अहमदाबाद,16 जून (युआईटीवी)- एयर इंडिया विमान हादसे की जाँच अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुँच गई है,क्योंकि मलबे से दूसरा ब्लैक बॉक्स,यानी कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर),बरामद कर लिया गया है। इस अहम डिवाइस के मिलने के बाद जाँच एजेंसियों ने अपनी गतिविधियाँ तेज कर दी हैं और यह उम्मीद जताई जा रही है कि इसके जरिए हादसे के कारणों और घटनाओं की सटीक कड़ी को समझा जा सकेगा।
सीवीआर को आमतौर पर ‘दूसरा ब्लैक बॉक्स’ कहा जाता है। यह एक महत्वपूर्ण उपकरण होता है,जो विमान के कॉकपिट में मौजूद सभी आवाजों को रिकॉर्ड करता है। इसमें पायलटों के बीच की बातचीत,एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क,रेडियो कम्युनिकेशन,कॉकपिट में बजने वाले अलार्म और दुर्घटना से ठीक पहले की कोई भी पृष्ठभूमि ध्वनि शामिल होती है। इन सभी सूचनाओं के ज़रिए जाँचकर्ता यह समझने की कोशिश करते हैं कि पायलटों ने दुर्घटना से पहले क्या फैसले लिए,क्या कोई यांत्रिक चेतावनी मिली थी और हादसा किस स्थिति में हुआ।
एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) के अधिकारियों के अनुसार, अब दोनों ब्लैक बॉक्स सीवीआर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) की जाँच की जा रही है। एफडीआर वह डिवाइस होता है,जो विमान की गति,ऊँचाई,इंजन की स्थिति,दिशा और अन्य तकनीकी मापदंडों को रिकॉर्ड करता है। इन दोनों उपकरणों का विश्लेषण मिलकर एक समग्र चित्र प्रस्तुत करता है कि दुर्घटना किन हालातों में हुई।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा स्वयं अहमदाबाद पहुँचे। उन्होंने न केवल जाँच प्रक्रिया की समीक्षा की बल्कि सिविल अस्पताल जाकर उन घायलों से भी मुलाकात की,जो इस भयावह दुर्घटना में बच पाए हैं और इलाज के दौर से गुजर रहे हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि केंद्र सरकार इस घटना को राष्ट्रीय त्रासदी के रूप में ले रही है और सभी आवश्यक संसाधन जाँच के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मेघानीनगर क्षेत्र में हुए इस एयर इंडिया विमान हादसे में अब तक 270 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में 241 वे यात्री हैं,जो विमान में सवार थे। इसके अलावा,हादसे के वक्त विमान के गिरने के स्थान के आस-पास मौजूद छात्रावासों,मेस हॉल और रिहायशी इलाकों में रहने वाले कई लोग भी इस त्रासदी की चपेट में आ गए। मरने वालों में महिलाएँ,बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं, जिससे इस दुर्घटना का मानव पक्ष और भी मार्मिक हो जाता है।
गुजरात सरकार ने इस हादसे में जान गंवाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के सम्मान में राज्य में एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई भी आधिकारिक समारोह या सार्वजनिक आयोजन नहीं किया जाएगा। विजय रूपाणी भी इस दुर्घटना का शिकार बने जब वे उसी विमान में सवार थे।
जाँचकर्ता अब सीवीआर और एफडीआर के डेटा के आधार पर यह पता लगाने का प्रयास करेंगे कि क्या यह दुर्घटना तकनीकी खामी,मानव त्रुटि या संभावित बाहरी हस्तक्षेप के कारण हुई। इन उपकरणों से मिलने वाले डेटा से यह भी समझा जा सकेगा कि विमान में आपात स्थिति किस बिंदु पर उत्पन्न हुई,पायलटों की प्रतिक्रिया क्या थी और विमान नियंत्रण प्रणाली पर क्या असर पड़ा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सीवीआर की रिकॉर्डिंग सुरक्षित है,तो उसमें कुछ अत्यंत मूल्यवान संकेत मिल सकते हैं, जैसे कि आखिरी मिनटों में पायलटों के भावनात्मक स्वर,चेतावनियों की आवाजें या किसी संभावित विसंगति की पुष्टि। इससे यह सुनिश्चित करना संभव हो सकता है कि ऐसी दुर्घटनाएँ भविष्य में दोबारा न हों।
एयर इंडिया हादसे में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की बरामदगी ने जाँच को एक नई दिशा दी है। पीड़ितों के परिवारों को न्याय दिलाने और विमानन क्षेत्र में सुरक्षा मानकों को और सख्त करने के लिए यह जाँच अत्यंत महत्वपूर्ण है। अब पूरा देश और जाँच एजेंसियाँ सीवीआर और एफडीआर के विश्लेषण की रिपोर्ट का इंतजार कर रही हैं, जिससे यह भयावह त्रासदी पूरी तरह से समझी जा सके और भविष्य में टाली जा सके।