लखनऊ, 22 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में उत्तर प्रदेश के पूर्व परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा, पूर्व आईएएस अधिकारी प्रदीप शुक्ला और तीन अन्य को 6 जनवरी, 2023 को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया है। न्यायाधीश संजय शंकर पांडे, जो पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश भी हैं, ने प्रवर्तन निदेशालय, लखनऊ कार्यालय की याचिका पर शुक्ला, कुशवाहा और तीन भाइयों राकेश कुमार टंडन, प्रदीप कुमार टंडन और अनूप कुमार टंडन को समन जारी किया है.
ईडी ने अदालत में कहा कि तत्कालीन मायावती सरकार ने एनआरएचएम परियोजनाओं में मानदंडों को पूरा किए बिना उन्हें कई ठेके दिए थे।
अपने आदेश में न्यायाधीश पांडे ने कहा कि शुक्ला ने कुशवाहा के साथ आपराधिक साजिश में एनआरएचएम धन का दुरुपयोग करने के लिए अधिक दर पर ठेका दिया और सरकारी खजाने को 6.03 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।
अदालत ने कहा, शुक्ला ने टंडन भाइयों की तीन कंपनियों को गलत लाभ पहुंचाया।
यह ठेका आरओ लगाने से जुड़ा था और टंडन बंधुओं के फायदे के लिए टेंडरों में हेराफेरी की गई थी। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि अगर आगे की जांच के दौरान कोई और विवरण सामने आया तो किसी अन्य ज्ञात/अज्ञात आरोपी के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया जाएगा।
ईडी ने अपनी शिकायत में कहा है कि सीबीआई द्वारा 18 जनवरी, 2012 को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और इसके द्वारा विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निरोधक, सीबीआई गाजियाबाद की अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया गया था।
यह राज्य में लागू एनआरएचएम योजनाओं के कार्यान्वयन में वित्तीय अनियमितताओं, भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश से संबंधित था।
