मप्र के गेहूं की विदेशों में मांग

भोपाल, 19 अप्रैल (युआईटीवी/आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के गेहूं की विदेशों में मांग है और यही कारण है कि राज्य से वर्ष 2021-22 और 2022-23 में 15 अप्रैल तक दो लाख मीट्रिक टन गेहूं का विदेशों में निर्यात किया गया। राज्य में पैदा होने वाले गेहूं की गुणवत्ता और बंपर पैदावार के चलते विदेशों में निर्यात बढ़ा है। वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में 15 अप्रैल तक दो लाख चार हजार 771 मीट्रिक टन गेहूं का विदेशों में निर्यात किया गया। इसमें इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, हरदा, छिंदवाड़ा और दतिया से बांग्लादेश, इंडोनेशिया, श्रीलंका, यू.ए.ई., विएतनाम को गेहूं निर्यात किया गया। जबकि भोपाल, गुना, टीकमगढ़, मुरैना, ग्वालियर और अन्य जिलों से इजिप्ट, फिलीपींस, जिम्बाब्वे एवं तंजानिया में गेहूं निर्यात की पर्याप्त संभावनाएं हैं।

बताया गया है कि गेहूं के निर्यात से लगभग 460 करोड़ आठ लाख रुपए का विदेशी राजस्व भी प्राप्त हुआ है। इस अवधि में सर्वाधिक गेहूं इंदौर से 97 हजार 887 मी.टन एवं अन्य कुछ जिलों से न्यूनतम तीन हजार 370 मी. टन निर्यात किया गया।

राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने बताया कि विगत एक माह में मध्यप्रदेश से देश के विभिन्न आठ स्थानों पर गेहूं के 87 रेक भेजे गए।

उल्लेखनीय है कि मंत्रि-परिषद द्वारा लिए निर्णय के बाद निर्यातकों के पंजीयन हेतु ऑनलाईन पोर्टल प्रारंभ किया गया है।

वहीं रबी फसलों की खरीदी की प्रक्रिया जारी है। रबी उपार्जन में 27 लाख 24 हजार 999 मीट्रिक टन रबी फसलों के लिए पंजीयन कराया गया, जिसमें गेहूं 19 लाख 81 हजार 506, चना चार लाख 57 हजार 680, मसूर एक लाख 14 हजार 876 एवं एक लाख 70 हजार 937 मीट्रिक टन सरसों फसल के लिए पंजीयन शामिल है। यह पंजीयन 5017 उपार्जन केन्द्रों पर कराया गया।

खाद्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के एक लाख 85 हजार 366 कृषकों ने अपनी फसलों के विक्रय के लिए पंजीयन कराया है। इसमें से एक लाख 70 हजार 48 किसानों ने गेहूं, 15 हजार 318 किसानों ने चना विक्रय के लिए पंजीयन कराया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *