पाकिस्तान को क्लीन स्वीप करने के बाद इंग्लैंड की नजरें एशेज पर

कराची, 21 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- पाकिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक 3-0 की जीत के बाद इंग्लैंड ने अपनी नजरें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अगले वर्ष होने वाली प्रतिष्ठित एशेज सीरीज पर टिका दी हैं।

बेन स्टोक्स के नया कप्तान बनने और ब्रेंडन मैकुलम के नया कोच बनने के बाद इंग्लैंड ने जहां भी हाथ डाला है सोना ही उगला है। हालांकि स्टोक्स-मैकुलम की भागीदारी शुरू होने से पहले इंग्लैंड विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की होड़ से बाहर हो चुका था लेकिन उसने न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज जीती है और भारत के खिलाफ स्थगित टेस्ट मैच एजबस्टन में जीता है।

अब इंग्लैंड 2015 के बाद पहली बार ऑस्ट्रेलिया से एशेज जीतने की कोशिश करेगा। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने कहा है कि उन्हें इंग्लैंड की जर्सी में इससे अधिक मजा कभी नहीं आया। उन्होंने कहा, “मेरा ध्यान एशेज पर है और मेरे दिमाग में अभी से वह चल रहा है। हम एक टीम के रूप में विकसित होते रहेंगे और चेहरे पर मुस्कान लिए हुए क्रिकेट का मजा लेते रहेंगे।”

कराची में जीत के बाद उन्होंने कहा, “परिस्थितियां कैसी भी हों, हम मैदान पर हर एक पल का मजा ले रहे हैं। रावलपिंडी के पहले मैच में पिच एकदम ़फ्लैट थी, तब मैंने लड़कों से कहा था कि जाओ, ़फ्लैटनेस का मजा लो और देखो क्या कर सकते हो। जेम्स एंडरसन हमारे आस-पास हमेशा मुस्कुराते हैं, जिससे हमें सकारात्मकता मिलती है। ड्रेसिंग रूम का माहौल बेहतरीन है और सभी इंग्लैंड के लिए खेलने का लुत्फ उठा रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारी असली परीक्षा तब होगी, जब चीजें हमारे पक्ष में नहीं जाएंगी। हालांकि हमें उम्मीद है कि ऐसा कभी नहीं होगा।”

स्टोक्स ने अपने खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन पर कहा, “जब आप टीम की जि़म्मेदारी अपने सिर पर लेते हैं तो आपके खिलाड़ी भी अपना प्रदर्शन दिखाते हैं। हमारे अंदर जीतने की इच्छाशक्ति है, इसके अलावा हम लोगों के मनोरंजन के लिए क्रिकेट खेल रहे हैं। ये दोनों चीजें हमें हमारे अंदर से ‘असफलता के डर’ का भाव मिटा देती हैं। आपको स्वीकार करना होगा कि आउट होना बल्लेबाजी का एक हिस्सा है।”

इस सीरीज में युवा हैरी ब्रूक (468 रन) और बेन डकेट (357 रन) ने शानदार खेल दिखाया। अंत में रही सही कसर 18 साल के रेहान अहमद ने पूरी कर दी। उन्होंने कराची के अंतिम टेस्ट में डेब्यू करते हुए पारी के पांच विकेट सहित कुल सात विकेट लिए और इतिहास रच दिया। इसके अलावा ऑली पोप ने ग्लब्स भी संभालते हुए सीरीज में 47.60 के औसत से 238 रन बनाए और 13 शिकार भी किए।

तीसरे टेस्ट के दौरान ऑली रॉबिंसन बीमार पड़ गए थे और उन्हें पहले दिन के तीसरे ओवर में ही मैदान छोड़ना पड़ा था। हालांकि उन्होंने वापस आते हुए गेंदबाजी की और अजहर अली का महत्वपूर्ण विकेट लिया। रावलपिंडी टेस्ट से पहले भी इंग्लैंड के कई खिलाड़ी बीमार हो गए थे और टेस्ट मैच के देरी से शुरू होने की संभावना आ गई थी। हालांकि बाद में ऐसा नहीं हुआ और इंग्लैंड के 11 खिलाड़ी उपलब्ध होने के बाद टेस्ट मैच तय समय से शुरू हुआ।

स्टोक्स ने कहा, “मुझे सभी खिलाड़ियों पर गर्व है। इस दौरे के शुरूआत से ही सभी को कुछ ना कुछ दिक्कतें आनी शुरू हो गई थी, लेकिन सभी ने अपना प्रयास किया। कई दिन ऐसे गए जब गेंदबाज दिन के खेल के बाद एकदम थककर चूर हो जाते थे, लेकिन अगले दिन वे गेंदबाजी के लिए तैयार भी रहते थे। मार्क वुड पहले टेस्ट के दौरान बीमार हो गए थे, लेकिन दूसरे टेस्ट में उन्होंने बेहतरीन वापसी की।”

इंग्लैंड को इसके बाद फरवरी में न्यूजीलैंड में जाकर दो टेस्ट मैच खेलना है, उसके बाद आयरलैंड के खिलाफ एक टेस्ट होगा और फिर टीम एशेज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उतरेगी। स्टोक्स की निगाहें अभी से एशेज सीरीज पर हैं।

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