इंडोनेशिया के नर्सिंग होम में भयावह आग (तस्वीर क्रेडिट@aa_balkans)

इंडोनेशिया के नर्सिंग होम में भयावह आग,16 की मौत — पुलिस जाँच जारी,घायल अस्पतालों में भर्ती

जकार्ता,29 दिसंबर (युआईटीवी)- इंडोनेशिया के नॉर्थ सुलावेसी प्रांत की राजधानी मनाडो में रविवार देर रात लगी आग ने कई परिवारों को गहरे शोक में डुबो दिया। शहर के रानोमुत उप-जिले में स्थित पांति वेर्धा दमाई नर्सिंग होम में अचानक लगी भीषण आग से कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई,जबकि कई अन्य घायल हो गए। अधिकारियों के अनुसार यह हादसा स्थानीय समयानुसार रात करीब 8 बजकर 36 मिनट पर हुआ,जब अधिकांश बुजुर्ग मरीज अपने कमरों में आराम कर रहे थे। न्यूज़ एजेंसी शिन्हुआ ने इंडोनेशियाई अधिकारियों के हवाले से इस दुखद घटना की पुष्टि की है।

उत्तरी सुलावेसी क्षेत्रीय पुलिस के जनसंपर्क प्रमुख अलमस्या पी हसीबुआन ने बताया कि मृतकों के शवों को तुरंत भायांगकारा अस्पताल ले जाया गया,जहाँ उनकी पहचान करने की प्रक्रिया जारी है। अधिकांश पीड़ित या तो बुजुर्ग निवासी थे या वे लोग जो नर्सिंग होम में देखभाल के लिए भर्ती थे। अधिकारियों ने बताया कि पहचान प्रक्रिया पूरी होने के बाद पीड़ितों के परिवारों को औपचारिक रूप से सूचित किया जाएगा और आगे की कानूनी प्रक्रियाएँ पूरी की जाएँगी।

आग लगने की सूचना मिलते ही शहर प्रशासन ने राहत एवं बचाव अभियान तेज कर दिया। मनाडो शहर सरकार की ओर से भेजी गई तीन दमकल गाड़ियाँ कुछ ही देर में मौके पर पहुँच गईं। दमकल कर्मियों ने घने धुएँ और तेज लपटों के बीच कड़ी मशक्कत के बाद रात 9 बजकर 30 मिनट तक आग पर काबू पा लिया। हालाँकि,तब तक नर्सिंग होम के कई हिस्से पूरी तरह जल चुके थे और भीतर फँसे कई लोगों तक पहुँच पाना मुश्किल हो गया था। दमकल कर्मियों और स्थानीय पुलिस ने मिलकर प्रभावित भवन को खाली कराया और घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया।

बचाव अभियान के दौरान पुलिस ने पूरे इलाके को घेराबंदी कर सुरक्षित किया,ताकि भीड़भाड़ के कारण राहत कार्यों में कोई बाधा न आए। जीवित बचे लोगों को मनाडो सिटी रीजनल अस्पताल और पर्मता बुंडा अस्पताल में भर्ती कराया गया,जहाँ उनका उपचार जारी है। डॉक्टरों के अनुसार कुछ मरीजों को धुएँ के अधिक संपर्क के कारण सांस लेने में दिक्कत हुई,जबकि कुछ अन्य को जलने की चोटें आईं। गंभीर रूप से घायल मरीजों की लगातार निगरानी की जा रही है।

इस बीच,पुलिस और फोरेंसिक विशेषज्ञों की संयुक्त टीम ने घटना के कारणों की जाँच शुरू कर दी है। हसीबुआन ने बताया कि फोरेंसिक टीम घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण कर रही है और आग लगने के संभावित कारणों की पड़ताल के लिए साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जाँच दल ने नर्सिंग होम के कर्मचारियों और आसपास मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों से भी पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक तौर पर अधिकारियों का कहना है कि अभी आग लगने का निश्चित कारण बताना जल्दबाजी होगा,लेकिन बिजली के शॉर्ट सर्किट से लेकर उपकरणों की खराबी तक सभी संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है।

इस घटना ने न केवल राज्य प्रशासन,बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है,क्योंकि नर्सिंग होम जैसे संस्थानों को हमेशा सबसे सुरक्षित जगहों में गिना जाता है,खासकर तब जब वहाँ बुजुर्ग और बीमार लोग रहते हों। कई स्थानीय संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से माँग की है कि बुजुर्ग देखभाल केंद्रों में अग्नि सुरक्षा मानकों की व्यापक समीक्षा की जाए,ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।

ध्यान देने वाली बात यह भी है कि इस महीने की शुरुआत में इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में भी आग ने पाँच लोगों की जान ले ली थी। 18 दिसंबर की रात लगभग 8 बजकर 10 मिनट पर एक आवासीय मकान में आग लग गई थी,जो बाद में इस कदर फैल गई कि उसे बुझाने के लिए 10 दमकल गाड़ियों को तैनात करना पड़ा। जकार्ता क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रमुख इस्नावा अजी के अनुसार आग पर काबू पाने में रात 11 बजे तक का समय लग गया और पीड़ितों के शव अगली सुबह 8 बजे के करीब मिले। प्रारंभिक जाँच में सामने आया कि वह मकान एक्सेसरीज उत्पादन के गोदाम के रूप में भी इस्तेमाल होता था और संभवतः बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हादसा हुआ।

दोनों घटनाओं ने इंडोनेशिया में आग से सुरक्षा के मुद्दे को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार पुराने भवनों में आग से बचाव के पर्याप्त उपकरण मौजूद नहीं होते या वे खराब हालत में होते हैं। खासतौर पर ऐसे संस्थानों में जहाँ बुजुर्ग,मरीज या विकलांग लोग रहते हैं,वहाँ निकासी के सुरक्षित मार्ग और अलार्म सिस्टम का अत्यधिक महत्व होता है। मनाडो की इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी जानलेवा साबित हो सकती है।

स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि नर्सिंग होम प्रबंधन के दस्तावेज,सुरक्षा रिकॉर्ड और उपकरणों की कार्यस्थिति की भी जाँच की जाएगी। यदि किसी प्रकार की लापरवाही पाई जाती है,तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए आश्वासन दिया है कि उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। वहीं नागरिकों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और आधिकारिक जानकारी का इंतजार करें,क्योंकि फिलहाल जाँच अपने शुरुआती चरण में है।

मनाडो की यह त्रासदी एक दर्दनाक याद दिलाती है कि आपदा कभी भी और कहीं भी दस्तक दे सकती है। ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए आवश्यक है कि सभी संस्थान—चाहे वे अस्पताल हों,नर्सिंग होम हों या आवासीय इमारतें,अग्नि सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन करें और समय-समय पर सुरक्षा ऑडिट कराएँ। फिलहाल पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल है और लोग इस प्रार्थना के साथ इंतजार कर रहे हैं कि घायल जल्द से जल्द स्वस्थ हों,जबकि जाँच एजेंसियाँ उन जवाबों की तलाश में जुटी हैं जो भविष्य में जीवन बचाने में मदद कर सकें।