लगभग सभी किसान संगठनों ने इन 3 कृषि कानूनों की मांग की थी : मंत्री रूपाला

गांधीनगर, 14 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री परषोत्तम रूपाला ने सोमवार को कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानून लगभग सभी किसान संगठनों की मांग पर पेश किए गए और उन्होंने इन विधेयकों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस की ओर से उकसाए गए मुट्ठीभर किसान ही इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं।”

रूपाला ने कहा, “मोदी सरकार द्वारा तीन नए कृषि सुधार विधेयक देश के लगभग सभी किसान संगठनों की मांग पर लाए गए हैं और ये संगठन उनका समर्थन कर रहे हैं। विपक्षी कांग्रेस के बहकावे में आकर मुट्ठीभर किसान ही इनका विरोध कर रहे हैं।”

मंत्री सोमवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय ‘कमलम्’ में मीडिया से बात कर रहे थे।

यह पूछे जाने पर कि तीन नए विधेयकों के लिए कितने किसान संगठनों ने मांग की थी या सिफारिश की थी, इस पर रूपाला ने कहा, “इन विधेयकों को लाने से पहले लगभग सभी संगठनों से सलाह ली गई थी। इनमें से हर एक संगठन ने ऐसे विधेयकों की मांग की थी।” हालांकि जब भाजपा नेता से इनमें से किसी भी एक संगठन का नाम पूछा गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

रूपाला ने कहा, “इन विधेयकों को संसद में उचित प्रक्रिया के बाद और सदन में विस्तृत चर्चा और बहस के बाद लाया गया है। ऐसा नहीं है कि इन विधेयकों को सदन में लाने से पहले जनता के पास नहीं ले जाया गया। मैंने स्वयं कई किसान संगठनों से परामर्श किया था।”

उन्होंने कहा, “मोदी सरकार ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)-2 सरकार की तुलना में चार बार एमएसपी में कृषि उपज की खरीद की। कांग्रेस ने स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशों को भी याद नहीं किया या उनका उल्लेख नहीं किया, लेकिन मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद, अचानक उन्होंने स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशों को याद करना शुरू कर दिया है।”

रूपाला ने कहा, “अगर आप संप्रग-2 सरकार की एमएसपी से तुलना करते हैं, तो इसमें मोदी सरकार द्वारा 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कृषि उत्पादन चार गुना बढ़ गया है।”

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