नई दिल्ली, 5 सितम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सितंबर में आयोजित होने वाली नीट-जेईई की परीक्षा के संबंध में 17 अगस्त के आदेश की समीक्षा के लिए दायर हुई याचिकाएं खारिज कर दीं। कोर्ट ने परीक्षाओं को करवाने की मंजूरी दी थी, जिसके बाद कोर्ट से पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया था। जस्टिस अशोक भूषण, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने कहा, “समीक्षा याचिकाओं को दायर करने के लिए आवेदन करने की अनुमति है। हम समीक्षा याचिकाओं और जुड़े हुए कागजात को ध्यान से देख चुके हैं। हमें समीक्षा याचिका बेमानी लगा और इसे खारिज कर दिया।”
विपक्ष शासित पश्चिम बंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड के छह मंत्रियों द्वारा समीक्षा याचिका दायर की गई थी।
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि उन्होंने ‘नीट/ जेईई’ परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की सुरक्षा, और जीवन के अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए अदालत का रुख किया था।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि शीर्ष अदालत ने निश्चित तारीखों पर परीक्षा आयोजित करने में ‘लॉजिस्टिकल’ मुश्किलों की अनदेखी की।
17 अगस्त के आदेश को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ताओं ने कहा, “परीक्षा आयोजित करने और छात्रों की सुरक्षा कायम करने के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण पहलुओं को संतुलित करने में विफल रहा। परीक्षा के आयोजन के दौरान अनिवार्य सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने में विफल रहा।”
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि जीवन चलते रहना चाहिए भले ही दार्शनिक रूप से तार्किक लगता है लेकिन नीट यूजी और जेईई परीक्षा के आयोजन में शामिल विभिन्न पहलुओं के वैध कानूनी तर्क और तार्किक विश्लेषण का विकल्प नहीं हो सकता।