नई दिल्ली,22 सितंबर (युआईटीवी)- दिग्गज अभिनेता मोहनलाल ने प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार को मलयालम फिल्म उद्योग को समर्पित करते हुए इसे अपनी कलात्मक यात्रा का सच्चा आधार बताया है। सिनेमा में भारत के सर्वोच्च सम्मान,इस पुरस्कार की घोषणा पर केरल और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों ने व्यापक रूप से जश्न मनाया।
अपने स्वीकृति संदेश में,मोहनलाल ने उन निर्देशकों,सह-कलाकारों,तकनीशियनों और दर्शकों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने उनके चार दशकों से भी ज़्यादा लंबे करियर में उनका साथ दिया। उन्होंने कहा, “यह पुरस्कार सिर्फ़ मेरे लिए नहीं है,बल्कि यह पुरस्कार मलयालम फ़िल्म उद्योग का है,जिसने मुझे तराशा,मुझे अवसर दिए और एक अभिनेता के रूप में मुझे विकसित होने में मदद की। आज मैं जो कुछ भी हूँ,उसका श्रेय मलयालम सिनेमा को जाता है।”
“संपूर्ण अभिनेता” के रूप में विख्यात,मोहनलाल ने मलयालम,तमिल, तेलुगु और हिंदी सहित कई भाषाओं में 350 से ज़्यादा फ़िल्मों में अभिनय किया है। उनकी बहुमुखी प्रतिभा,सहज अभिनय शैली और किरीदम,भारतम,वानप्रस्थम और दृश्यम जैसी फ़िल्मों में उनके शानदार अभिनय ने उन्हें भारत के महानतम अभिनेताओं में से एक के रूप में स्थापित किया है।
उद्योग जगत के सहयोगियों और राजनीतिक नेताओं ने इस सम्मान को केरल और समग्र रूप से भारतीय सिनेमा के लिए गौरव का क्षण बताया। कई फिल्म निर्माताओं ने कहा कि मोहनलाल द्वारा मलयालम फिल्म जगत को यह पुरस्कार समर्पित करने की विनम्रता,इस कला और अपनी जड़ों के प्रति उनके गहरे सम्मान को दर्शाती है।
1969 में स्थापित दादा साहब फाल्के पुरस्कार,भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाता है। इस सम्मान के साथ,मोहनलाल, रजनीकांत,अमिताभ बच्चन,अदूर गोपालकृष्णन और लता मंगेशकर जैसे दिग्गज सिनेमा हस्तियों की श्रेणी में शामिल हो गए हैं,जिन्हें पिछले वर्षों में यह पुरस्कार मिल चुका है।
केरल इस उपलब्धि का जश्न मनाने की तैयारी में है,वहीं प्रशंसक और फिल्म एसोसिएशन सिनेमा में मोहनलाल के अद्वितीय योगदान का सम्मान करने के लिए भव्य आयोजनों की योजना बना रहे हैं।