नई दिल्ली, 24 मई (युआईटीवी/आईएएनएस)- म्यूचुअल फंड्स को पैसिवली मैनेज्ड इक्विटी-लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स (ईएलएसएस) शुरू करने की अनुमति देना पैसिव फंड्स के समग्र विकास की दिशा में एक ‘स्वागत योग्य कदम’ है। मोतीलाल ओसवाल एएमसी में पैसिव फंड के शोध प्रमुख महावीर कासवा ने यह बात कही।
दरअसल भारतीय पूंजी बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड्स को पैसिवली मैनेज्ड फंड्स (निष्क्रिय रुप से प्रबंधित इक्विटी -लिंक्ड बचत योजनाएं) भी लॉन्च करने की मंजूरी दे दी है।
सेबी ने सोमवार को म्यूचुअल फंडों को पैसिवली (निष्क्रिय) तरीके से प्रबंधित ईएलएसएस शुरू करने की अनुमति दी, हालांकि यह अनुमति एक चेतावनी के साथ दी गई है। सेबी ने ये निर्देश दिया है कि म्यूचुअल फंडों में या तो सक्रिय रूप से प्रबंधित ईएलएसएस स्कीम्स होंगी या निष्क्रिय रूप से प्रबंधित ईएलएसएस स्कीम्स होंगी। दोनों स्कीम्स एक साथ नहीं हो सकती हैं।
कासवा ने एक नोट में कहा, “हालांकि हम अभी भी सकरुलर के निहितार्थ का मूल्यांकन कर रहे हैं। हमारा मानना है कि सेबी द्वारा ‘सकरुलर ऑन डेवलपमेंट ऑफ पैसिव फंड्स’ पैसिव फंड्स के समग्र विकास के लिए एक बड़ा स्वागत योग्य कदम है।”
उन्होंने कहा कि डेट ईटीएफ या इंडेक्स फंड के मानदंड निश्चित रूप से डेट पैसिव फंड उत्पाद की पेशकश को व्यापक बनाने में मदद करेंगे।
उन्होंने कहा, “बाजार बनाने के संबंध में उठाए गए कदमों की संख्या, स्टॉक एक्सचेंज पर आईएनएवी, या ट्रैकिंग त्रुटि और ट्रैकिंग अंतर का खुलासा निवेशकों को निष्क्रिय फंड मैनेजर का सही विकल्प बनाने के लिए तैयार करेगा।”
सेबी ने कहा कि निष्क्रिय ईएलएसएस योजना उनके बाजार पूंजीकरण के मामले में शीर्ष 250 कंपनियों के इक्विटी शेयरों वाले सूचकांकों में से एक पर आधारित होनी चाहिए।