एयर इंडिया ने फ्लाइट AI-171 क्रैश (तस्वीर क्रेडिट@jat2021034)

अहमदाबाद विमान हादसे की जाँच में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की पेशकश,ब्रिटेन और अमेरिका देंगे भारत को तकनीकी सहायता

लंदन,13 जून (युआईटीवी)- 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के अहमदाबाद में टेक-ऑफ के कुछ देर बाद हुए दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सहयोग सामने आने लगा है। इस दर्दनाक हादसे में 242 लोग सवार थे और विमान के पूरी तरह से नष्ट हो जाने के कारण भारी जान-माल की हानि की आशंका है।

अब इस हादसे की औपचारिक जाँच में न सिर्फ भारत की एजेंसियाँ सक्रिय हैं,बल्कि ब्रिटेन और अमेरिका ने भी तकनीकी विशेषज्ञता के साथ सहयोग की पेशकश की है।

ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (एएआईबी) ने आधिकारिक तौर पर बयान जारी करते हुए कहा है कि वह इस दुर्घटना की जाँच में भारत के विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो के साथ मिलकर काम करेगी।

ब्रिटेन की एजेंसी ने कहा, “हम भारत में चल रही जाँच में सहयोग के लिए एक बहु-विषयक जाँच दल भेज रहे हैं। यह कदम आईसीएओ (आईसीएओ) के अनुच्छेद 13 के तहत लिया गया है,क्योंकि इस विमान में ब्रिटिश नागरिक भी सवार थे। हमारी गहरी संवेदनाएँ उन सभी लोगों के साथ हैं,जो इस दुखद घटना से प्रभावित हुए हैं।”

ब्रिटेन के परिवहन मंत्री हाइडी अलेक्जेंडर ने भी इस हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि ब्रिटेन भारत में चल रही जाँच का समर्थन कर रहा है और एएआईबी की टीम शीघ्र भारत पहुँचेगी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर यह भी लिखा, “मैं लगातार घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हूँ और मेरी संवेदनाएँ सभी पीड़ितों और उनके परिजनों के साथ हैं।”

ब्रिटिश हाई कमीशन ने भी भारत में स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय कर स्थिति को समझने और ब्रिटिश नागरिकों को सहायता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एफसीडीओ ने ब्रिटिश नागरिकों के लिए कांसुलर हेल्पलाइन भी सक्रिय कर दी है।

इस मामले में अमेरिका ने भी त्वरित प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका की संघीय विमानन प्रशासन (एफएए)ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह भारत में हुई इस दुर्घटना की जाँच में तकनीकी सहायता देने को तैयार है।

एफएए ने यह भी बताया कि ऐसी किसी भी अंतर्राष्ट्रीयविमान दुर्घटना की स्थिति में,उस देश की सरकार ही जाँच का नेतृत्व करती है,लेकिन यदि सहयोग माँगा जाता है,तो अमेरिका की ओर से एनटीएसबी (राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड) प्रमुख प्रतिनिधि संस्था होती है और एफएए तकनीकी समर्थन देने वाली एजेंसी होती है।

एफएए ने कहा, “हम एनटीएसबी के समन्वय में एक टीम भेजने के लिए तैयार हैं। हमारे पास विमानन हादसों से संबंधित तकनीकी और विश्लेषणात्मक विशेषज्ञता है,जिसे हम भारत के साथ साझा कर सकते हैं।”

भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने इस संदर्भ में प्रेस को बताया कि इस गंभीर विमान हादसे की जाँच अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) द्वारा तय दिशा-निर्देशों के अनुसार औपचारिक रूप से शुरू कर दी गई है।

मंत्री ने कहा, विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (एएआईबी) मामले की विस्तृत तकनीकी जाँच कर रहा है।

इसके अलावा,विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ एक उच्च स्तरीय समिति गठित की जा रही है,जो विमानन सुरक्षा को मजबूत करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाएगी।

उन्होंने बताया कि,ऐसे हादसों की स्थिति में तुरंत एक फील्ड टीम घटनास्थल पर भेजी जाती है।यह टीम ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर जैसे उपकरणों की जाँच करती है।आमतौर पर,प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट तीन महीने के भीतर तैयार कर ली जाती है,जबकि अंतिम रिपोर्ट में अधिक समय लग सकता है।

एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 का अहमदाबाद में हुआ यह दर्दनाक हादसा, भारत के लिए एक गंभीर चुनौती है,लेकिन राहत की बात यह है कि ब्रिटेन और अमेरिका जैसे अंतर्राष्ट्रीय साझेदार इस संकट की घड़ी में तकनीकी और विशेषज्ञ सहयोग देने के लिए आगे आए हैं।

भारत सरकार की ओर से भी तेजी से जाँच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और विमानन सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समन्वय इस बात का संकेत है कि विमान सुरक्षा एक वैश्विक जिम्मेदारी है और ऐसी त्रासदियों को भविष्य में टालने के लिए मिलकर प्रयास करना समय की माँग है।