मेलबर्न,26 दिसंबर (युआईटीवी)- ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच प्रतिष्ठित एशेज सीरीज का चौथा टेस्ट मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर शुक्रवार से शुरू हुआ,लेकिन इस मुकाबले की पहली ही पारी में ऑस्ट्रेलिया की टीम लड़खड़ा गई। टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाज़ी के लिए उतरी मेज़बान टीम 152 रन पर ढेर हो गई। सीरीज में पहले ही 3-0 की अपराजेय बढ़त हासिल कर चुकी ऑस्ट्रेलिया इस मैच में भी दबदबा दिखाने के इरादे से उतरी थी,मगर इंग्लैंड की तेज़ गेंदबाज़ी के सामने उसका शीर्ष क्रम से लेकर निचला क्रम तक टिक नहीं सका।
मैच से पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम मैनेजमेंट ने इंग्लैंड को अपनी तेज़ गेंदबाज़ी ताक़त का अहसास कराने की बात कही थी,लेकिन शुरूआती सत्र से ही मेजबान टीम खुद ही उस जाल में फँसती नज़र आई। टॉस जीतने के बाद इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने पिच और परिस्थितियों का आकलन करते हुए पहले गेंदबाज़ी का फैसला किया,जो पूरी तरह सही साबित हुआ। नई गेंद से इंग्लैंड ने जिस तरह की अनुशासित लाइन-लेंथ अपनाई,उससे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों पर शुरुआत से दबाव बन गया।
ऑस्ट्रेलिया की तरफ से शुरुआत करने वाले बल्लेबाज़ जल्दी-जल्दी पवेलियन लौटते रहे। ट्रेविस हेड केवल 12 रन ही बना सके,जबकि जेक वेदराल्ड 10 रन के निजी स्कोर पर आउट हो गए। मार्नस लाबुशेन और स्टीव स्मिथ जैसे अनुभवी बल्लेबाज़ों से लंबी पारी की उम्मीद थी,लेकिन वे भी इंग्लिश गेंदबाज़ों के सामने जूझते दिखाई दिए। स्टीव स्मिथ,जो इस टेस्ट के लिए टीम में वापसी कर रहे थे,महज़ 9 रन बनाकर आउट हो गए,जिससे ऑस्ट्रेलिया की पारी पर संकट के बादल और गहरा गए।
उस्मान ख्वाजा ने धैर्य के साथ बल्लेबाज़ी करते हुए 29 रन बनाए और कुछ हद तक पारी को संभालने की कोशिश की,लेकिन वे भी लंबे समय तक टिक नहीं सके। एलेक्स कैरी (20) और कैमरन ग्रीन (17) ने साझेदारी बनाने की कोशिश जरूर की,मगर इंग्लैंड की तेज़ और सटीक गेंदबाज़ी के सामने दोनों पारी को आगे नहीं ले जा पाए। अंत में,आठवें नंबर पर आए माइकल नेसर ने 35 रन की जुझारू पारी खेलकर टीम को कुछ सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया। उनकी पारी में 7 शानदार चौके शामिल थे और वे टीम के शीर्ष स्कोरर रहे। यदि नेसर ने क्रीज पर टिककर यह योगदान न दिया होता,तो ऑस्ट्रेलिया की स्थिति और भी दयनीय हो सकती थी।
इंग्लैंड की ओर से सबसे सफल गेंदबाज़ रहे जोश टंग,जिन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 11.2 ओवर में 45 रन देकर 5 विकेट झटके। टंग ने पूरे मैच में ऐसी गेंदबाज़ी की, जिससे बल्लेबाज़ लगातार असमंजस में रहे। उन्होंने वेदराल्ड,लाबुशेन,स्मिथ, नेसर और स्कॉट बोलैंड के विकेट चटकाकर ऑस्ट्रेलिया को बड़े झटके दिए। उनके साथ गस एटकिंसन ने भी बेहतरीन सहयोग दिया। एटकिंसन ने 14 ओवर में केवल 28 रन दिए और 2 अहम विकेट अपने नाम किए। उन्होंने ट्रेविस हेड और उस्मान ख्वाजा को आउट करके ऑस्ट्रेलिया की पारी को और भी दबाव में धकेल दिया।
कप्तान बेन स्टोक्स ने गेंदबाज़ी में बदलाव और फील्ड सेटिंग के ज़रिए मैच पर पकड़ बनाए रखी। उन्होंने स्वयं 1 विकेट हासिल किया,जबकि ब्रायडन कार्स को भी एक सफलता मिली। इंग्लैंड के गेंदबाज़ों की यह अनुशासित और योजनाबद्ध गेंदबाज़ी इस बात का प्रमाण थी कि टीम,भले ही सीरीज में पिछड़ चुकी हो,लेकिन उसके हौसले अभी भी बुलंद हैं।
तीन टेस्ट हारकर सीरीज गंवा चुकी इंग्लैंड के लिए यह मुकाबला प्रतिष्ठा बचाने का अवसर है। टीम ने पहले दिन जिस तरह का प्रदर्शन किया,उसने उसे इस टेस्ट में मजबूत स्थिति की ओर बढ़ा दिया है। अब इंग्लैंड के सामने लक्ष्य यही रहेगा कि पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया पर बड़ी बढ़त हासिल की जाए। यदि इंग्लैंड यह करने में सफल रहती है,तो मैच के आगे के हिस्से में ऑस्ट्रेलिया पर स्वाभाविक रूप से दबाव बढ़ जाएगा और मेज़बान टीम को वापसी करना मुश्किल हो सकता है।
मेलबर्न की पिच शुरुआत से ही गेंदबाज़ों के लिए मददगार दिखाई दी,खासकर नई गेंद से उछाल और सीम मूवमेंट ने बल्लेबाज़ों को परेशान किया। हालाँकि,जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ेगा,पिच के व्यवहार में बदलाव आने की संभावना है। ऐसे में इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों के सामने भी चुनौती रहेगी कि वे धैर्य और समझदारी से बल्लेबाज़ी करें और मौके का पूरा फायदा उठाएं।
ऑस्ट्रेलियाई खेमे में चिंता का विषय यह रहेगा कि शीर्ष क्रम बार-बार दबाव में टूटता दिखाई दे रहा है। कोचिंग स्टाफ और कप्तान को यह सोचना होगा कि टीम अपनी बल्लेबाज़ी में स्थिरता कैसे ला सकती है। वहीं,इंग्लैंड के लिए यह प्रदर्शन आत्मविश्वास बढ़ाने वाला है और टीम चाहेगी कि गेंदबाज़ों द्वारा बनाई गई बढ़त को उसके बल्लेबाज़ ठोस स्कोर में बदल दें।
मेलबर्न टेस्ट का पहला दिन इंग्लैंड के नाम रहा। ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को उसकी सरज़मीं पर 152 रन पर समेट देना अपने आप में बड़ी सफलता है। अब देखना यह होगा कि इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी कैसी प्रतिक्रिया देती है और क्या वह इस मौके को भुनाकर सीरीज की पहली जीत दर्ज कर पाती है या फिर ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाज़ी वापसी करते हुए मैच को फिर से संतुलित बना देती है। एशेज की यह ऐतिहासिक भिड़ंत एक बार फिर रोमांचक मोड़ पर पहुँच चुकी है और आने वाले दिनों में क्रिकेट प्रेमियों को कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।
