल्क करदाताओं को समय पर नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से रखा गया है।

विशेषज्ञों के मुताबिक,पैन के निष्क्रिय होने का असर सिर्फ टैक्स से जुड़े मामलों तक सीमित नहीं रहेगा,बल्कि इसका प्रभाव व्यक्ति के पूरे वित्तीय जीवन पर पड़ेगा। सबसे बड़ी परेशानी आयकर रिटर्न यानी आईटीआर से जुड़ी होगी। अगर किसी का पैन निष्क्रिय हो जाता है,तो वह न तो नया आईटीआर दाखिल कर पाएगा और न ही पहले से दाखिल किए गए रिटर्न से जुड़े मामलों को आसानी से सुलझा सकेगा। जिन करदाताओं ने पहले ही आईटीआर फाइल कर दिया है और रिफंड का इंतजार कर रहे हैं,उनके लिए भी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। पैन रद्द होने की स्थिति में रिफंड की प्रक्रिया अटक सकती है और बाद में नया पैन बनवाकर लंबी औपचारिकताओं से गुजरना पड़ सकता है।

इसके अलावा,पैन और आधार लिंक न होने पर टीडीएस और टीसीएस से जुड़े मामलों में भी अतिरिक्त बोझ झेलना पड़ सकता है। ऐसे मामलों में अधिक दर से टीडीएस या टीसीएस कट सकता है। साथ ही करदाता फॉर्म 26एएस का उपयोग नहीं कर पाएँगे,जिसमें टैक्स क्रेडिट से जुड़ी अहम जानकारियाँ होती हैं। टीडीएस और टीसीएस सर्टिफिकेट भी उपलब्ध नहीं होंगे,जिससे टैक्स से जुड़े रिकॉर्ड बनाए रखना और भी कठिन हो जाएगा।

बैंकिंग सेवाओं पर भी पैन के निष्क्रिय होने का सीधा असर पड़ेगा। बिना वैध पैन के न तो नया बैंक खाता खोला जा सकेगा और न ही क्रेडिट या डेबिट कार्ड के लिए आवेदन किया जा सकेगा। बैंक में 50,000 रुपये से ज्यादा नकद जमा करना या 10,000 रुपये से अधिक का बैंक ट्रांजैक्शन करना भी संभव नहीं रहेगा। इसका मतलब यह है कि बड़े वित्तीय लेन-देन पूरी तरह बाधित हो सकते हैं।

इसके साथ ही केवाईसी प्रक्रिया भी अधूरी रह जाएगी। आज के दौर में लगभग हर वित्तीय सेवा के लिए केवाईसी अनिवार्य है। चाहे म्यूचुअल फंड में निवेश करना हो,शेयर बाजार में ट्रेडिंग करनी हो या बीमा पॉलिसी लेनी हो,हर जगह पैन और आधार की जानकारी माँगी जाती है। पैन निष्क्रिय होने की स्थिति में म्यूचुअल फंड और इक्विटी में निवेश भी रुक सकता है,जिससे निवेशकों की योजनाएँ प्रभावित होंगी।

सरकारी सेवाओं के लिहाज से भी यह स्थिति परेशानी भरी हो सकती है। कई सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ लेने के लिए पैन और आधार की जानकारी जरूरी होती है। ऐसे में पैन निष्क्रिय होने पर व्यक्ति कुछ सरकारी सेवाओं से भी वंचित हो सकता है।

आयकर विभाग लगातार करदाताओं से अपील कर रहा है कि वे आखिरी समय का इंतजार न करें और जल्द-से-जल्द पैन को आधार से लिंक करा लें। यह प्रक्रिया ऑनलाइन बेहद आसान है और आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए कुछ ही मिनटों में पूरी की जा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि पैन-आधार लिंकिंग को नजरअंदाज करना भविष्य में बड़ी आर्थिक परेशानियों को न्योता देने जैसा हो सकता है।

31 दिसंबर की समय-सीमा को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। पैन को आधार से लिंक करना अब सिर्फ एक औपचारिकता नहीं,बल्कि वित्तीय स्थिरता और सुचारु लेन-देन के लिए एक जरूरी कदम बन चुका है। ऐसे में जिन लोगों ने अब तक यह काम नहीं किया है,उनके लिए यह आखिरी मौका है कि वे समय रहते नियमों का पालन करें और अनावश्यक परेशानियों से बचें।