नई दिल्ली,18 मार्च (युआईटीवी)- दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है और जेल अधिकारियों के सामने तुरंत सरेंडर करने का आदेश दिया है। इस समय स्वास्थ्य कारणों की वजह से ‘आप’ नेता मेडिकल जमानत पर हैं।
आत्मसमर्पण करने के लिए ‘आप’ नेता सत्येन्द्र जैन के वकील ने एक सप्ताह के समय की माँग की थी,जिसे न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ,जिसमें न्यायमूर्ति पंकज मिथल भी शामिल थे,ने इस अनुरोध पर विचार करने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने सभी अपील को खारिज करते हुए सत्येन्द्र जैन को तत्काल आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया।
‘आप’ नेता सत्येन्द्र जैन को मई 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था।
शुरुआत में शीर्ष अदालत ने पिछले साल मई में सत्येन्द्र जैन को खराब सेहत के आधार पर छह सप्ताह के लिए अंतरिम राहत दी थी,लेकिन इस अंतरिम जमानत को कई अवसरों पर बढ़ाया जाता रहा। सत्येंद्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट से नियमित जमानत के लिए गुहार लगाई थी। उनकी इस माँग को खारिज करते हुए सबसे बड़ी अदालत ने तुरंत सरेंडर करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
‘आप’ नेता सत्येन्द्र जैन को सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद एक बार फिर से जेल जाना पड़ेगा। आम आदमी पार्टी के तीन बड़े नेता दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया,दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन और पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह एक साथ जेल में होंगे।
दिल्ली हाई कोर्ट ने अप्रैल 2023 में सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका को ख़ारिज कर दिया था और कहा था कि वो एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं,यदि उन्हें जमानत मिल जाएगी तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।

