तमिलनाडु कार विस्फोट मामले में साइबर फोरेंसिक की जांच तेज, खंगाले जा रहे सुराग

चेन्नई, 26 अक्टूबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- तमिलनाडु के साइबर फोरेंसिक विशेषज्ञ जमीशा मुबीन और उसके पांच सहयोगियों की पूरी कुंडली खंगाली जा रही है। ताकि उन व्यक्तियों और संगठनों का पता लगाया जा सके जिनके लिए वो काम करते थे या जिनके संपर्क से उन्होंने दहशत का सामान जमा किया था। यह भी पता लगाया जा रहा है क्या यह सिर्फ मोहरे थे, इनके इस देश विरोधी खेल का राजा और वजीर कौन है ? तमिलनाडु साइबर विंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, हम मृतक जमीशा मुबीन और गिरफ्तार किए गए पांच लोगों के मोबाइल फोन कॉल विवरण को ट्रैक कर रहे हैं ताकि उनके परिचितों और उनके जमीनी समर्थकों का पता लगाया जा सके। अधिकारी मारे गए जमीशा मुबीन और उसके साथियों के घर से मिले विस्फोटक के स्रोत का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। देशी बम बनाने के लिए जिन रसायनों का उपयोग किया जाता है उनमें पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर शामिल हैं जो पुलिस टीम को मिले थे।

तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मामले में एनआईए जांच की सिफारिश करने का फैसला किया है। साइबर अधिकारी उन जगहों का भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जहां मृतक जमीशा और उसके साथी हाल के दिनों में गए थे। एनआईए ने मुबीन से 2019 में एक मामले के सिलसिले में पूछताछ की थी और उसे छोड़ दिया था।

तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा है कि एनआईए द्वारा पूछताछ के बाद भी राज्य के गृह विभाग ने जमीशा मुबीन की गतिविधियों की निगरानी नहीं की थी। साइबर अधिकारी अब मुबीन और तमिलनाडु और केरल के विभिन्न हिस्सों में उसके करीबी संपर्कों की जांच करने की कोशिश कर रहे हैं।

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