पवार के परिजनों से संबंधित छापेमारी में 184 करोड़ रुपये की काली कमाई का पता चला : आयकर विभाग

मुंबई, 15 अक्टूबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| आयकर विभाग ने पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और अन्य से कथित रूप से जुड़े कम से कम 70 परिसरों पर छापेमारी की।

आयकर विभाग ने कहा कि छापेमारी के दौरान लगभग 184 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय के सबूत मिले हैं।

आईटी विभाग ने पुणे और बारामती के साथ-साथ गोवा और जयपुर में एक साथ छापे के दौरान मुंबई में दो अज्ञात रियल्टी कंपनियों और उनसे जुड़े अन्य अज्ञात व्यक्तियों/संस्थाओं पर छापा मारा।

दोनों व्यापार समूहों की लगभग 184 करोड़ रुपये की बेहिसाबी आय से जुड़े अपराध सिद्ध करने वाले दस्तावेज बरामद किए गए।

आयकर विभाग के अनुसार, छापेमारी से इन व्यापारिक समूहों द्वारा कई कंपनियों के साथ लेन-देन का पता चला है, जो प्रथम ²ष्टया संदिग्ध प्रतीत होता है।

निधियों के प्रवाह के प्रारंभिक विश्लेषण से संकेत मिलता है कि फर्जी शेयर प्रीमियम पेश करने, संदिग्ध असुरक्षित ऋण, कुछ सेवाओं के लिए अप्रमाणित अग्रिम की प्राप्ति, फर्जी विवादों से मिलीभगत वाले मध्यस्थता सौदों जैसे विभिन्न संदिग्ध तरीकों के माध्यम से समूह में बेहिसाब धन लाया गया।

आईटी विभाग ने संबंधित परिवार की पहचान किए बिना कहा, “यह भी पाया गया कि धन का यह संदिग्ध प्रवाह महाराष्ट्र के एक प्रभावशाली परिवार की मिलीभगत से हुआ है।”

संदिग्ध तरीके से जुटाई गई धनराशि का उपयोग विभिन्न संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए किया गया, जैसे मुंबई के एक प्रमुख इलाके में कार्यालय भवन, दिल्ली के एक महंगे इलाके में फ्लैट, गोवा में रिसॉर्ट, महाराष्ट्र में कृषि भूमि और चीनी मिलों में निवेश। इन संपत्तियों का कुल बाजार मूल्य करीब 170 करोड़ रुपये है।

छापेमारी में 2.13 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और 4.32 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए गए हैं।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार ने आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करके राजनीतिक विरोधियों का पीछा करने के लिए केंद्र में भाजपा सरकार की आलोचना की है। उन्होंने इसे राजनेताओं के ‘रिश्तेदारों को निशाना बनाने’ का एक नया पैटर्न या तरीका करार दिया है।

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