सोना और चाँदी

वैश्विक तनाव के बीच सोना-चाँदी ऐतिहासिक ऊँचाई पर,निवेशकों का सुरक्षित ठिकानों की ओर बढ़ता रुझान

नई दिल्ली,24 दिसंबर (युआईटीवी)- हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को सोने और चाँदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। दोनों कीमती धातुओं ने 1 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी के साथ अपने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव,खासकर अमेरिका और वेनेजुएला के बीच गहराते विवाद ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश की ओर मोड़ दिया,जिसका सीधा फायदा सोने और चाँदी को मिला। बाजार में अनिश्चितता के माहौल में निवेशक जोखिम भरे एसेट्स से दूरी बनाकर पारंपरिक सेफ हेवन माने जाने वाले सोना-चाँदी में पैसा लगा रहे हैं।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर फरवरी कॉन्ट्रैक्ट वाला सोना 1.2 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,38,381 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया। खबर लिखे जाने तक,यानी दोपहर करीब 12:51 बजे,सोना 1,588 रुपये या 1.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,38,332 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार करता दिखा। यह स्तर घरेलू बाजार में सोने के इतिहास में अब तक का सबसे ऊँचा भाव है, जिसने निवेशकों और बाजार विश्लेषकों दोनों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।

चाँदी की कीमतों ने भी सोने के साथ कदम से कदम मिलाते हुए नई ऊँचाइयों को छुआ। एमसीएक्स पर चाँदी 1.7 प्रतिशत उछलकर 2,16,596 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई। खबर लिखे जाने तक इसमें 2,547 रुपये यानी करीब 1.20 प्रतिशत की तेजी बनी हुई थी और यह 2,15,419 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी। चाँदी में यह उछाल सिर्फ सट्टेबाजी का नतीजा नहीं,बल्कि वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों का प्रतिफल माना जा रहा है।

इस तेजी के पीछे एक अहम कारण डॉलर इंडेक्स में आई कमजोरी भी है। कारोबारी सत्र के दौरान डॉलर इंडेक्स में करीब 0.20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। डॉलर के कमजोर होने से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोना अन्य मुद्राओं के मुकाबले सस्ता हो जाता है,जिससे उसकी माँग बढ़ जाती है। वैश्विक निवेशकों के लिए सोना और चाँदी खरीदना आसान हो गया,जिसका असर सीधे कीमतों पर देखने को मिला।

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ते तनाव ने निवेशकों की चिंता को और गहरा कर दिया है। हालिया घटनाक्रम में अमेरिकी कोस्ट गार्ड द्वारा वेनेजुएला का तेल ले जा रहे एक सुपर टैंकर को प्रतिबंधों के तहत जब्त किए जाने की खबर ने बाजार में हलचल मचा दी। इसके अलावा,सप्ताहांत में वेनेजुएला से जुड़े दो अन्य जहाजों को रोकने की कोशिश की गई,जिससे दोनों देशों के बीच टकराव और ज्यादा उभरकर सामने आया। इस तरह की घटनाएँ वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और ऊर्जा बाजार पर असर डालने की आशंका पैदा करती हैं,जिसका सीधा असर निवेशकों की भावनाओं पर पड़ता है।

मेहता इक्विटीज के कमोडिटीज उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री के मुताबिक,भू-राजनीतिक तनाव के माहौल में और छुट्टियों की वजह से छोटे हुए कारोबारी हफ्ते की शुरुआत में ही सुरक्षित निवेश की माँग बढ़ गई है। उनका कहना है कि निवेशक जोखिम से बचने के लिए तेजी से सोना और चाँदी की ओर रुख कर रहे हैं,जिससे इनकी कीमतों को मजबूत समर्थन मिल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि सिर्फ अमेरिका-वेनेजुएला विवाद ही नहीं,बल्कि रूस में एक वरिष्ठ सेना अधिकारी की बम धमाके में हुई मौत जैसी घटनाओं ने भी वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बढ़ाई है।

इसके अलावा,अमेरिका में महँगाई के आँकड़ों में नरमी और जापान के केंद्रीय बैंक की बैठक से किसी बड़े नीतिगत झटके का न आना भी कीमती धातुओं के लिए सकारात्मक संकेत रहा। निवेशकों को उम्मीद है कि आने वाले समय में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती कर सकता है,जिससे सोने और चाँदी जैसे नॉन-यील्डिंग एसेट्स और आकर्षक हो जाते हैं। कम ब्याज दरों के माहौल में सोना रखने की लागत घट जाती है, जो इसकी कीमतों को और ऊपर ले जाने में मदद करती है।

तकनीकी विश्लेषण की बात करें तो विशेषज्ञों के अनुसार सोने को फिलहाल 1,35,550 से 1,34,710 रुपये प्रति 10 ग्राम के दायरे में मजबूत सपोर्ट मिल सकता है। वहीं ऊपरी स्तर पर 1,37,650 से 1,38,470 रुपये के बीच रुकावट देखने को मिल सकती है। चाँदी के मामले में 2,11,150 से 2,10,280 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच सपोर्ट माना जा रहा है,जबकि ऊपर की ओर 2,13,810 और 2,14,970 रुपये के स्तर पर प्रतिरोध देखा जा सकता है। हालाँकि,मौजूदा तेजी को देखते हुए बाजार सहभागियों का मानना है कि ये स्तर भी जल्द ही टूट सकते हैं।

इस साल सोने और चाँदी की कीमतों में आई तेजी ऐतिहासिक मानी जा रही है। केंद्रीय बैंकों की ओर से लगातार बढ़ती खरीद,अमेरिका में ब्याज दरें घटने की उम्मीद,अमेरिकी टैक्स नीति को लेकर चिंताएँ,अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते तनाव और गोल्ड-सिल्वर ईटीएफ में मजबूत निवेश ने इन धातुओं को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। घरेलू हाजिर बाजार में सोने की कीमतों में इस साल अब तक करीब 76 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है,जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में यह बढ़त लगभग 70 प्रतिशत रही है। विशेषज्ञ इसे 1979 के बाद सोने के लिए सबसे अच्छा साल मान रहे हैं।

चाँदी ने तो इस साल निवेशकों को और भी ज्यादा चौंकाया है। घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय,दोनों ही बाजारों में चाँदी की कीमतों में करीब 140 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। औद्योगिक माँग,खासकर सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल,के साथ-साथ निवेश माँग ने चाँदी को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई है।

मौजूदा वैश्विक हालात में सोना और चाँदी निवेशकों के लिए भरोसेमंद विकल्प बने हुए हैं। जब तक दुनिया में भू-राजनीतिक तनाव,आर्थिक अनिश्चितता और ब्याज दरों को लेकर असमंजस बना रहेगा,तब तक कीमती धातुओं में मजबूती का रुख जारी रहने की संभावना जताई जा रही है। निवेशक भी फिलहाल इन्हें सिर्फ ट्रेडिंग नहीं,बल्कि दीर्घकालिक सुरक्षा कवच के तौर पर देख रहे हैं और यही सोच सोने-चाँदी को लगातार नए रिकॉर्ड बनाने की दिशा में आगे बढ़ा रही है।