व्यापम घोटाले में तीन दोषियों को पांच वर्ष सश्रम कारावास की सजा

नई दिल्ली,14 दिसंबर(युआईटीवी/आईएएनएस) मध्यप्रदेश में केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई)की विशेष अदालत ने एमबीबीएस पाठ््यक्रम में दाखिल कराने के व्यापम घोटाला मामले में तीन लोगों को पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सुनाई है। सीबीआई अदालत ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए सौरव कुमार सिंह, उमेश कुमार श्रीवास्तव और प्रवीण सिंह राठौर को यह सजा सुनाई और प्रत्येक पर आठ आठ हजार रुपए जुर्माना भी किया।

इस मामले में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था लेकिन चौथा दोषी शुरू से ही फरार था। प्राप्त जानकारी के अनुसार शुरू में यह मामला संयोगिता गंज पुलिस थाने में दर्ज कराया गया था लेकिन बाद में इसे सीबीआई को सौंप दिया गया था।

सीबीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन चारों ने एक डॉक्टर के साथ धोखाधड़ी की थी कि वे उसके बेटे का दाखिला इंदौर मेडिकल कॉलेज में मैनेजमेंट कोटे के तहत करा देंगे और इसके एवज में उन्होंने उससे दो बार साढ़े छह छह लाख रुपए ले लिए थे और बाद में उससे बात भी करनी बंद कर दी थी। इन लोगों ने उसके बेटे को 2011 में पीएमटी प्रवेश परीक्षा का फार्म भरवाने के लिए उसकी दसवीं कक्षा की मार्कशीट ली और हस्ताक्षर के नमूने भी लिए। इसके बाद उन्होंने डॉक्टर के बेटे की ई-मेल आईडी पर सारे दस्तावेज भी भेजे थे।

दोषियों ने डाक्टर से पूरी रकम लेने के बाद उससे बात करनी बंद कर दी और फिर उसने इनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था और बाद में मामला सीबीआई कौ सौंप दिया गया था। सीबीआई ने मामले की जांच पूरी कर इन चारों के खिलाफ 2015 में आरोप पत्र दाखिल किया और अदालत ने इस सभी को दोषी करार दिया। चौथा आरोपी अभी तक लापता है।

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