आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में राजस्थान के मंत्री के खिलाफ केस

जयपुर, 18 अप्रैल (युआईटीवी/आईएएनएस)| राजस्थान के मंत्री महेश जोशी और सात अन्य के खिलाफ एक युवक को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सोमवार देर रात मृतक राम प्रसाद मीणा (43) के भाई महावीर मीणा की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गयी। पीड़ित परिवार का आरोप है कि मंत्री ने उन्हें अपनी जमीन पर घर नहीं बनाने दिया।

अपनी शिकायत में, महावीर मीणा ने कहा कि उनके भाई राम प्रसाद मीणा ने उन्हें बताया था कि मंदिर के निदेशक और हवामहल विधायक और कैबिनेट मंत्री महेश जोशी उन पर जमीन खाली करने का दबाव बना रहे थे और उत्पीड़न कर रहे थे।

ये लोग मेरे परिवार पर जातिसूचक गालियां देते थे और हमें मंदिर के पास नहीं रहने के लिए कहते थे। हमने 2017 में नगर निगम से इस जमीन का पट्टा लिया था।

मृतक के परिजनों ने 24 घंटे से शव को घर पर ही रखा है। उन्होंने उस कमरे को बंद कर दिया है, जिसमें राम प्रसाद ने आत्महत्या की थी और आरोपियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं।

राम प्रसाद ने मरने से पहले एक वीडियो भी बनाया था, इसमें वह कहते सुने जा सकते हैं कि जमीन के तमाम कागजात होने के बावजूद उन्हें घर नहीं बनाने दिया जा रहा है।

गिरधारी जी मंदिर के देवेंद्र शर्मा, होटल रॉयल शेरेटन मुंजी टैंक के मालिक ललित शर्मा, देवा अवस्थी, लालचंद देवनानी और कैबिनेट मंत्री महेश जोशी ने मुझे परेशान किया है जिसके कारण मैं खुद को मारने जा रहा हूं।

उन्होंने अपने वीडियो में कहा, तनाव के कारण मेरी मां गुलाबी देवी और पत्नी सुमन मीणा की तबीयत खराब रहती है। हर जगह शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही, मैं सांसद किरोड़ीलाल मीणा से अनुरोध करता हूं कि मेरे परिवार को न्याय दिलाएं।

गौरतलब है कि राम प्रसाद काले हनुमान मंदिर के पास रहते थे। उनकी जमीन यहां से महज 200 मीटर की दूरी पर है। इसी जमीन को लेकर विवाद है। मृतक अपनी जमीन पर मकान बनाना चाहता था।

आरोप है कि महेश जोशी समेत कई लोग उसे मकान बनाने से रोकते थे। जमीन के सारे कागजात होने के बाद भी उसके घर के बाहर गार्ड लगा दिया गया।

सुभाष चौक थाने के अधिकारियों के अनुसार, ” मृतक के परिजनों द्वारा दी गयी तहरीर पर देर रात प्राथमिकी दर्ज की गयी है। प्राथमिकी में आठ लोगों का नाम है। पीएचक्यू और उच्च अधिकारियों द्वारा जांच के लिए सीआईडी (सीबी) को भेजा गया।

इस बीच, मंत्री महेश जोशी ने आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, मैं पहले प्राथमिकी पढ़ूंगा। इसके बाद ही मैं मामले पर टिप्पणी कर पाऊंगा।

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