वाशिंगटन,3 फरवरी (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘टैरिफ आदेश’ के बाद रविवार को कहा कि उनके द्वारा लागू किए गए टैरिफ (शुल्क) अमेरिकी नागरिकों को थोड़ी आर्थिक ‘दर्द’ महसूस करा सकते हैं,लेकिन यह कदम अमेरिकी हितों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक था। ट्रंप का कहना था कि यह ‘दर्द’ अस्थायी होगा और अंततः यह अमेरिका को वैश्विक व्यापार में एक मजबूत स्थिति में ला सकता है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने चीन,मेक्सिको और कनाडा जैसे प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ लागू किए थे। इसके बाद वैश्विक बाजारों में यह चिंता पैदा हुई कि इन शुल्कों के कारण आर्थिक विकास धीमा पड़ सकता है और मुद्रास्फीति में फिर से वृद्धि हो सकती है। विशेष रूप से, यह देखा जा रहा था कि टैरिफ से आयातित सामान महँगे हो सकते हैं,जिससे उपभोक्ताओं को महँगाई का सामना करना पड़ेगा।
ट्रंप ने फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो एस्टेट से वाशिंगटन लौटते हुए कहा कि उन्हें इस कदम से किसी बड़े नाटकीय बदलाव की उम्मीद नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उन देशों पर अमेरिका का बहुत सारा पैसा बकाया है और उन्हें यकीन है कि वे इसका भुगतान करेंगे। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि इस निर्णय के परिणामस्वरूप कुछ समय के लिए अमेरिकी नागरिकों को आर्थिक कठिनाई का सामना हो सकता है, लेकिन उनका मानना था कि यह अमेरिका के लंबे समय तक लाभकारी रहेगा।
ट्रंप ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि, “हमें थोड़े समय के लिए थोड़ी तकलीफ हो सकती है और इसे लोग समझते भी हैं,लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका को लंबे समय से दुनिया के लगभग हर देश ने लूटा है।” उनके मुताबिक, अमेरिका ने दशकों तक वैश्विक व्यापार व्यवस्था में अपनी स्थिति खो दी थी और इस स्थिति को सुधारने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत थी। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर भी इस मुद्दे पर अपनी राय साझा की। उन्होंने बड़े अक्षरों में लिखा, “क्या कुछ दर्द होगा? हाँ, शायद (और शायद नहीं!) लेकिन अमेरिका को हम फिर से महान बनाएँगे और यह सब उस कीमत पर होगा जो चुकानी होगी।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को कनाडा और मेक्सिको के नेताओं से बातचीत करने की बात भी बताई,जो अमेरिका के टैरिफ के जवाब में अपने देशों पर भी शुल्क लगाने की घोषणा कर चुके हैं। हालाँकि,ट्रंप ने अपने निर्णय में किसी भी प्रकार के बदलाव करने का कोई संकेत नहीं दिया है। उनका कहना था कि उन्होंने यह कदम अमेरिकी सुरक्षा,खासकर अवैध इमिग्रेशन और ड्रग्स तस्करी को रोकने के लिए उठाया था। ये दोनों मुद्दे ट्रंप के चुनावी अभियान के प्रमुख आधार थे और उन्होंने अपनी नीतियों में इन्हें प्रमुखता से रखा है।
मंगलवार, 12:01 बजे ईटी (0501 जीएमटी) से यह टैरिफ आदेश प्रभावी होने वाला था। यह कदम अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण था,क्योंकि इससे अमेरिकी आयात के लगभग आधे हिस्से पर शुल्क लगाए जाएँगे। इसके साथ ही,ट्रंप प्रशासन ने यह भी कहा था कि इस अंतर को पूरा करने के लिए अमेरिका को अपने मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट को दोगुना करना होगा। हालाँकि,विश्लेषकों का मानना था कि यह लक्ष्य निकट भविष्य में हासिल करना संभव नहीं है,क्योंकि अमेरिकी उद्योगों को इस स्तर पर बढ़ाने के लिए समय और संसाधनों की आवश्यकता होगी।
शनिवार,1 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे,जिसके तहत मेक्सिको से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगाया गया। कनाडा से आयातित सामानों पर भी 25% टैरिफ लागू किया गया,लेकिन कनाडा के ऊर्जा संसाधनों पर 10% शुल्क लागू होगा। इसी तरह,चीन से आयात पर भी 10% टैरिफ लगाया गया है। ट्रंप का कहना था कि यह कदम मुख्य रूप से अवैध इमिग्रेशन और ड्रग्स तस्करी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया था। इन दोनों मुद्दों को उन्होंने अपने राष्ट्रपति पद की चुनावी अभियान के दौरान प्रमुख मुद्दे के रूप में उठाया था।
ट्रंप के इस निर्णय के बाद वैश्विक व्यापार और राजनीति में उथल-पुथल मच गई थी। कई देशों ने अमेरिका के इस कदम के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और टैरिफ के विरोध में उपायों की घोषणा की थी। इसके साथ ही,व्यापार युद्ध की आशंका भी उत्पन्न हुई थी,जिसमें दुनिया भर के देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते और सहयोग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता था।
ट्रंप ने स्पष्ट किया था कि उनका उद्देश्य अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पुनः सशक्त बनाना है और अमेरिका के लिए व्यापारिक समीकरणों को फिर से बेहतर बनाना है। उनका मानना था कि लंबे समय तक यह कदम अमेरिकी नौकरियों और अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग के पुनर्निर्माण के लिए लाभकारी साबित होगा, हालाँकि इस प्रक्रिया में कुछ समय और असुविधाएँ भी आ सकती हैं।
