राज्यपाल के समर्थन में उतरीं डिप्टी सीएम की पत्नी अमृता फडणवीस

मुंबई, 25 नवंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को हटाने की तेज होती मांग के बीच शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की गायिका पत्नी गायिका अमृता फडणवीस उनके समर्थन में उतर आईं। उन्होंने कहा कि कोश्यारी दिल से एक ‘मराठी मानुष’ (मराठी पुरुष) हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज के संबंध में उनके हाल के बयानों की गलत व्याख्या की गई।

अमृता ने कहा कि वह राज्यपाल को व्यक्तिगत रूप से जानती हैं और वह वास्तव में मराठियों से प्यार करते हैं।

अमृता ने कहा कि ऐसा कई बार हुआ कि उनकी कही गई बात की गलत व्याख्या की गइै।

सत्तारूढ़ सहयोगी भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की बालासाहेबंची शिवसेना, और विपक्षी कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना (यूबीटी) ने राज्यपाल की आलोचना की है और उन्हें पद से हटाने की मांग की है।

शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्यपाल ने महाराष्ट्र के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्री बाई फुले जैसे लोगों का अपमान किया है।

ठाकरे ने कहा, राज्य में ‘मिंडे’ सरकार (शिंदे का जिक्र) के सत्ता में आने के बाद महापुरुषों का लगातार अपमान किया जा रहा है। केंद्र को उन्हें तुरंत वापस बुलाना चाहिए।

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि कोश्यारी ने अब सभी हदें पार कर दी हैं। पवार ने सख्त लहजे में कहा, राज्यपाल एक संस्था का प्रतिनिधित्व करता है.. इसकी गरिमा बनाए रखने के लिए हमने पहले राज्यपाल के खिलाफ नहीं बोला, लेकिन अब उन्होंने सारी हदें पार कर दी हैं। ऐसे लोग राज्यपाल जैसे महत्वपूर्ण पद के लायक नहीं हैं।

राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और पार्टी के अन्य नेताओं ने भी छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने पर राज्यपाल को हटाने की मांग की है।

महान मराठा योद्धा छत्रपति उदयनराजे भोसले और छत्रपति संभाजीराजे के वंशज भी अपने पूर्वज के बारे में दिए गए अनुचित बयानों के लिए राज्यपाल की आलोचना कर रहे हैं।

भोसले ने कोश्यारी को ‘तृतीय श्रेणी’ का कहते हुए राष्ट्रपति, पीएम और केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर चेतावनी दी कि वह राज्य में आंदोलन शुरू करेंगे।

उधर राज्यपाल ने कुछ दिनों पहले एक समारोह में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रशंसा कर मामले को ठंडा करने की कोशिश की, लेकिन राज्य के नेता उनकी बर्खास्तगी की मांग पर अडिग हैं।

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