ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट 2022) को स्थगित करने के मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गयी और सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा को स्थगित करने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए परीक्षा स्थगित करने से इंकार किया कि परीक्षा में देरी से छात्रों में “अराजकता और अनिश्चितता” हो सकती है।
गेट की परीक्षा मुख्य रूप से इंजीनियरिंग और विज्ञान में विभिन्न स्नातक विषयों की व्यापक समझ का परीक्षण करती है । इस परीक्षा में सफल परीक्षार्थी मास्टर कार्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं । कुछ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा भर्ती के लिए भी गेट की परीक्षा में सफलता प्राप्त करना अनिवार्य है।
शीर्ष अदालत से हरी झंडी के साथ, गेट 2022 परीक्षा अब 5, 6, 12 और 13 फरवरी को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही आयोजित की जाएगी।
इस परीक्षा में 9 लाख छात्रों को शामिल होना है और लगभग 20,000 छात्रों ने परीक्षा स्थगित करने के लिए एक ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि निर्धारित परीक्षा से ठीक 48 घंटे पहले गेट को स्थगित कर उन छात्रों के करियर के साथ नहीं खेला जा सकता जिन्होंने इसकी तैयारी की है साथ ही उन्होंने फैसला लिया कि यह अकादमिक नीति का मामला है कि कब परीक्षा होनी चाहिए और अदालत इस क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

