मेक्सिको के ओआक्साका में इंटरओशनिक ट्रेन हादसा (तस्वीर क्रेडिट@Af_Journalist)

मेक्सिको के ओआक्साका में इंटरओशनिक ट्रेन हादसा: 13 की मौत,दर्जनों घायल,बड़े प्रोजेक्ट पर उठे सवाल

मेक्सिको सिटी,29 दिसंबर (युआईटीवी)- मेक्सिको के ओआक्साका राज्य में रविवार (28 दिसंबर) को एक बड़ा रेल हादसा हो गया,जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इंटरओशनिक ट्रेन के पटरी से उतर जाने के कारण कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई,जबकि लगभग 98 यात्री घायल हो गए। यह हादसा चिवेला और निज़ांडा शहर के बीच उस समय हुआ,जब ट्रेन तेज़ रफ्तार से अपने गंतव्य की ओर बढ़ रही थी। हादसे के तुरंत बाद आपातकालीन सेवाएँ,स्थानीय प्रशासन और केंद्रीय एजेंसियाँ मौके पर पहुँचीं और राहत-बचाव कार्य शुरू किया।

रिपोर्टों के मुताबिक ट्रेन में कुल 250 लोग सवार थे,जिनमें 9 चालक दल के सदस्य और 241 यात्री शामिल थे। नेवी (नौसेना) ने जानकारी दी कि 193 यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया,लेकिन बाकी यात्रियों को गंभीर चोटें आईं। घायलों में से 36 लोगों को विशेष चिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता पड़ी,जिनमें कुछ को नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। राहत टीमों ने रात भर बचाव अभियान चलाया,ताकि मलबे के नीचे फँसे लोगों तक जल्द पहुँचा जा सके और आगे किसी भी तरह की जनहानि को रोका जा सके।

मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि घायल यात्रियों में कम से कम पाँच लोगों की हालत नाज़ुक बनी हुई है। उन्होंने इस दर्दनाक घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई। साथ ही उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत घटनास्थल पर भेजने का निर्देश दिया,ताकि प्रभावित परिवारों को सहायता,मुआवजा और आवश्यक मदद उपलब्ध कराई जा सके। उनके अनुसार,सरकार इस हादसे के हर पहलू की गहन जाँच करेगी और यदि लापरवाही सामने आई,तो उसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इसी बीच,अटॉर्नी जनरल अर्नेस्टिना गोडॉय रामोस ने भी एक बयान जारी करते हुए पुष्टि की कि अटॉर्नी जनरल का कार्यालय मामले की औपचारिक जाँच शुरू कर चुका है। जाँच टीमें यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि दुर्घटना का कारण तकनीकी खामी,रखरखाव में कमी,मानवीय त्रुटि या किसी बाहरी कारक से जुड़ा था। रेलवे सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के प्रोजेक्ट्स में नियमित निरीक्षण,आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम और प्रशिक्षित स्टाफ की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि क्या सभी मानकों का पालन सही तरीके से हुआ था या नहीं।

इंटरओशनिक ट्रेन का उद्घाटन वर्ष 2023 में पूर्व राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्रेडोर ने किया था। यह ट्रेन देश के महत्वाकांक्षी इंटरओशनिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट का हिस्सा है,जिसका उद्देश्य तेहुआंतेपेक के इस्थमस के पार रेल लिंक को आधुनिक बनाना था। इस प्रोजेक्ट के जरिए मेक्सिको के पैसिफिक पोर्ट सलीना क्रूज को खाड़ी तट पर स्थित कोएत्जाकोआल्कोस से जोड़ने की योजना बनाई गई। इसके माध्यम से माल और यात्रियों की आवाजाही न केवल तेज़ और सुलभ बननी थी,बल्कि दक्षिणी मेक्सिको के आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी।

मेक्सिकन सरकार लंबे समय से इस्थमस को एक रणनीतिक व्यापार गलियारे के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रही है। बंदरगाहों,रेलवे नेटवर्क और औद्योगिक बुनियादी ढाँचे के विस्तार के जरिए ऐसा रूट तैयार किया जा रहा था,जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पनामा नहर के विकल्प के रूप में उभर सके। इस प्रोजेक्ट से भारी निवेश,रोज़गार सृजन और नई औद्योगिक गतिविधियों को गति मिलने की उम्मीद थी,लेकिन इस हादसे के बाद परियोजना की सुरक्षा और क्रियान्वयन को लेकर सवाल ज़रूर खड़े हो गए हैं। स्थानीय समुदायों और विपक्षी दलों ने माँग की है कि जब तक सभी सुरक्षा मानकों की ठोस समीक्षा नहीं हो जाती,तब तक भविष्य के संचालन पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाए।

हादसे के तुरंत बाद रेलवे विभाग ने कहा कि दुर्घटनास्थल पर तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम तैनात कर दी गई है,जो पटरियों की स्थिति,ट्रेन के ब्रेकिंग सिस्टम और सिग्नलिंग डेटा की विस्तृत जाँच कर रही है। वहीं,प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसे से ठीक पहले ट्रेन में असामान्य झटके महसूस हुए और कुछ यात्रियों ने धुएँ जैसी गंध आने की बात भी कही। हालाँकि,आधिकारिक तौर पर अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँचा गया है।

मानवीय दृष्टि से देखें तो यह हादसा कई परिवारों के लिए अपूरणीय क्षति लेकर आया है। मृतकों के घरों में मातम पसरा है और घायल यात्रियों के परिजन अस्पतालों में चिंतित प्रतीक्षा कर रहे हैं। सरकार ने राहत राशि घोषित करने का संकेत दिया है और मनोवैज्ञानिक सहायता टीमों को भी तैनात किया गया है,ताकि प्रभावित लोगों को मानसिक सहारा मिल सके। विशेषज्ञों का मानना है कि बड़े बुनियादी ढाँचा प्रोजेक्ट तभी सफल होते हैं,जब उनमें सुरक्षा को पहली प्राथमिकता दी जाए और नियमित ऑडिट के जरिए संभावित जोखिमों को पहले ही चिन्हित कर लिया जाए।

यह दुर्घटना न केवल एक दुखद मानवीय त्रासदी है,बल्कि यह चेतावनी भी देती है कि विकास की रफ्तार सुरक्षा से आगे नहीं बढ़नी चाहिए। आने वाले दिनों में जाँच रिपोर्ट सामने आने पर यह साफ हो सकेगा कि आखिरकार यह हादसा किस वजह से हुआ और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएँगे। फिलहाल पूरा मेक्सिको शोक में डूबा है और उम्मीद कर रहा है कि घायल जल्द स्वस्थ हों और पीड़ित परिवारों को न्याय और सहायता समय पर मिले।