नई दिल्ली,3 अक्टूबर (युआईटीवी)- भारत ने सर क्रीक मुद्दे पर पाकिस्तान के आक्रामक रुख को लेकर उसे कड़ी चेतावनी दी है और ज़ोर देकर कहा है कि यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफ़ा प्रयास का कड़ा विरोध किया जाएगा।
नई दिल्ली स्थित आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कच्छ के रण में 96 किलोमीटर लंबा ज्वारीय मुहाना,सर क्रीक,लंबे समय से दोनों देशों के बीच एक विवादित समुद्री सीमा रहा है। भारत ने क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है और स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान की उकसावे वाली कार्रवाइयाँ क्षेत्र में तनाव बढ़ा सकती हैं।
भारत सरकार ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वह आपसी सम्मान और स्थापित अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों पर आधारित बातचीत के लिए तैयार है,लेकिन समुद्री सीमाओं में बदलाव लाने के उद्देश्य से किए गए किसी भी ज़बरदस्ती के उपायों को बर्दाश्त नहीं करेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने टिप्पणी की कि, “भारत की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।” उन्होंने पाकिस्तान द्वारा संवेदनशील सीमा क्षेत्र में शत्रुता बढ़ाने से परहेज़ करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
यह घटनाक्रम सर क्रीक के पास पाकिस्तान की बढ़ती गतिविधियों और आक्रामक रुख के बीच हुआ है,जिसे भारतीय रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान इस मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश मान रहे हैं। भारत ने पाकिस्तान को याद दिलाया है कि सैन्य दुस्साहस नहीं,बल्कि विश्वास बहाली के उपाय और कूटनीतिक रास्ते ही समाधान का एकमात्र व्यावहारिक रास्ता हैं।
सामरिक विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान की कार्रवाई न केवल चल रहे शांति प्रयासों को पटरी से उतार सकती है,बल्कि भारत को अपने समुद्री और सीमा हितों की रक्षा के लिए कड़े जवाबी कदम उठाने के लिए भी मजबूर कर सकती है।